भारत

Term Path Alias

/regions/india

स्वच्छ पानी स्वस्थ काया रोग  मिट सेहत सुधरे
गुर्दों से 1500 ग्राम, त्वचा से 650 ग्राम, फेफड़ों में 350 ग्राम और मलद्वार से 150 ग्राम पानी खर्च होता है। इस खर्च हुए पानी की पूर्ति भोजन में घुले पानी से होती है, परन्तु सन्तुलन के लिए प्रतिदिन ढाई किलो पानी पीना जरूरी समझा जाता है। शरीर के तापमान के अनुसार पानी घूंट-घूंट पीना चाहिए। हमें शुद्ध पानी ही पीना चाहिए, इसे तुलसी के पत्ते डालकर भी शुद्ध किया जा सकता है। प्लास्टिक बोतल से पानी पीने से बचना चाहिए, क्योंकि प्लास्टिक के जहरीले रसायन पानी में मिल जाते हैं फ्लोराइडयुक्त पानी पीने से जोड़ों में दर्द, चलने फिरने में कष्ट, दांत पीले-पीले हो जाते हैं तथा हड्डियों में भी दोष हो जाते हैं। Posted on 23 Aug, 2023 04:17 PM

ऋग्वेद में कथन है "सर्वेषाम भेषजम अप्सु में"

स्वच्छ पानी स्वस्थ काया रोग  मिट सेहत सुधरे
सिंचाई जल प्रबंधन हेतु बदलना होगा खेती-बाड़ी का तौर-तरीका
धरती पर मौजूद कुल जल का मात्र 2.5 प्रतिशत स्वच्छ या मीठा जल है लेकिन इस स्वच्छ या मीठे जल का 68.7 प्रतिशत भाग ग्लेशियर के रूप में अथवा बर्फ के रूप में ध्रुवों पर जमा हुआ है। शेष जल में 30.1 प्रतिशत भूमिगत और सतह पर नदी, नालों, तालाबों और झीलों आदि में विद्यमान है जो जल जमीन के ऊपर है उसका 67.4 प्रतिशत भाग झीलों में और मात्र 1.6 प्रतिशत भाग नदियों में विद्यमान है।
Posted on 23 Aug, 2023 02:58 PM

देश में बढ़ते पेयजल संकट का एक कारण सिंचाई जल का कुप्रबंधन भी है। बात को स्पष्ट करने के लिए आइये पहले वैश्विक स्तर पर उपलब्ध जल पर चर्चा कर लें। हमारी धरती पर उपलब्ध सम्पूर्ण जल का 97.5 प्रतिशत भाग महासागरों में खारे जल के रूप में मौजूद है। यह जल पीने के लिए खेती के लिए अथवा उद्योगों आदि के लिए उपयोगी नहीं है। इसका पर्यावरणीय महत्व अवश्य है। धरती पर मौजूद कुल जल का मात्र 2.5 प्रतिशत स्वच्छ या म

खेती-बाड़ी का तौर-तरीका
जलविज्ञानीय कहावतों का वैज्ञानिक विश्लेषण
जब बादल नीचे होता है तो उसका रंग काला दिखाई देता है, लेकिन जो बादल ऊँचा होता है वह भूरे रंग का दिखायी देता है। जब तक बादल की डायनेमिक कूलिंग नहीं होती बादल पानी में नहीं बदलता, जब बादल नीचे से ऊपर उठता है Posted on 22 Aug, 2023 05:33 PM

हमारा देश एक कृषि प्रधान देश है। क्योकि हमारी आबादी का लगभग 80% गाँवों में निवास करता है । तथा उनकी  जीविका  उर्पाजन का मुख्य स्रोत कृषि है । इसी तथ्य को ध्यान में रखकर हमारे पूर्वजों ने कुछ इस प्रकार की कहावतें बनाई जो जल विज्ञान से गहन सम्बन्ध रखती हैं तथा इनका प्रयोग बड़ी आसानी से हमारा अनपढ़ किसान अनादि काल से करता चला आ रहा है।

जलविज्ञानीय कहावतों का वैज्ञानिक विश्लेषण,Pc-Wikipedia
सिल्पालीन अस्तरीकृत जलकुंड - कोंकण के कृषकों के लिए वरदान
महाराष्ट्र राज्य के कोंकण विभाग की भू-भौतिक अवस्था राज्य तथा देश के अन्य भागों से अलग है। यहाँ जून से अक्तूबर तक औसतन 3000 से 3500 से मिली मीटर वर्षा होती है, किन्तु फिर भी गर्मियों में पीने के पानी की समस्या बनी रहती है Posted on 22 Aug, 2023 03:13 PM

सारांश

महाराष्ट्र राज्य के पश्चिम किनारे को कोंकण तट के नाम से जाना जाता है। कोंकण तट की उत्तर-दक्षिण लम्बाई लगभग 750 किमी.

