शहर में भूमिगत जल स्तर को सुधारने का काम महज सरकारी खानापूर्ति बनकर रह गया है। शहर के विभिन्न स्थानों पर वाटर हारवेस्टिंग सिस्टम लगाने के काम में भारी अनियमितताएं बरती जा रही है। यह खुलासा आरटीआई एक्ट के तहत मांगी गई सूचना में सामने आई है।
आम आदमी पार्टी के प्रवक्ता व वरिष्ठ नेता अभय जैन ने आरटीआई एक्ट के तहत शहर में वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम लगाए जाने को लेकर विस्तृत रिपोर्ट हुड्डा (हरियाणा अर्बन डेवलपमेंट अथॉरिटी) से मांगी थी।
रिपोर्ट के अनुसार शहर में विभिन्न सेक्टरों में वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम पर करीब चार करोड़ रुपए खर्च हुए है। हालांकि हुड्डा के एक्सईएन के छह डिविजनों में केवल चार डिविजनों ने ही सूचनाएं दी हैं जबकि दो डिविजनों ने ही सूचनाएं दी हैं जबकि दो डिविजनों ने इस बारे में सूचना देना भी जरूरी नहीं समझा है। जानकारी के अनुसार करीब 239 वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम लगाए जाने में चार करोड़ रुपए खर्च किए गए हैं। अभय जैन ने बताया कि रिपोर्ट के तहत प्राप्त जानकारी के आधार पर उन्होंने शहर के विभिन्न सेक्टरों में लगाए गए वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टमों की छानबीन की। इसमें कई अनियमितताएं पाई गईं।
मसलन, यह ऐसे स्थानों पर लगाए गए हैं जहां बरसात का पानी नहीं ठहरता है। कई स्थानों पर वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम जमीन की सतह से इतना ऊंचा कर दिया गया है कि उसमें बारिश का पानी जा ही नहीं सकता। बरसात के दिनों में शहर में सबसे ज्यादा साफ बारिश का पानी एक्सप्रेस वे, एक्सप्रेस वे के फ्लाइओवरों, एक्जिट-इंट्री प्वाइंटों के पास एकत्रित होता है लेकिन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम उन प्वाइंटों पर नहीं लगाए गए हैं। इफ्को चौक के नजदीक सुखराली जोहड़ में भारी मात्रा में बरसाती पानी को एकत्रित कर वाटर हार्वेस्टिंग के माध्यम से भूमिगत जल स्तर को रिचार्ज किया जा सकता है लेकिन यह कार्य भी हुड्डा ने नहीं किया है।
बहुत से अवैध कब्जे वाली जोहड़ों को भी कब्जे से मुक्त कराकर उनमें बरसाती पानी जमा करने व वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम के माध्यम से भूजल रिचार्ज किया जा सकता था लेकिन निगम व हुड्डा ने इस ओर कोई ध्यान नहीं दिया। उन्होंने बताया कि उनकी संस्था इस बारे में लगातार इन दोनों विभागों का ध्यान इस ओर आकर्षित करती आई है।
आम आदमी पार्टी के प्रवक्ता व वरिष्ठ नेता अभय जैन ने आरटीआई एक्ट के तहत शहर में वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम लगाए जाने को लेकर विस्तृत रिपोर्ट हुड्डा (हरियाणा अर्बन डेवलपमेंट अथॉरिटी) से मांगी थी।
रिपोर्ट के अनुसार शहर में विभिन्न सेक्टरों में वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम पर करीब चार करोड़ रुपए खर्च हुए है। हालांकि हुड्डा के एक्सईएन के छह डिविजनों में केवल चार डिविजनों ने ही सूचनाएं दी हैं जबकि दो डिविजनों ने ही सूचनाएं दी हैं जबकि दो डिविजनों ने इस बारे में सूचना देना भी जरूरी नहीं समझा है। जानकारी के अनुसार करीब 239 वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम लगाए जाने में चार करोड़ रुपए खर्च किए गए हैं। अभय जैन ने बताया कि रिपोर्ट के तहत प्राप्त जानकारी के आधार पर उन्होंने शहर के विभिन्न सेक्टरों में लगाए गए वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टमों की छानबीन की। इसमें कई अनियमितताएं पाई गईं।
मसलन, यह ऐसे स्थानों पर लगाए गए हैं जहां बरसात का पानी नहीं ठहरता है। कई स्थानों पर वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम जमीन की सतह से इतना ऊंचा कर दिया गया है कि उसमें बारिश का पानी जा ही नहीं सकता। बरसात के दिनों में शहर में सबसे ज्यादा साफ बारिश का पानी एक्सप्रेस वे, एक्सप्रेस वे के फ्लाइओवरों, एक्जिट-इंट्री प्वाइंटों के पास एकत्रित होता है लेकिन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम उन प्वाइंटों पर नहीं लगाए गए हैं। इफ्को चौक के नजदीक सुखराली जोहड़ में भारी मात्रा में बरसाती पानी को एकत्रित कर वाटर हार्वेस्टिंग के माध्यम से भूमिगत जल स्तर को रिचार्ज किया जा सकता है लेकिन यह कार्य भी हुड्डा ने नहीं किया है।
बहुत से अवैध कब्जे वाली जोहड़ों को भी कब्जे से मुक्त कराकर उनमें बरसाती पानी जमा करने व वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम के माध्यम से भूजल रिचार्ज किया जा सकता था लेकिन निगम व हुड्डा ने इस ओर कोई ध्यान नहीं दिया। उन्होंने बताया कि उनकी संस्था इस बारे में लगातार इन दोनों विभागों का ध्यान इस ओर आकर्षित करती आई है।
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