हरियाणा

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भूजल सुधार कार्य में बरती जा रही अनियमितताएं
Posted on 30 Jun, 2014 12:06 PM शहर में भूमिगत जल स्तर को सुधारने का काम महज सरकारी खानापूर्ति बनकर रह गया है। शहर के विभिन्न स्थानों पर वाटर हारवेस्टिंग सिस्टम लगाने के काम में भारी अनियमितताएं बरती जा रही है। यह खुलासा आरटीआई एक्ट के तहत मांगी गई सूचना में सामने आई है।
प्याऊ से लंगर तक की प्रेरणादायक कहानी
Posted on 08 Jun, 2014 03:06 PM लोहारी जाट्टू के फौजी कर्मवीर की फौज बुझाती है हर रोज हजारों की प्यास
प्यासों को पानी पिलाने के लिए फौज से हर साल आते थे दो माह की छुट्टी लेकर


तारीख 6 जून, 2013।
समय : दिन के 2 बजे।
तापमान: 46 डिग्री।
स्थान : हिसार से वाया हांसी, बवानी खेड़ा भिवानी तक जाने वाली हरियाणा रोडवेज की खटारा लोकल बस।

झज्जर नदी के प्रदूषण पर पंजाब व हरियाणा सरकार को नोटिस
Posted on 07 Jun, 2014 03:57 PM राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने झज्जर नदी के प्रदूषण को लेकर गंभीर चिंता जताई है। आयोग ने इस मामले में पंजाब और हरियाणा दोनों सरकारों को नोटिस जारी किए हैं। मीडिया की एक खबर का संज्ञान लेते हुए आयोग ने यह कदम उठाया है। खबर में बताया गया था कि दो राज्यों में बहने वाली झज्जर नदी प्रदूषित जलस्रोत में बदल चुकी है। नतीजतन झज्जर के किनारे बसे पंजाब के मानसा जिले के 20 गांवों के भूजल का रंग नीले से काला हो
पानी के नाम पर लोगों की सेहत से माफिया कर रहे खिलवाड़
Posted on 07 Jun, 2014 03:53 PM नगर निगम यहां की 90 फीसद आबादी को पीने के पानी के आपूर्ति करता है।
. . . और टूट गया पानी का गढ़
Posted on 25 May, 2014 09:13 AM

एक जमाना था जब पानी की गुणवत्ता के चलते यहां पैदा होने वाले गन्ने, गाजर और प्याज की दिल्ली की आजादपुर सब्जी मंडी में सर्वाधिक मांग होती थी। मंडी के व्यापारी गांव में आकर खेत में खड़ी फसल का सौदा कर लेते थे। उधर, गांव की थली से भरत के लिए उठाए जा रहे रेत से थली में खेत 50-50 फुट के गड्ढे हो गए हैं। परिणामत: थली में पानी का चोआ एकदम ऊपर आ गया है। गांव मार में है, पानी की कमी गांव को मार रही है तो थली में रेत उठाने से निकलने वाला पानी वहां खेती को चौपट कर रहा है।

अप्रैल 2014 में पूज्य पिताजी श्री गणपत राय भारद्वाज का निधन हुआ तो तकरीबन डेढ़ दशक बाद अपने घर, गांव में लगातार 13 दिन रहने का अवसर मिला। पिछले एक दशक में गांव जब भी गया तो एक- दो दिन रुककर वापस आ जाता था। गांव काफी बदल गया है, इस बात का अहसास इतने लंबे समय तक गांव में रहने के बाद हुआ। खुद पर थोड़ी शर्म भी आई कि गांव, गंवई पर नियमित लेखन करता हूं, और बहुत वाचालता से जगह-जगह गांव के मुद्दों पर बात करता हूं, लेकिन अपने ही गांव के सवालों को नहीं जानता।

शिक्षा संस्थानों के लिए हरियाणा भर में विख्यात मेरे ऐतिहासिक गांव हसनगढ़ में अब बर्गर, पेट्टीज, अंडा, चाउमिन, मोमोज और मांसाहार की दुकान खुली हैं। एक दुकान पर पेस्ट्री भी रखी दिखाई दी। पहले बर्फी, जलेबी, घेवर और समोसा बनाने वाली हलवाइयों की तीन-चार परंपरागत दुकानें थी। पहले दिन लगा कि मेरा गांव भी हरियाणा के दूसरे हजारों गांवों जैसा हो रहा है।
फरीदाबाद कर रहा है यमुना को सबसे अधिक प्रदूषित
Posted on 09 May, 2014 10:56 AM दिल्ली, मथुरा और फरीदाबाद में यमुना हो चुकी हैं प्रदूषित
फरीदाबाद में कैंसर कारक कैडमियम की मात्रा 10 गुना ज्यादा, दिल्ली विश्वविद्यालय की शोधार्थी छात्रा ने किया खुलासा

बढ़ते प्रदूषण से तबाह हो रहे फरीबाद के लोग
Posted on 04 May, 2014 01:56 PM

मुक्ति के लिए संचालित सभी योजनाएं हुईं बेअसर

बड़खल झील में अब पानी नहीं, हैं घास व झाड़ियां
Posted on 04 May, 2014 12:33 PM झील के सूखने के बाद पर्यटकों का भी रुझान कम हो गया। अगर आज के समय
हरियाणा के सैकड़ों एकड़ वन पर बनेगा ‘कंक्रीट का जंगल’
Posted on 27 Apr, 2014 10:12 AM एनसीआर प्लानिंग बोर्ड की बैठक में लिया गया वनक्षेत्र की श्रेणी को नेचुरल कंजरवेशन जोन में बदलने का फैसला
...वो पेड़-पौधों व पक्षियों को मानता है अपना संसार
Posted on 18 Feb, 2014 03:46 PM ना कर इतना तकबूर तू जहां इक रोज फानी है, तेरे आला हो गुजरे ना कुछ बाकी निशानी है। मतलब यह कि अपने आप पर इंसान इतना गुरूर मत कर, यहां पर सब कुछ खत्म हो जाने वाला है। तेरे बड़े-छोटे चले गए हैं, जिनकी आज कोई निशानी भी नहीं बची है। शमशान घाट में लिखे इसी कथन को सत्य मानते हुए एक शख्स अपना जीवन ऐसी सेवा को समर्पित कर चुका है, जिसे करना हर किसी के बस की बात नहीं।
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