Posted on 08 Dec, 2012 03:11 PMहिमयुग हमारी सृष्टि की एक महत्वपूर्ण घटना है जो घटती है अर्थात यह एक चक्रीय प्रक्रिया है। जैसे गर्मी के बाद ठंड का मौसम आता है और ठंड के बाद गर्मी का मौसम। इसी तरह ग्लोबल वार्मिंग के बाद हिमयुग आता है।
Posted on 05 Dec, 2012 05:21 PMआज हम पानी की समस्या से जुझ रहे हैं। पूरी तरह सूखे से हम छुटकारा नहीं पा सके हैं। सूखा कहीं भी और कभी भी पड़ सकता है। सूखा या अकाल पहली बार नहीं आएगा। लेकिन उस अकाल में कुछ ऐसा होने वाला है जो पहले कभी नहीं हुआ। इस दौर में सबसे सस्ती कारों के साथ सबसे महंगी दालें मिलने वाली हैं – यही इस अकाल की सबसे भयावह तस्वीर होगी। शहरों को पानी चाहिए, पर पानी दे सकने वाले तालाब नहीं। तब पानी ट्यूबवेल से ही मिल सकता है। पर इसके लिए बिजली,डीजल के साथ-साथ उसी शहर के नीचे पानी चाहिए। एक बात साफ है कि लगातार गिरता जल स्तर सिर्फ पैसे और सत्ता के बल पर थामा नहीं जा सकता। कुछ शहरों ने दूर बहने वाली किसी नदी से पानी उठा कर लाने के बेहद खर्चीले और अव्यावहारिक तरीके अपनाए हैं। महाभारत युद्ध के समाप्त हो जाने के बाद श्रीकृष्ण कुरुक्षेत्र से अर्जुन को साथ लेकर द्वारिका जा रहे थे। उनका रथ मरुप्रदेश पार कर रहा था। आज के जैसलमेर के पास त्रिकुट पर्वत पर उन्हें उत्तुंग ऋषि तपस्या करते हुए मिले। श्रीकृष्ण ने उन्हें प्रणाम किया और फिर वे मांगने को कहा। उत्तुंग का अर्थ है ऊंचा। सचमुच ऋषि ऊंचे थे। उन्होंने अपने लिए कुछ नहीं मांगा। प्रभु से प्रार्थना की कि यदि मेरे कुछ पुण्य हैं तो भगवान वर दें कि इस क्षेत्र में कभी जल का अभाव न रहे। एक दौर था जब मरुभूमि को इस तरह के आशीर्वाद की जरूरत थी। मरुभूमि के अलावा पानी की कोई दिक्कत नहीं थी। लेकिन हमने पानी की अहमियत नहीं समझी। आज पानी हमें परेशान कर रहा है। आज हमारे समाज के बड़े हिस्से को इस आशीर्वाद की जरूरत पड़ती है।
Posted on 05 Dec, 2012 04:41 PMहमारी दुनिया एक ऐसी स्थिति की ओर बढ़ रही है जिसमें ग्रीष्म लहर हो या शीतोष्ण प्रभाव वह लगातार बढ़ने वाला है। अभी तक हो यह रहा था कि 20 सालों में एक दिन ऐसा होता था जिस दिन गर्मी के रिकार्ड टूटते थे लेकिन अब ऐसा हर दो साल में होने की आशंका होगी।
Posted on 05 Dec, 2012 01:29 PMहिमयुग को लेकर कई सिद्धांत और परिकल्पनाएं हैं। लेकिन नासा की हाल की रिपोर्ट ने इसे लेकर एक नई बहस शुरू कर दी है। दरअसल ग्लोबल वार्मिंग के चलते ध्रुवीय क्षेत्रों की बर्फ तेजी से पिघल रही है जिससे ग्लोबल वार्मिंग का खतरा अब ग्लोबल कूलिंग की ओर बढ़ रहा है।
Posted on 03 Dec, 2012 10:59 AMनिर्मल भारत यात्रा। यह लगभग 500 लोगों द्वारा पूरी की गई 2000 किलोमीटर की एक रोमांचक यात्रा थी। यह यात्रा. पाँच राज्यों- वर्धा (महाराष्ट्र), इंदौर (मध्य प्रदेश), कोटा (राजस्थान), ग्वालियर (मध्य प्रदेश), गोरखपुर (उत्तर प्रदेश) और बेतिया (बिहार) के छह बड़े कस्बों से होकर गुजरी। प्रत्येक कस्बे में यात्रा के पड़ाव के दौरान एक काफी बड़े मैदान में
पर्याप्त साफ-सफाई का अभाव भारत में एक बड़ी समस्या है। 67 करोड़ भारतीयों को अभी भी खुले में शौच जाना पड़ता है। खुले में शौच की वजह से ही प्रतिदिन 1000 बच्चों को जान गंवानी पड़ती है। इस बात को आप ऐसे समझ सकते हैं कि भारत सरकार को देश के कुल बजट में से काफी धन स्वास्थ्य सेवाओं पर खर्च करना पड़ रहा है।