प्रश्न 2 समग्र स्वच्छता अभियान का उदे्दश्य क्या है ?
उत्तरः- समग्र स्वच्छता अभियान का उद्देश्य खुले में शौच से मुक्ति हेतु ग्रामीण क्षेत्रों में स्वच्छता सुविधाओं को व्यापक बनाना है तथा लोगों के स्वास्थ्य एवं जीवन स्तर को बेहतर बनाना है।
इस कार्यक्रम के प्रमुख उदे्दश्य निम्नानुसार है:-
1. ग्रामीण जनजीवन के स्तर में गुणात्मक सुधार लाना।
Posted on 08 Mar, 2010 10:36 AMबैतूल के हरिनारायण मालवीय को पता नहीं था कि वे अपनी नौकरी छोड़कर एक बड़ा काम करने वाले हैं। किसी तरह थोड़ी-बहुत पढ़ाई करके मध्यप्रदेश सरकार में ग्राम सेवक की नौकरी पा जाने वाले मालवीय नहीं जानते थे कि आसपास के इलाकों में उनका नाम इतने सम्मान से लिया जाएगा। असल में ग्राम सेवक के अपने प्रशिक्षण के सिलसिले में वे एक बार होशंगाबाद जिले के पँवारखेड़ा स्थित प्रशिक्षण केन्द्र में गए थे, जहाँ उनके उस्तादो
Posted on 08 Mar, 2010 09:59 AMमंडला से प्रसिद्ध कान्हा-किसली राष्ट्रीय उद्यान के कुछ आगे का नैनपुर असल में उमरिया, निवारी और नैनपुर गाँवों की जमीनों पर 19 वीं शताब्दी में बसा था। पहले अंग्रेजों ने यहाँ के पायली, पारेदा, डेहला, अलीपुर आदि 84 गाँवों को मालगुजारों को बेच दिया था जिनमें से चौधरियों ने 400 रुपए में घुघरी गाँव खरीदा था। और कमला ने 900 रुपए में नैनपुर। उस जमाने में ब्राह्मण बहुल इस इलाके को ‘चौरासी इलाका’ इसीलिए कहा
Posted on 08 Mar, 2010 09:47 AMमंडला-रायपुर मार्ग पर भुआ नाले के दोनों और बसा 15 हजार की आबादी वाला कस्बा भुआ-बिछिया पिछले 30-40 सालों में ही बढ़ा है। देश के भिन्न-भिन्न इलाकों से आए व्यापारियों, कर्मचारियों ने ही यहाँ के अधिकांश पक्के मकान बनवाए हैं। लेकिन पानी के मामले में यह कस्बा आजकल संकटग्रस्त ही माना जाता है।
Posted on 08 Mar, 2010 09:44 AM‘हवेली’ क्षेत्र का एक और बड़ा कस्बा है मंडला-रायपुर राजमार्ग पर बसा, अंजनिया। कहते हैं कि हनुमानजी की माँ अंजनी का यहाँ निवास था। बम्हनी की तरह यहाँ भी पुराने तालाब हैं। हर्राही और अंधियारी तालाब गोंडों के समय के हैं। इनकी सफाई में पुराने अवशेष और एक सिल-लोढ़ा मिला था। गाँव की चारों दिशाओं में फूटाताल, केवलाही, बड़ा तालाब और हर्राही बने थे जिनमें से शुरू के तीन मालगुजारों ने बनवाए थे। कहते हैं कि