भारत

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जल समेट क्षेत्र (Recharge Zone) का उपचार
Posted on 01 Sep, 2015 03:34 PM जल स्रोत समेट क्षेत्र की कोई प्रबन्धन व्यवस्था न होने के कारण इन क्षेत्रों पर जैविक दबाव निरन्तर बढ़ा है। इन क्षेत्रों से वानस्पतिक आवरण के ह्रास के साथ ही भूमि में कार्बनिक पदार्थों की मात्रा में कमी आई है तथा निरन्तर चराई व आग के कारण भू क्षरण की दर बढ़ी है परिणामस्वरूप अधिकतर वर्षा का जल भूमि की सतह से बह जाता है। वर्षा के जल का भूमि में अवशोषण बहुत कम हो जाने के कारण जल स्रोत का जल चक्र प्रभाव
नमामि गंगे : दक्षिण भारतीय संगीत में भजन
Posted on 01 Sep, 2015 01:12 PM गंगा स्वच्छता राष्ट्रीय मिशन के साथ बातचीत आखिरी दौर में है। मिशन
Ganga
स्रोत अभयारण्य विकास (Spring Sanctuary Development)
Posted on 01 Sep, 2015 12:14 PM प्राकृतिक जल स्रोतों के घटते प्रवाह को बढ़ाने के लिए यह नितान्त आवश्यक है कि जल स्रोत के ऊपरी क्षेत्र में पड़ने वाली सभी प्रकार की भूमि (आरक्षित वन, पंचायती वन, सिविल व निजी भूमि) में पशु चुगान व मानव हस्तक्षेप पूर्ण रूप से बंद करके उक्त भूमि का संरक्षण व संवर्धन किया जाए। जल समेट क्षेत्र में मानव हस्तक्षेप पूर्णरूप से बन्द करके उस क्षेत्र में वर्षा के जल का अवशोषण बढ़ाने के लिए किये गये उपचारों क
भारत अनुभव करेगा जलवायु परिवर्तन का गहरा असर
Posted on 01 Sep, 2015 11:49 AM भूगर्भीय जल के भण्डारों का अतिरिक्त दोहन और धरातल के पानी की मानसून की वर्षा पर निर्भरता के कारण देश में ताजे पानी की उपलब्धता घटेगी। फूड एंड एग्रीकल्चर आर्गेनाइजेशन (एफएओ) की तरफ से प्रकाशित एक पुस्तक में कहा गया है कि ग्लोबल वार्मिंग से खाद्य उत्पादन प्रभावित होगा और प्रमुख फसलों के पोषक गुणों में कमी लाएगा। एफएओ के व्यापार और बाजार विभाग के वरिष्ठ अर्थशास्त्री और क्लाइमेट चेंज एंड फूड सिस्टम
जल स्रोत का जल समेट क्षेत्र
Posted on 01 Sep, 2015 10:50 AM जल स्रोत का जल समेट वह भूक्षेत्र है जिसमें पड़ने वाली वर्षा के अवशोषण से उस स्रोत का पानी प्रवाह निर्धारित होता है। किसी भी स्रोत के जल प्रवाह को निर्धारित करने वाले अनेक कारक होते हैं जिनको मुख्यतः निम्न भागों में बाँटा जा सकता हैः
खत्म हो गए कुएँ-कुण्डियाँ उलीचने का दौर
Posted on 31 Aug, 2015 03:23 PM

समय के साथ हमने अपने जन-जीवन से कई महत्त्वपूर्ण चलन रिवाज से बाहर कर दिये। हमने इन्हें चलन से निकालने से पहले यह भी नहीं सोचा कि इनके नहीं निभाने पर हमें किन–किन बड़े संकटों से गुजरना पड़ सकता है और हमारे समाज में यदि ये रिवायत रही थी तो इसके पीछे कितना गहरा अनुभव का ज्ञान रहा होगा।

Kundi
केन-बेतवा से होगी नदियों के जोड़ने की परियोजना की शुरुआत
Posted on 31 Aug, 2015 10:23 AM नई दिल्ली, 30 अगस्त (भाषा)। कृत्रिम रूप से नदियों को जोड़ने के महाप्रयोग के तहत केन और बेतवा को जोड़ने की परियोजना को जल संसाधन व नदी विकास मंत्रालय दिसम्बर तक शुरू करना चाहता है। लेकिन मध्य प्रदेश में पर्यावरण व वन्य जीव मंजूरी अभी तक नहीं मिलने से इसमें देरी होने की आशंका है।
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