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कीटनाशकों के हवाले दिनचर्या
Posted on 18 Aug, 2015 11:34 AM इंसान को जीवित रहने के लिये सबसे ज्यादा संघर्ष बाहरी और भीतरी संक्रमणों और कीटों से निपटने के लिये करना पड़ता है। यह बात सदियों पहले भी सच थी और आज भी। घरों में ही नहीं, आधुनिक हवाई जहाजों तक में मक्खी-मच्छर मौजूद रहने की चुनौती इतनी बड़ी है कि विमान कम्पनियों के कर्मचारी हवाई जहाज के जमीन पर उतरते ही उसके अन्दर स्प्रे से कीटनाशकों का छिड़काव शुरू कर देते हैं। कई बार यह काम यात्रियों की मौजूदगी में किया जाता है। इस पर नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) ने हवाई सेवाओं को ऐसी बौछार को रोकने के लिये कहा है।

अमेरिका के टेक्सास में बेलर अस्पताल में कार्यरत न्यूरोलॉजिस्ट जय कुमार ने इस बारे में एक याचिका एनजीटी के पास भेजी थी कि विमान कम्पनियाँ अपने हवाई जहाजों में तब कीटनाशकों का छिड़काव करती हैं, जब वे जमीन पर होते हैं और उनमें यात्री मौजूद रहते हैं। उनका तर्क था कि मक्खी-मच्छर मारने वाले ऐसे कीटनाशकों में मौजूद फीनोथ्रीन इंसानों की सेहत को भारी नुकसान पहुँचाता है।
नमक की कहानी
Posted on 18 Aug, 2015 11:21 AM

नमक एक ऐसी चीज है जिसका इस्तेमाल दुनिया भर में होता है। इसके बिना हर खाद्य सामग्री बेस्वाद होती है। जो चीज इतनी महत्त्वपूर्ण है, उसके बारे में कितना कुछ जानते हैं आप?

salt
विश्वव्यापी जलवायु परिवर्तन
Posted on 17 Aug, 2015 03:45 PM

अन्तर्राष्ट्रीय प्रयासों में वानिकी एवं भारतीय पहल:

क्या है किसानी के संकट का समाधान
Posted on 17 Aug, 2015 10:53 AM

इन दिनों खेती- संकट और किसान आत्महत्या का मुद्दा गरम है। किसानों की मुसीबतें कम होने की बजाय बढ़ती जा रही हैं। बेमौसम बारिश ने गेहूँ की फसल चौपट कर दी थी। किसान अपनी जान देने पर मजबूर हैं। एक के बाद एक किसानों की खुदकुशी की घटनाएँ सामने आ रही हैं। दो दशकों में अब तक 3 लाख किसान आत्महत्या कर चुके हैं। इस बीच खेती के संकट के समाधान के रूप में कई छोटे-छोटे र

Subhash palekar
सन्तुलन बिगाड़ती, असन्तुलित आबादी
Posted on 16 Aug, 2015 04:25 PM जनसंख्या दबाव के कारण नदियों के बौखलाने अथवा पगलाने के उदाहरणों से
population growth
अल्पकालिक रिसर्च ग्रांट के लिये आवेदन आमंत्रित : अर्घ्यम
Posted on 16 Aug, 2015 12:28 PM अर्घ्यम संस्था; ग्राउंड वाटर और सेनिटेशन के क्षेत्र में अल्पकालिक (6-12 माह) शोध अध्ययन के लिये कंसेप्ट पेपर आमंत्रित कर रही है।

ग्राउंड वाटर- सेनिटेशन के अन्तर्सम्बन्ध पर शोध कार्यक्रम
यह शोध कार्यक्रम भारत में भूजल और सेनिटेशन के अन्तर्सम्बन्ध पर समझ बेहतर बनाने के लिये बनाया गया है ताकि इस क्षेत्र में समेकित दृष्टिकोण के साथ हल ढ़ूँढ़ने के लिये आगे बढ़ा जा सके। फिलहाल भूजल और सेनिटेशन के अन्तर्सम्बन्धों के बारे में जानकारी या सबूत बहुत सीमित हैं। यह शोध कार्यक्रम इसी ज्ञान के अधूरेपन को पूरा करने की एक कोशिश है जोकि शोध के प्रयोगात्मक पहलू और इस सम्बन्ध में उपलब्ध ज्ञान तथा अनुभवों को एकत्रित करके किया जाएगा।
मृदा एवं जल संरक्षण
Posted on 16 Aug, 2015 10:09 AM पाठ -5

अभियान्त्रिक एवं वानस्पतिक उपाय



मृदा एवं जल संरक्षण (समस्या, सिद्धान्त एवं तकनीक)


मिट्टी का महत्व
1. पोषक पदार्थ 2. हवा 3. पानी 4. सहारा

चट्टानों के टूटने के मुख्य कारक
1. तापमान 2. पानी 3. हवा 4. जैविक पदार्थ 5. रासायनिक प्रक्रियाएँ
मौजूदा दौर में जैविक खेती
Posted on 14 Aug, 2015 02:19 PM

खेती में रासायनिक खादों और कीटनाशकों के निरन्तर इस्तेमाल से आज अनाज, फल, सब्जी जैसी सभी खाद्य वस्तुएँ जहरीली होती जा रही हैं। इसका तोड़ अगर कुछ है तो जैविक या गैर-रासायनिक खेती। भारत के कई राज्यों में इस दिशा में सक्रिय पहल हो चुकी है। लेकिन ज़मीनी स्तर पर अब भी बहुत कुछ करने की जरूरत है। इस बारे में बता रही हैं अनीता सहरावत।

.ज्यादा अरसा नहीं हुआ, जब आन्ध्र प्रदेश में रामचन्द्रपुरम गाँव के किसानों की खेती की ज़मीन गिरवी रखी जा चुकी थी। महँगी खाद-बीज तो दूर, दो जून की रोटी मयस्सर होनी मुश्किल हो गई थी। तब हारकर उन्होंने हर तरह के रासायनिक खादों और कीटनाशकों को अपनी खेती से निकाल फेंका और परम्परागत जुताई-बुआई की टेक ले ली। जैविक खेती उनके लिये रामबाण साबित हुई।

तीन साल के भीतर उन्होंने न केवल अपना पूरा कर्जा पाट दिया बल्कि अपनी जमीनें भी छुड़ा लीं।

कृषि
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