झारखंड

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सूखे हैं मनरेगा के कुएं तालाब में टहलती हैं बकरियां
Posted on 04 Jun, 2013 11:03 AM मनरेगा में किस कदर धांधली की जा रही है, यह पाकुड़ जिले के हिरणपुर प्रखंड, केंदुआ पंचायत के वनपोखरिया में देखी जा सकती है। पैक्स-मनरेगा के पलैगशिप प्रोग्राम के तहत झारखंड के 10 जिलों में मनरेगा का सोशल ऑडिट कराया जा रहा है। राषट्रीय स्तर की गैर स्वयंसेवी संस्था एफिकोर एवं भारतीय ज्ञान-विज्ञान समिति द्वारा केंदुआ प्रखंड के अंतर्गत मनरेगा योजनाओं की सोशल ऑडिट पर जन-सुनवाई की गयी। यह जन-सुनवाई केंदुआ
नदी से सोना छानने में रेत होती जा रही हैं सैकड़ों जिंदगियां
Posted on 03 Jun, 2013 04:14 PM परेशानी : दिनभर नदी में खड़े रहने के बाद भी मेहनताना न के बराबर
गिरिडीह में फसलों की उत्पादकता बढ़ाने को विभाग गंभीर
Posted on 31 May, 2013 04:25 PM गिरिडीह जिले में कृषि विभाग फसलों की उत्पादकता बढ़ाने के लिए गंभीर है। चाहे वह धान की फसल हो या कोई अन्य जिला कृषि पदाधिकारी विजय कुमार ने बताया कि श्रीविधि से धान की खेती के कारण उत्पादकता में वृद्धि हुई है। विभाग भी इस ओर गंभीर है। इसी कड़ी में विभाग ने द्वितीय हरित क्रांति के तहत जिले के पांच ब्लाक पीरटांड़, बगोदर, जमुआ, तिसरी व देवरी को प्रस्ताव भेजा है। इस योजना के तहत किसानों को प्रति एकड़ च
जल्द मिलेंगी बीज की नयी किस्में
Posted on 31 May, 2013 03:54 PM बिरसा कृषि विश्व विद्यालय के वैज्ञानिकों ने छह फसलों की नौ नयी किस्मों को विकसित किया है। इसे झारखंड राज्य बीज उप समिति ने मंजूरी भी दे दी है। अब इसे केंद्र की स्वीकृति व अधिसूचना जारी किये जाने का इंतजार भर है। केंद्रीय कृषि मंत्रालय के उपायुक्त (गुणवत्ता नियंत्रण) सह सचिव, केंद्रीय बीज समिति, नयी दिल्ली की मंजूरी मिलते ही इन प्रजातियों के बीज उत्पादन का कार्यक्रम खरीफ एवं रबी मौसम में शुरू कर दि
श्री विधि से धान उत्पादन का लक्ष्य संभव
Posted on 31 May, 2013 03:06 PM
धान उत्पादन और उत्पादकता बढ़ाने के लिए लगातार प्रयास किये जा रहे हैं। इस वर्ष बिहार में 25 लाख एकड़ क्षेत्र में श्री विधि से धान उत्पादन का लक्ष्य रखा गया है। बिहार में लगभग 32 से 35 लाख हेक्टेयर में धान की खेती होती है। श्री विधि और संकर किस्म के धान को बढ़ावा देकर उत्पादकता बढ़ाने का कोशिश हो रही है। धान उत्पादन के लिए केंद्र से ‘कृषि कर्मण पुरस्कार’ बिहार और झारखंड को मिले। श्री विधि स
बाघा में रुक रहा पलायन, लोग हो रहे आत्मनिर्भर
Posted on 31 May, 2013 01:01 PM बिरसु उरांव की जमीन एक साथ नहीं है। छोटी-छोटी क्यारी अलग-अलग जगहों पर है। इसलिए उन्होंने खेती की शुरुआत दूसरे की जमीन पर की। उस साल फसल इतनी अच्छी हुई की अन्य किसान भी उनकी तरक्की देख कृषि पर ध्यान देने लगे। उन्हें श्री विधि से खेती के लिए मुख्यमंत्री से पुरस्कार भी मिल चुका है। बिरसु टमाटर की खेती के लिए भी पुरस्कार प्राप्त कर चुके हैं। वे खेत पर ही छोटी-सी कुटिया बनाकर पत्नी के साथ रहते हैं, ताक
अति पिछड़ा पर सरकार के भरोसे नहीं
Posted on 30 May, 2013 06:37 PM बस्ती का नाम डोंगीटोली है। यह राजस्व ग्राम पाहरसाड़ा का एक टोला है। यह टोला गांव के बाकी आठ टोलों से पूरी तरह अलग है। इसके पूरब में शंख नदी बहती है जिसकी दूरी महज आधा किलोमीटर है। पूरब में यह नदी गांव की सीमारेखा भी है। पश्चि म में खलिजोर नदी है जो 100 मीटर दूर है। उत्तर में एक किलोमीटर की दूरी पर इन दोनों नदियों का संगम है। दक्षिण में घने जंगल से लगता आलू पहाड़ है। इसमें सखुआ, केंदू आदि के पेड़ ह
खुद लाना होगा खेतों तक पानी
Posted on 28 May, 2013 04:34 PM

