पंचायतनामा टीम

पंचायतनामा टीम
ताजपुर गांव के हर घर में शौचालय
Posted on 05 Aug, 2014 04:25 PM
अंधराठाढ़ी से झंझारपुर फोरलेन की ओर जानेवाली सड़क के किनारे ताजपुर गांव है। गांव में 240 घर अल्पसंख्यकों (मुस्लिमों) के हैं। गांव के अंदर की सड़क पर साफ-सफाई दिखती है। गांव में गाड़ी घुसते ही लोगों की उत्सुकता बढ़ जाती है। आस-पास लोग इकट्ठा हो जाते हैं। गांव के कायापलट की कहानी सुनाने को ये लोग बेताब दिखते हैं। ननौर पंचायत में पड़ने वाले इस गांव की मुखिया मीरा देवी हैं। केंद्र से लेकर राज्य सरकार की
कर्म ने मोड़ दिया जिंदगी का रुख
Posted on 05 Aug, 2014 03:27 PM
जैबुनेशाप्रेरणा लेकर इंसान अपनी तकदीर संवार सकता है। इस बात को जैबुनेशा से बेहतर कोई नहीं बयां कर सकता है। टीवी से प्रेरणा लेकर फर्श-से-अर्श तक पहुंचने की कहानी बिल्कुल फिल्मी लगत
ग्रीन करियर: दूध उत्पादन में करियर
Posted on 02 Aug, 2014 01:19 PM
ग्रामीणों क्षेत्र के लोगों को उनकी आजीविका के साधनों को बढ़ावा देने के लिए कई तरह की योजनाएं केंद्र एवं राज्य सरकार द्वारा संचालित की जाती हैं। इन योजनाओं पर अनुदान का भी प्रावधान रखा गया है। किसान व आम ग्रामीण अनुदान प्राप्त कर आजीविका के साधनों को बेहतर बना सकते हैं। इसके लिए जरूरी है कि अनुदान की प्रक्रियाओं को जानें। पंचायतनामा के इस अंक में हम दूध उत्पादन करने वाले लोगों को योजनाओं और अनुदा
टलता गया समय, बढ़ती गयी लागत
Posted on 11 Jun, 2013 10:31 AM
राज्य में 15 वृहद व मध्य सिंचाई परियोजनाएं पूरी हुई हैं। नौ वृहत सिंचाई परियोजनाओं से 2187.88 हेक्टेयर व पांच मध्य सिंचाई परियोजनाओं से 294.55 हेक्टेयर भूमि की सिंचाई क्षमता बढ़ी है। आठ वृहद व चार मध्यम सिंचाई परियोजनाओं का काम चल रहा है। इनमें पश्चिमी कोसी नगर योजना, दुर्गावती जलाशय योजना, उत्तरी कोयल जलाशय परियोजना, बटेश्वरनाथ पंप नहर योजना, पुनपुन बांध योजना, ढादर सिंचाई योजना, उडेरास्थान बांध
उबाल कर पीएं पानी
Posted on 10 Jun, 2013 11:39 AM
गांवों में जलजनित बीमारी बड़ी समस्या बन कर उभरी है। पेट की बीमारी और पीलिया रोग से बड़ी संख्या में लोग ग्रसित हो रहे हैं। इसकी एक वजह तो दूषित पानी की आपूर्ति और गांवों में साफ-सफाई की अनदेखी है। जलजमाव, गंदगी, दूषित जल और मच्छरों की वजह से ही जलजनित इंटरो वायरस और गैर पोलियो फालिज वायरस पनप रहे हैं। दोनों एक-दूसरे को प्रोत्साहित भी कर रहे हैं और गरीबी, गंदगी, अशिक्षा, अभाव के कारण तेजी से अपनी गि
पेड़ कटे, तो मांगें वन विभाग से हिसाब
Posted on 08 Jun, 2013 04:20 PM

स्वस्थ पर्यावरण आपका अधिकार है। सरकार हो या आम आदमी, किसी को इस अधिकार को छीनने का हक नहीं है। इस मामले में हर नागरिक का अधिकार एक बराबर है। सब का कर्तव्य भी है कि वह पर्यावरण की हिफाजत करे। अगर इसमें कहीं अतिक्रमण हो रहा है, तो एक सजग नागरिक की हैसियत से आप उसे रोकने की पहल कर सकते हैं। अगर सरकार का कोई विभाग ही इसको ऐसा कर रहा है, तो भी आप चुप न रहें और उससे इस पर सवाल पूछें। चाहे पेड़
जैविक खेती से मुनाफा ही मुनाफा
Posted on 08 Jun, 2013 03:43 PM
जैविक खेती सस्ती तो है ही, जीवन और जमीन को बचाने के लिए भी जरूरी है। 1960 से 1990 तक कृषि उत्पादन को बढ़ाने के लिए जिस तेजी से और जिस तरह से रासायनिक खादों और कीटनाशकों का इस्तेमाल किया गया, उसने हमारे खेतों और जीवन दोनों को संकट में डाल दिया। तब पर्यावरण की अनदेखी की गयी थी, जिसकी कीमत हम आज चुका रहे हैं। 1990 के बाद से जैविक खाद की ओर खेती को लौटाने का अभियान शुरू हुआ, जो अब भी जारी है। द्वितीय
अगर नहीं मिले सूचना, तो करें अपील
Posted on 08 Jun, 2013 11:23 AM
देश भर में पर्यावरण, जल और जंगल को बचाने के लिए सूचना का अधिकार अधिनियम के कई सफल प्रयोग हुए हैं। हम वैसी कुछ सफलताओं की कहानी साझा कर रहे हैं। हम अपने आस-पास पर्यावरण को नुकसान पहुंचाने वाले सरकारी या गैर सरकारी कार्यों को सूचनाधिकार के तहत रोक सकते हैं।
इनसे सीखिये ये हैं आपकी पुरस्कार वाली पंचायतें
Posted on 06 Jun, 2013 03:44 PM
झारखंड की छह पंचायत निकाय को भारत सरकार से पुरस्कार मिला है। पुरस्कार पाने वाली पंचायत निकायों में जिला परिषद धनबाद, पंचायत समिति मधुपुर एवं निरसा और ग्राम पंचायत बड़ा अंबोना, पलारकुट एवं गोनैया शामिल है। ग्राम पंचायत बड़ा अंबोना एवं पलारकुट धनबाद जिले के निरसा प्रखंड के अंतर्गत आती है। गौनेया ग्राम पंचायत देवघर जिले के मधुपुर प्रखंड में है। राष्ट्रीय पंचायती राज दिवस 24 अप्रैल के अवसर पर नयी दिल्
जरूरी है हर खेत की मिट्टी जांच
Posted on 01 Jun, 2013 12:42 PM
हर खेत की मिट्टी जांच जरूरी है। इससे खेत की मिट्टी में विभिन्न पोषक तत्वों की कमी एवं अधिकता का पता चलता है। पोषक तत्वों की कमी या अधिकता का पता चलने के बाद विशेषज्ञ की सलाह पर मिट्टी का उपचार कर खेत को उपजाऊ बनाया जा सकता है। ऐसा करना सस्ता एवं लाभदायक होता है। एक बार पोषक तत्वों की कमी का पता चल जाने पर आप आवश्यकतानुसार उचित रासायनिक खादों का प्रयोग कर कमी को दूर कर सकते हैं। इससे फसल का उत्पादन
Mitti janch kendra
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