झारखंड

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दामोदर की सफाई के लिए केन्द्र देगा विशेष राशि : उमा भारती
Posted on 31 May, 2015 03:30 PM

केन्द्रीय जल संसाधन मन्त्री उमा भारती ने कहा कि केन्द्र ने स्वर्ण रेखा परियोजना के लिए 400 करोड़ रुपए दिए हैं। दामोदर की सफाई के लिए भी विशेष राशि दी जाएगी। दामोदर को साफ करने की योजना में और तेजी लाई जाएगी। वे शुक्रवार को युगांतर भारती, सिदरौल द्वारा आयोजित ‘पर्यावरण संरक्षा में लोक संगठनों की भूमिका’ विषय पर आयोजित राष्ट्रीय पर्यावरण सम्मेलन को स

Uma Bharti and Rajendra Singh
ग्रामीणों ने रची नई मिसाल
Posted on 04 Apr, 2015 02:33 PM

एक तरफ जहाँ सन्थाल परगना में वन माफियों की बढ़ती सक्रियता से साल दर साल वन क्षेत्र कम पड़ते जा र

झारखण्ड में गंगा को बनाएँगे प्रदूषण मुक्त
Posted on 03 Apr, 2015 11:47 AM

मुख्यमन्त्री श्री रघुवर दास ने गंगा एक्शन प्लान पर नई दिल्ली में आयोजित बैठक को सम्बोधित करते हुए कहा कि यह झारखण्ड के लिए सौभाग्य का विषय है कि यहाँ के साहेबगंज के राजमहल से होकर गंगा गुजरती है, और गंगा को स्वच्छ बनाने में झारखण्ड को भी मौका मिला है यह मात्र सफाई का विषय नहीं है।

Raghubar das
नदियों, जलस्रोतों को बचाना नैतिक जिम्मेवारी
Posted on 18 Mar, 2015 12:23 PM

मुख्यमन्त्री ने किया हरमू नदी के जीर्णोद्धार एवं संरक्षण कार्य का शिलान्यास

 

Harmu River rejuvenation
हरमू नदी की जीवन्तता बचना चुनौती
Posted on 18 Mar, 2015 11:15 AM हरमू नदी के प्राकृतिक परिवेश की ​विकास के साथ यह सन्देश है कि प्रा
झारखण्ड विधानसभा में उठा फ्लोराइड, आर्सेनिक का मामला
Posted on 10 Mar, 2015 11:02 AM मन्त्री ने कबूल किया कि अधिक मात्रा में है फलोराइड और आर्सेनिक
Fluoride
संथाली साहित्य के पुरोधा समीर
Posted on 08 Feb, 2015 11:53 AM

समीर जी ने भगीरथ की तरह संथाली भाषा और साहित्य की गंगा को संथाली भाषी लोगों के घर-घर तक पहुंचाय

गंगा में गाद की समस्या के निराकरण हेतु सुझाव देगी मुख्य सचिवों की समिति
Posted on 04 Feb, 2015 11:28 AM

भूमिगत जल में आर्सेनिक की समस्या को लेकर ट्रीटमेंट के लिए बनाई जाएगी योजना

Uma Bharti
बुल्के और पोनेट्ट
Posted on 01 Feb, 2015 11:28 AM

फादर बुल्के जितने संवेदनशील थे उतने ही भावुक भी अपनी माँ की और अपने देश की स्मृति उन्हें कभी-क

इक्कीसवीं शताब्दी में बिरसा
Posted on 31 Jan, 2015 11:40 AM बिरसा भगवान की मृत्यु से उनके आंदोलन का अन्त नहीं कहा जा सकता, क्योंकि जिन प्रयोजनों से यह आंदोलन प्रारम्भ हुआ, उनकी आंशिक पूर्ति ही हो सकी। यह सही है कि बिरसा भगवान के आंदोलन का प्रभाव बीसवीं शताब्दी के आरम्भ में ही शुरू हो गया था। बहुत शीघ्र, उनके निधन के तत्काल बाद ही, ब्रिटिश सरकार ने यह अनुभव किया था कि इस आंदोलन के मूल में भूमि-समस्या है। भूमि के स्वाम
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