बाबूधन के दो डाभुक

श्रमदान से बांध बनाया, 500 एकड़ खेत को पानी
Posted on 12 Apr, 2013 12:17 PM 200 किसानों की मेहनत लाई रंग, खेतों में अब उग रही फसल, किसानों की आर्थिक स्थिति हुई मजबूत
ग्रामीणों द्वारा बांध बनाकर रोका गया पानीग्रामीणों द्वारा बांध बनाकर रोका गया पानीप्रखंड रायडीह, पंचायत परसा। पूरा क्षेत्र उग्रवाद प्रभावित। जिसके चारों ओर जंगल व पहाड़ हैं। कल तक यहां सिंचाई के लिए पानी की चिंता थी। परंतु 200 किसानों ने सामूहिक पहल से श्रमदान कर छह घंटे में सेमरटोली नदी में बांध बनाकर मिसाल कायम की। किसानों ने नदी के बीच में बांध बनाकर पानी का संग्रह किया। आज श्रमदान से बनाया गया बांध किसानों के लिए वरदान साबित हो रहा है। आसपास के 500 एकड़ खेत में सिंचाई के लिए पानी पहुंच रहा है। सिंचाई के लिए खेत को पानी मिलने के बाद अब सभी 200 किसान अब तरबूज, खीरा, कद्दू, टमाटर, भिंडी, बोदी, करेला, झींगी, गरमा धान के अलावा अन्य सब्जी व फसल की खेती कर रहे हैं। किसान इससे खुश हैं। यहां दिलचस्प बात यह है कि किसानों के श्रमदान में परसा के मुखिया इस्माइल कुजूर, पंचायत समिति सदस्य उपमा तिर्की, उपमुखिया एलेश्वर उरांव का भी सहयोग रहा है।
बनाइये अपनी पंचायत को निर्मल और स्वच्छ
Posted on 09 Oct, 2012 12:10 PM झारखंड में निर्मल भारत अभियान के तहत न केवल ग्रामीण परिवेश को स्वच्छ बनाया जा रहा है, बल्कि पंचायती राज व्यवस्था को भी मजबूती प्रदान की जा रही है। इसके तहत गांवों में स्वच्छता सुविधाओं का विकास ग्राम जल एवं स्वच्छता समितियों के माध्यम से किया जा रहा है। झारखंड में 32 वर्षों के बाद पंचायत राज की स्थापना हुई है। राज्य में ग्राम जल एवं स्वच्छता समिति में मुखिया को अध्यक्ष बनाकर पंचायती राज व्यवस्थ
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