सतीश सिंह

सतीश सिंह
आशियाने का सपना पूरा करने की चुनौती
Posted on 29 Oct, 2017 04:40 PM

1 मई, 2017 तक प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) के तहत देश भर में महज 4365 आवास
बजट से खुलेगा ग्रामीण विकास का रास्ता
Posted on 18 Mar, 2017 01:42 PM

सरकार अच्छी तरह से जानती है बिना ग्रामीण क्षेत्र का विकास किय
सन्तुलित विकास की जरूरत
Posted on 17 May, 2016 04:09 PM

नदी, झील, नहर, तालाब, भूजल, सागर आदि के प्रदूषण को जल प्रदूषण
गर्दिश में गंगा डॉल्फिन
Posted on 06 Oct, 2015 03:41 PM

गंगा डॉल्फिन का निवास स्थल भारत के गंगा, ब्रह्मपुत्र, मेघना, बांग्लादेश के करनाफुली, सांगू और नेपाल के करनाली और सप्तकोशी नदी में है। कभी यह जीव नदियों के सभी हिस्सों में विचरण करता था, लेकिन 1966 में नरौरा, 1975 में फरक्का और 1984 में बिजनौर में बैराज बनने से इसका घर तीन भागों में बँट गया। दूसरे परिप्रेक्ष्य में देखें तो बैराजों ने गंगा नदी को निचले, मध्य और अगले भागों में बाँट दिया है,
नदी एक खोज
Posted on 25 May, 2013 04:41 PM
तपती गर्मी में नदियों का याद आना लाज़िमी है। दुनिया की सभी बड़ी सभ्यताओं में नदियों को पूजनीय ही माना गया। सभ्यता और संस्कृति के विकास में नदियों की महत्वपूर्ण भूमिका रही है। नदियों से जुड़ा समाज अब नदियों को जोड़ने में लगा हुआ है। कल-कारखानों का कचड़ा, मनमाना और अंधाधुंध जल दोहन, छोटी नदियों को मारकर नाले में बदलना आदि-आदि ऐसे कारण हैं जिनसे नदियां बीमार हो रही हैं और मर रही हैं। मानवीय लालच
मुक्ति मांगती मुक्तिदायिनी
Posted on 01 Apr, 2011 09:46 AM

सदियों से सभ्यता का विकास नदियों के किनारे होता रहा है। नदी के बिना जीवन की कल्पना असंभव है। बावजूद इसके नदियों की मौत पर हम कभी अफसोस जाहिर नहीं करते। जबकि उनकी मौत के लिए सिर्फ हम हमेशा से जिम्मेदार रहे हैं। कभी हम विकास के नाम पर उनकी बलि चढ़ाते हैं तो कभी अपनी लालच को साकार करने के लिए।

प्रदूषण,आर्थिकी के लिए भी चुनौती 
प्रदूषण का सबसे बड़ा कारक वायु प्रदूषण माना जाता है। यह दुनिया में असमय मृत्यु का चौथा सबसे बड़ा कारण है। इसके कारण सर्दियां आते ही स्मॉग की काली छाया दिल्ली समेत उत्तर भारत के कई शहरों को अपने दामन में समेट लेती है। प्रदूषण का सबसे प्रतिकूल प्रभाव स्वास्थ्य और उत्पादकता पर पड़ता है। दुनिया में कोई भी कार्य मानव संसाधन की बदौलत ही किया जा सकता है, लेकिन जल, वायु, भूमि, और ध्वनि प्रदूषण शरीर को रुग्ण कर देता है, जिससे स्वास्थ्य मद की लागत बढ़ जाती है और उत्पादकता कम हो जाती है।
Posted on 08 Nov, 2023 12:50 PM

प्रदूषण मुख्य तौर पर जल, वायु, भूमि और ध्वनि के प्रदूषित होने से होता है। इसलिए प्रदूषण का समग्र विश्लेषण मुख्य तौर पर जल, वायु, भूमि और ध्वनि के प्रदूषित इन चारों कारकों को ध्यान में रखकर ही किया जा सकता है। जल प्रदूषण, औद्योगिक कचरा, अन्य कचरा फेंकने, जहाजों से होने वाले तेल रिसाव आदि से होता है। वायु प्रदूषण में वृद्धि पराली व कचरा जलाने, कारखानों एवं वाहनों से निकलने वाले धुएं आदि से होती ह

प्रदूषण, आर्थिकी के लिए भी चुनौती 
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