Posted on 08 Sep, 2015 09:20 AMजल धरती पर अमृत है इसका पूरा सम्मान करो। जल की एक बूँद का भी तुम कभी नहीं अपमान करो। कितना भी हो हरा भरा जीवन गुलाब सा खिल जाये। जीवन की सारी शोभा सुगंध भी तुमको मिल जाये।।
चमक दमक वैभव की पाकर वैभव में ही नहीं फूलो। बरसाती मौसम में भी जल की कीमत को नहीं भूलो।। जल का वह उपयोग करो गंदा नाला नहीं बन जाये। जल जीवन का प्राण -स्रोत है कभी नहीं यह तरसाये।।
Posted on 07 Sep, 2015 10:27 AMकिसान आत्महत्या कर रहे हैं। सरकार हाथ-पर-हाथ धरे बैठी है। वह आत्महत्या को दूसरे नज़रिए से देख रही है। उसका मानना है कि इसकी वजह किसानों की आपसी प्रतिस्पर्धा है। मगर सवाल ये है कि क्या सच वही है जो सरकार बता रही है। उसी को उजागर करती यह रिपोर्ट…