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मजबूत पंचायत से पूरा होगा विकेंद्रीकरण का सपना : मणिशंकर
Posted on 02 Jun, 2013 03:33 PM पूर्व केंद्रीय पंचायती राज मंत्री मणिशंकर अय्यर पंचायतों को मजबूत करने की दिशा में हमेशा से सक्रिय रहे हैं। यही कारण है कि पंचायती राज मंत्रालय ने उनकी अध्यक्षता में पंचायती राज व्यवस्था को बेहतर बनाने के लिए एक एक्सपर्ट कमेटी बनायी। इस कमेटी ने हाल ही में राष्ट्रीय पंचायती राज व्यवस्था के स्थापना दिवस पर अपनी रिपोर्ट जारी की है। पेश है इस रिपोर्ट के आलोक में पंचायतनामा के लिए मणिशंकर अय्यर से
जरूरी है हर खेत की मिट्टी जांच
Posted on 01 Jun, 2013 12:42 PM हर खेत की मिट्टी जांच जरूरी है। इससे खेत की मिट्टी में विभिन्न पोषक तत्वों की कमी एवं अधिकता का पता चलता है। पोषक तत्वों की कमी या अधिकता का पता चलने के बाद विशेषज्ञ की सलाह पर मिट्टी का उपचार कर खेत को उपजाऊ बनाया जा सकता है। ऐसा करना सस्ता एवं लाभदायक होता है। एक बार पोषक तत्वों की कमी का पता चल जाने पर आप आवश्यकतानुसार उचित रासायनिक खादों का प्रयोग कर कमी को दूर कर सकते हैं। इससे फसल का उत्पादन
Mitti janch kendra
श्री विधि से धान उत्पादन का लक्ष्य संभव
Posted on 31 May, 2013 03:06 PM
धान उत्पादन और उत्पादकता बढ़ाने के लिए लगातार प्रयास किये जा रहे हैं। इस वर्ष बिहार में 25 लाख एकड़ क्षेत्र में श्री विधि से धान उत्पादन का लक्ष्य रखा गया है। बिहार में लगभग 32 से 35 लाख हेक्टेयर में धान की खेती होती है। श्री विधि और संकर किस्म के धान को बढ़ावा देकर उत्पादकता बढ़ाने का कोशिश हो रही है। धान उत्पादन के लिए केंद्र से ‘कृषि कर्मण पुरस्कार’ बिहार और झारखंड को मिले। श्री विधि स
अब आई रेनगन पद्धति
Posted on 30 May, 2013 01:04 PM खेतों में सिंचाई के लिए ‘‘बूंद-बूंद’’ और ‘‘फौव्वारा तकनीक’’ के बाद अब रेनगन आ गयी है जो 20 से 60 मीटर की दूरी तक प्राकृतिक बरसात की तरह सिंचाई करती है। इसमें कम पानी से अधिक क्षेत्रफल को सींचा जा सकता है। सब्जी तथा दलहन फसलों के लिए यह माइक्रो स्प्रिंकलर सेट बहुत उपयोगी है, इससे ढाई मीटर के व्यास में बरसात जैसी बूंदों से सिंचाई होती है।

कैसे काम करती है रेनगन

पानी पंचायत से बदल सकती है सूरत
Posted on 30 May, 2013 12:37 PM झारखंड राज्य के लिए यह विडंबना है कि यहां खरीफ में भी मात्र 86 फीसदी जमीन पर खेती हो पाती है। सिंचाई सुविधा के अभाव के कारण 14 फीसदी यानी 19.73 लाख हेक्टेयर जमीन परती रह जाती है। रबी में तो यहां बमुश्किल 10 से 12 फीसदी जमीन पर ही खेती हो पाती है। जबकि हर क्षेत्र में नदियां, नाले और झरने प्रचुर मात्रा में उपलब्ध हैं, औसत बारिश भी 14 से 15 सौ मिमी होती है। ऐसे में अगर पंचायतें चाहें तो इस जल संसाधन
खेत का पानी खेत में
Posted on 30 May, 2013 10:15 AM बारिश का मौसम आ रहा है। इस मौसम से हमें न सिर्फ खरीफ के लिए पानी मिलता है बल्कि अगर हम हिसाब से इसका संरक्षण करें तो रबी के मौसम में भी हमारी खेती के लिए यह पानी लाभदायक हो सकता है। खास तौर पर यह देखते हुए कि हमारे राज्य में अधिकांश किसान एक ही फसल ले पाते हैं और रबी में राज्य की तकरीबन 90 फीसदी जमीन परती रह जाती है। इसलिए हमें खेतों का पानी खेत में रोकने की तरकीब अपनानी होगी।
खेती लाभकारी होगी, तभी होगा कृषि का विकास
Posted on 28 May, 2013 03:38 PM डॉ. टी.हक देश के जाने माने कृषि अर्थशास्त्री हैं। भारत सरकार के कमिशन फॉर एग्रिकल्चर, कॉस्ट ऑफ प्राइसेस के चेयरमैन रहे डॉ.
नदी एक खोज
Posted on 25 May, 2013 04:41 PM तपती गर्मी में नदियों का याद आना लाज़िमी है। दुनिया की सभी बड़ी सभ्यताओं में नदियों को पूजनीय ही माना गया। सभ्यता और संस्कृति के विकास में नदियों की महत्वपूर्ण भूमिका रही है। नदियों से जुड़ा समाज अब नदियों को जोड़ने में लगा हुआ है। कल-कारखानों का कचड़ा, मनमाना और अंधाधुंध जल दोहन, छोटी नदियों को मारकर नाले में बदलना आदि-आदि ऐसे कारण हैं जिनसे नदियां बीमार हो रही हैं और मर रही हैं। मानवीय लालच
जैव विविधता संरक्षण मंत्र : जीओ और जीने दो
Posted on 23 May, 2013 10:06 AM

अंतरराष्ट्रीय जैव विविधता दिवस (22 मई) पर विशेष

Indian biodiversity
किनारे की मैल से परेशान ना हों
Posted on 20 May, 2013 01:03 PM विनोबा कहते हैं कि पानी तो निकलता है, बहता है समुद्र में मिलने क
Anupam Mishra
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