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हरियाणा
यमुना किनारे गांवों में होगी पदयात्रा
Posted on 06 Sep, 2009 12:02 PMयमुना बचाने की मुहिम में लगी यमुना संरक्षण समिति “गांधी स्वराज पदयात्रा” को यमुना बचाओ पदयात्रा के रूप में करेगी। हरियाणा में यमुना किनारे गांवों में होने वाली पदयात्रा यमुना के मुद्दे पर केन्द्रित होगी।
शौचालय नहीं तो दुल्हन नहीं
Posted on 30 Jun, 2009 05:32 PMग्रामीण भारत में शौचालय महिला के अधिकार का मुद्दा बन गया है. कईं घरों में शौचालय की सुविधा नहीं है क्योंकि पुरुष विशेष रूप से शौचालय की आंतरिक व्यवस्था पर सवाल खडे करते हैं.1000 तालाब प्यास बुझाएंगे जमीन की
Posted on 14 Mar, 2009 09:04 PMरोहताश शर्मा/March 06, 09/ भास्कर न्यूजकैथल. गांवों में बेकार पड़े तालाबों के दिन फिरने वाले हैं। कमांड एरिया डेवलपमेंट अथॉरिटी (सीएडीए) प्रदेश में 1000 तालाबों की खुदाई करेगा। सरकार यह कवायद भू-जल स्तर ऊपर उठाने के लिए कर रही है। परियोजना के पहले चरण पर 50 करोड़ खर्च होंगे। प्रदेश में ऐसे तालाब बहुतायत हैं जो प्रयोग में नहीं हैं। इनमें गंदा पानी डाला जा रहा है।
गुड़गांव के जलयोद्धा
Posted on 15 Jan, 2009 10:54 AMगुड़गांव में सामाजिक विकास का जिम्मा उठा रखा है, श्रमदानी आरके भटनागर ने। आरके भटनागर पिछले चालीस वर्ष से अमेरिका में रह रहे हैं। सारी सुविधाएं अमेरिका में मिलने के बाद भी उनके मन में भारत के विकास में अपना योगदान देने की दिली इच्छा जागृत होती है। यहां सुशांत लोक में रहकर भटनागर सामाजिक विकास, पौधरोपण, जल संचयन से जुड़े हैं। एक तरह से भटनागर कालोनीवासियों के लिए प्रेरणास्रोत हैं। होली, दिवाली, चाहपानीपत का पानी
Posted on 07 Jan, 2009 09:11 AMनवभारत टाइम्स / नई दिल्ली : क्या आप सोच सकते हैं कि कोई शहर अपने नाले का पानी छोड़े और दिल्ली जैसे शहर में पीने के पानी की सप्लाई रोकनी पड़े। ताजा वाकया यह है कि पानीपत के रंगाई, चमड़ा आदि के उद्योंगो द्वारा रासायनिक प्रदूषित पानी उनके अपने नालों में भारी मात्रा जमा था, वह अचानक यमुना में छोड़ दिया गया। दिल्ली के ज्यादातर नलों में यमुना के पानी को ट्रीट करके सप्लाई किया जाता है। वजीराबाद और चंद्रपानी पर खतरे की घंटी सुनना जरूरी
Posted on 03 Oct, 2008 09:41 AMअनिल प्रकाश/ हिन्दुस्तान
भूमिगत जलस्रोतों को कभी अक्षय भंडार माना जाता था, लेकिन ये संचित भंडार अब सूखने लगे हैं। पिछले 50-60 बरस में डीजल और बिजली के शक्तिशाली पम्पों के सहारे खेती, उद्योग और शहरी जरूरतों के लिए इतना पानी खींचा जाने लगा है कि भूजल के प्राकृतिक संचय और यांत्रिक दोहन के बीच का संतुलन बिगड़ गया और जलस्तर नीचे गिरने लगा। केंद्रीय तथा उत्तरी चीन, पाकिस्तान के कई हिस्से, उत्तरी अफ्रीका, मध्यपूर्व तथा अरब देशों में यह समस्या बहुत गंभीर है, लेकिन भारत की स्थिति भी कम गंभीर नहीं है। पंजाब, हरियाणा और पश्चिमी उत्तर प्रदेश के अधिकांश इलाकों में भूजल स्तर प्रतिवर्ष लगभग एक मीटर तक नीचे जा रहा है। गुजरात, महाराष्ट्र, राजस्थान, कर्नाटक, तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश और मध्य प्रदेश में भूजल स्तर तेजी से नीचे गिर रहा है। समस्या इन राज्यों तक ही सीमित नहीं है। नीरी (नेशनल इनवायर्नमेंट इंजीनियरिंग रिसर्च इंस्टीच्यूट) के अध्ययन में पाया गया है कि भूमिगत जल के अत्यधिक दोहन के कारण पूरे देश में जल स्तर नीचे जा रहा है।
स्वच्छता का महत्व
Posted on 23 Sep, 2008 08:05 PMराजेश जैन/ पानीपत/30 सित07/ स्वस्थ जीवन जीने के लिए स्वच्छता का विशेष महत्व है। स्वच्छता अपनाने से व्यक्ति रोग मुक्त रहता है और एक स्वस्थ राष्ट्र निर्माण में अपना महत्वपूर्ण योगदान देता है। अत: हर व्यक्ति को जीवन में स्वच्छता अपनानी चाहिए और अन्य लोगों को भी इसके लिए पेरित करना चाहिए। यह बात जिला ग्रामीण विकास अभिकरण के प्रशिक्षक श्री बी.पी.रावल ने समालखा में नेहरू युवा केन्द्र व ग्रामीण शिक्षा प्देसी आरओ : 100 रुपए में साफ पानी
Posted on 23 Sep, 2008 06:21 PMरिवर्स ओस्मोसिस ( आरओ ) एक पृथक्करण की प्रक्रिया है, जिसमें किसी भी घोल को छलनी में से दबाव के साथ डाला जाता है, जिसमें घुलनशील विलायन छलनी में रुक जाता है और शुद्ध द्रव हमें प्राप्त होता है। औपचारिक रूप से रिवर्स ओस्मोसिस ( आरओ ) एक झिल्ली अथवा छलनी के माध्यम से घोल को उच्च पदार्थ एकत्रीकरण वाले क्षेत्र से न्यून पदार्थ एकत्रीकरण वाले क्षेत्र में अधिक ओस्मोटिक दबाव में दबाव के साथ ले जाने की प्