सिल्पालीन अस्तरीकृत जलकुंड - कोंकण के कृषकों के लिए वरदान,PC-Wikipedia
जल प्रबंधन एवं जबलपुर के तालों का समीक्षात्मक अध्ययन (Study of water management and Ponds of Jabalpur)
आधुनिक समय में तकनीकी विकास के कारण जल संसाधनों का प्रचुर प्रयोग सिंचाई, जल विद्युत उत्पादन, मत्स्य पालन, जल परिवहन तथा उद्योग आदि के लिए किया जा रहा है, और जल की खपत मानव की प्रगतिशीलता का द्योतक बन गयी है। भूमिगत जल स्तर नीचे जाने से जल में लवणीयता भी बढ़ गयी है, क्योंकि भूमि के नीचे का मीठा पानी कम हो जाने से उसमें लवणयुक्त पानी मिलता जा रहा है। तटीय क्षेत्रों में भूमिगत जल स्रोतों में मीठा पानी कम हो जाने से समुद्र का खारा पानी रिसकर इन स्रोतों को प्रदूषित कर रहा है।
Posted on 21 Aug, 2023 06:06 PM

मानव को जीवित रहने के लिए वायु के बाद दूसरा स्थान जल का ही है। इसके अतिरिक्त, कोई भी आर्थिक कार्य ऐसा नहीं है, जो जल के बिना संभव हो। वस्तुतः जल के बिना जीवन ही संभव नहीं है। सभ्यता के आदिकाल से ही मानव जल का उपयोग अपनी विविध आवश्यकताओं की पूर्ति हेतु करता रहा है। यह आवश्यकता प्रगति के साथ-साथ तेजी से बढ़ती जा रही है। आधुनिक समय में तकनीकी विकास के कारण जल संसाधनों का प्रचुर प्रयोग सिंचाई, जल व

जबलपुर के ताल,PC-Wikipedia
भारत में जल उपलब्धता एवं जल गुणवत्ता (Essay on Water Availability and Water Quality in India)
जल ही जीवन है, जल के बिना जीवन की कल्पना करना भी मुश्किल है।प्रकृति ने जल का एक चक्र बनाया है, इसमें जल बिना खर्च हुए घूमता रहता है, समुद्र से जल वाष्पीकरण, वर्षा फिर नदियों में बहना धरती में भूजल के रूप में इकट्ठा होना फिर बहकर समुद्र में मिलना ये चक्र चलता रहता है लेकिन यदि मानव इसमें अपना हस्तक्षेप करेगा तो उसे गंभीर परिणाम भुगतने होंगे। Posted on 19 Aug, 2023 04:05 PM

ईश्वर ने जब सृष्टि की रचना की तो सर्वप्रथम जल तत्व को बनाया। वेद के अनुसार जल दो शब्द 'ज' और 'ल' के मेल से बना है। 'ज' से जन्म और 'ल' से लय हो जाना अर्थात जन्म और मरण दोनों जल में सन्निहित हैं। जल ही जीवन है, जल के बिना जीवन की कल्पना करना भी मुश्किल है। "आपो हिष्ठा मयोभुवः " के द्वारा भी जल के महत्व पर प्रकाश डाला गया है। कवि रहीम ने जल के महत्व पर प्रकाश डालते हुए लि

