भोपाल जिला

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मध्यप्रदेश पर एक नजर
Posted on 10 Aug, 2011 06:35 PM

ऐतिहासिक पृष्ठभूमि

अनियोजित विकास कार्यक्रमों और भ्रष्टाचार के कारण मालवांचल में पानी क

मध्यप्रदेश में आजीविका
Posted on 10 Aug, 2011 12:54 PM

मध्यप्रदेश की उत्तर-पश्चिमी दिशा में बसे सात जिलों में सहरिया आदिवासी रहते हैं। सहरिया आदिवासी समुदाय को भारत सरकार ने पिछड़ी हुई आदिम जनजातियों की श्रेणी में शामिल किया है। आज इसी समुदाय के बीच से खाद्य असुरक्षा के कारण लोगों की असामयिक मौतों के मामले लगातार आने लगे हैं। मध्यप्रदेश के श्योपुर जिले के कराहल आदिवासी के पूर्वजों के सबसे करीबी रिश्तेदार जंगल

जैव विविधता संरक्षण में आदिवासियों को सहभागिता
Posted on 03 Aug, 2011 09:53 AM

अभी तक दुनिया भर में 25 हजार औषधीय पौधों और जड़ीबूटियों और उनके तत्वों से तैयार फार्मूले ही सूच

मप्र की जीवन रेखा खतरे में
Posted on 28 Jul, 2011 12:12 PM

नरसिंहपुर जिले के झासीघाट में मैसर्स टुडे एनर्जी द्वारा 5400 करोड़ की लागत से किया जाएगा। 1200

चंबल नदी में घड़ियाल ही घड़ियाल
Posted on 28 Jul, 2011 11:20 AM

भोपाल। चंबल नदी में जो राष्ट्रीय अभ्यारण्य बना है, उसमें घड़ियाल ही घड़ियाल पैदा हो सकते हैं। बशर्ते यहां लोकल हेचरी यानी स्थानीय प्रजनन गृह नदी क्षेत्र में ही बना दिया जाए। इसे बनाने की अनुमति भारत सरकार से मद्रास के क्रोकोडाइल बैंक ट्रस्ट ने मांगी है लेकिन ट्रस्ट को इसकी इजाजत नहीं दी गई है। जबकि ट्रस्ट ने हार नहीं मानी है, उसकी कोशिश जारी है।

मगरमच्छ
जहरीला पानी पी रहे हैं भोपाल के बच्‍चे : डोमिनिक लापियर
Posted on 28 Jul, 2011 11:14 AM

नई दिल्ली। वर्ष 1984 में हुई भोपाल गैस त्रासदी के पीड़ितों के प्रति एकजुटता दिखाते हुए फ्रांस के लेखक और कार्यकर्ता डोमिनिक लैपियर ने कहा है कि यहां के प्रभावित इलाकों में बच्चे जहरीला पानी पी रहे हैं। राजधानी के जंतर-मंतर में रविवार शाम को भोपाल गैस त्रासदी के प्रभावितों के प्रदर्शन के दौरान लैपियर ने प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह से गुजारिश की कि इनकी समस्याओं को सुनें। सोमवार को जारी एक बयान में

भोपाल गैस त्रासदी से अभी तक नहीं उबरे लोग
रेगिस्तान बनता मालवा
Posted on 27 Jul, 2011 11:56 AM

मध्यप्रदेश के मालवा क्षेत्र के बारे में कही जाने वाली “डग-डग रोटी, पग-पग नीर” की कहावत अब गुजरे जमाने की बात हो गई है। उपजाऊ काली मिट्टी और पर्याप्त पानी से संपन्न मालवा अब रेगिस्तान की ओर बढ़ रहा है। यह स्थिति ट्यूबवेल से अत्यधिक पानी निकालने के कारण निर्मित हुई है। हरित क्रांति की तर्ज पर यहां अधिक पानी की जरूरत वाले बीजों की खेती की गई, जिससे तात्कालिक रूप से तो उपज में बढ़ोतरी तो हुई

भूजल दोहन के वजह से अब मालवा कि क्षिप्रा नदी भी संकट में है
परमाणु कबाड़ आयात के खतरे
Posted on 26 Jul, 2011 09:25 AM

भोपाल (हेडलाईन) जापान के फुकुशिमा में आये भयंकर भूकम्प के कारण वहां स्थित परमाणु बिजली संयंत्रों से हुए आणविक रिसाब की त्रासदी से पूरी दुनिया दहल गई और परमाणु ऊर्जा और परमाणु शक्ति सम्पन्न राष्ट्रों में आपदाओं को निमंत्रण देने वाली परमाणु परियोजनाओं के बारे में पुर्नविचार की प्रक्रिया तेजी से शुरू हुई। इससे पहले भी रूस में हुए परमाणु संयंत्रों में रिसाब की घटना के बाद रूस ने परमाणु ऊर्जा के उपय

न्यूक्लियर लायबिलिटी बिल
Posted on 22 Jul, 2011 01:52 PM

जुलाई में जब देश का मंत्रिपरिषद परमाणु दयित्व विधेयक के प्रावधानों पर विचार कर रहा था तो एक तयशुदा मसौदे पर लोगों की राय जानने की औपचारिकता निभाई जा रही थी, ये लेख तब लिखा गया था | अब यह विधेयक क़ानून बन चुका है और इसमें मुआवजा राशि में मामूली बढ़ोत्तरी के अलावा ज़्यादातर बातें शुरुआती मसौदे वाली ही रखी गई हैं.:

क्या शीत लहर प्राकृतिक आपदा नहीं है ?
Posted on 21 Jul, 2011 04:36 PM

पूर्व में की गई अनेक अनुशंसाओं के बावजूद शीतलहर को प्राकृतिक आपदाओं की श्रेणी में न डालना भारत

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