संजय कुमार मेहरा

संजय कुमार मेहरा
...वो पेड़-पौधों व पक्षियों को मानता है अपना संसार
Posted on 18 Feb, 2014 03:46 PM
ना कर इतना तकबूर तू जहां इक रोज फानी है, तेरे आला हो गुजरे ना कुछ बाकी निशानी है। मतलब यह कि अपने आप पर इंसान इतना गुरूर मत कर, यहां पर सब कुछ खत्म हो जाने वाला है। तेरे बड़े-छोटे चले गए हैं, जिनकी आज कोई निशानी भी नहीं बची है। शमशान घाट में लिखे इसी कथन को सत्य मानते हुए एक शख्स अपना जीवन ऐसी सेवा को समर्पित कर चुका है, जिसे करना हर किसी के बस की बात नहीं।
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