प्राकृतिक जल, PC-Wikipedia
जलीय खरपतवार : समस्याएं एवं नियंत्रण (Essay on Aquatic Weeds: Problems and Solutions)
आज स्वच्छ पेयजल की समस्या एक जटिल वैश्विक चुनौती के रूप में हमारे समक्ष उपस्थित हैं और आगे आने वाले कुछ वर्षों में पेयजल की समस्या विकराल रूप धारण करेगी, जिससे विश्व के सभी देश स्वच्छ जल को पाने के लिए युद्ध करेंगे। आज शहरों के अधिकांश नाले जिनमें मल, मूत्र, घरेलू कूड़ा कचरा एवं अन्य अपशिष्ट एवं रासायनिक पदार्थ मौजूद होते हैं वे हमारी नदियों में जाकर गिरते हैं, वहीं शहरों में स्थापित औद्योगिक इकाइयों से निकलने वाले रासायनिक पदार्थ, प्लास्टिक एवं अन्य अशुद्धियाँ भी हमारी नदियों को प्रदूषित करती हैं। हमारे जलस्रोतों को प्रदूषित करने में खरपतवार भी अहम भूमिका निभा रहे हैं।
Posted on 19 Aug, 2023 01:32 PM

सारांश

जल प्रकृति द्वारा दिया गया एक अनमोल उपहार है जिसके बिना जीवन की कल्पना नहीं की जा सकती है। बढ़ती हुई जनसंख्या, शहरीकरण, औद्योगीकरण एवं पर्यावरण प्रदूषण के कारण जल की खपत निरंतर बढ़ती जा रही है, जिसके कारण पृथ्वी पर जलचक्र का संतुलन बिगड़ता जा रहा है। आज स्वच्छ पेयजल की समस्या एक जटिल वैश्विक चुनौती के रूप में हमारे समक्ष उपस्थित हैं और आगे आने वाले कुछ व

जलकुम्भी खरपतवार,PC-Wikipedia
आर. ओ. प्लांट पेयजल की शुद्धता का एक अति आवश्यक संयंत्र
आर ओ प्लांट का सबसे अहम हिस्सा है मेम्ब्रेन। यह मेम्ब्रेन 4 इंच के गोलाकार प्लास्टिक पाइप के अंदर लगी होती है। यह मेम्ब्रेन असल में पोलिएस्टर के धागों से बना एक रोल होता है और इन धागों के मध्य में बहुत ही महीन कपड़ा लगा होता है, जो एक प्रकार से छन्नी के तौर पर काम करता है। यह मेम्ब्रेन चार भागों में बटी होती है। मेम्ब्रेन का प्रमुख कार्य एच. पी. पंप से प्राप्त खारे पानी में मौजूद अशुद्धियों को दूर करना है एवं पीने योग्य शुद्ध जल का उत्पादन करना है। Posted on 18 Aug, 2023 05:24 PM

आर. ओ. प्लांट का शाब्दिक अर्थ है "रिवर्स ऑस्मोसिस" यह एक ऐसी आधुनिक मशीन है, जो खारे पानी में मौजूद विभिन्न प्रकार के लवण (नमक) और अन्य हानिकारक जीवाणुओं को अलग करके स्वच्छ व शुद्ध पेयजल उपलब्ध करवाती है। 

आर.ओ. प्लांट के भाग

आर.ओ. प्लांट विभिन्न प्रकार के छोटे-बड़े उपकरणों को जोड़कर तैयार की गई मशीन है।

आर. ओ. प्लांट  पेयजल की शुद्धता का एक अति आवश्यक संयंत्र,Pc-जल चेतना
विश्व फोटोग्राफी दिवस के अवसर पर इंडिया वाटर पोर्टल द्वारा फोटो- कम्पटीशन का आयोजन
विश्व फोटोग्राफी दिवस के अवसर पर इंडिया वाटर पोर्टल द्वारा फोटो- कम्पटीशन का आयोजन हो रहा है।
Posted on 18 Aug, 2023 11:26 AM

विश्व फोटोग्राफी दिवस के अवसर पर इंडिया वाटर पोर्टल द्वारा फोटो- कम्पटीशन का आयोजन हो रहा है। यह सभी वर्ग और आयु के लिए खुला है। आप अपनी पानी - पर्यावरण, नदी, जलस्रोत आदि की तस्वीरें हमें 31 अगस्त 2023 से पहले भेजें। सभी प्रतिभागियों को सर्टीफिकेट दिए जाएंगे।

प्रतियोगिता भाग लेने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करे और गूगल फॉर्म भरे  

 इंडिया वाटर पोर्टल द्वारा फोटो- कम्पटीशन का आयोजन
इतिहास के पन्नों से हमारे जल-योद्धा
77 वें स्वतंत्रता दिवस पर औपनिवेशिक काल (1800-1947) की जल गाथा 

Posted on 17 Aug, 2023 02:57 PM

इतिहास के पन्नों से हमारे जल-योद्धा,PC-वरुण गोयल
×