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बिहार
भारत की नदियां
Posted on 19 Sep, 2008 06:18 PMभारत की नदियों को चार समूहों में वर्गीकृत किया जा सकता है जैसे, हिमाचल से निकलने वाली नदियाँ, डेक्कन से निकलने वाली नदियाँ, तटवर्ती नदियाँ ओर अंतर्देशीय नालों से द्रोणी क्षेत्र की नदियाँ। हिमालय से निकलने वाली नदियाँ बर्फ और ग्लेशियरों के पिघलने से बनी हैं अत: इनमें पूरे वर्ष के दौरान निरन्तर प्रवाह बना रहता है। मॉनसून माह के दौरान हिमालय क्षेत्र में बहुत अधिक वृष्टि होती है और नदियाँ बारिश
जल संरक्षण की चुनौती
Posted on 16 Sep, 2008 11:57 AMदेश की कई छोटी-छोटी नदियां सूख गई हैं या सूखने की कगार पर हैं। बड़ी-बड़ी नदियों में पानी का प्रवाह धीमा होता जा रहा है। कुएं सूखते जा रहे है। 1960 में हमारे देश में 10 लाख कुएं थे, लेकिन आज इनकी संख्या 2 करोड़ 60 लाख से 3 करोड़ के बीच है। हमारे देश के 55 से 60 फीसदी लोगों को पानी की आवश्यकता की पूर्ति भूजल द्वारा होती है, लेकिन अब भूजल की उपलब्धता को लेकर
महंगी पड़ी चूक
Posted on 16 Sep, 2008 10:24 AMकेंद्रीय जल संसाधन राज्य मंत्री जयप्रकाश यादव से संजय सिह की बातचीत
अंतरराष्ट्रीय कुसहा बांध के टूटने से बिहार में महाप्रलय की स्थिति पैदा हो गयी है, उसे बचाने के लिए केंद्रीय जल संसाधन मंत्रालय ने क्या किया?
बूँद बूँद कर बना सरोवर
Posted on 11 Sep, 2008 03:55 PMबूंद-बूंद से सागर कैसे भरता है इसकी मिसाल बिहार के माणिकपुर गांव में देखी जा सकती है। पटना से करीब सौ किलोमीटर दूर इस गांव के कमलेश्वरी सिंह ने सात साल तक अकेले ही खुरपी और बाल्टी की मदद से 60 फीट लंबा-चौड़ा और 25 फीट गहरा तालाब खोद डाला। आज जब दक्षिण बिहार के ज्यादातर गांवों के तालाब और कुएं पानी का संकट झेल रहे हैं, कमलेश्वरी के पसीने की बूंदों से तैयार
पानी के मसले एक ही मंत्रालय के पास हो
Posted on 07 Sep, 2008 09:46 PMहर आम और खास की सबसे बड़ी जरूरत है पानी। बढ़ती आबादी व सीमित पानी को देखते हुए झगड़े भी बढ़ रहे हैं। देश में पानी राज्यों का विषय है और केंद्रीय स्तर पर भी पानी कई मंत्रालयों में बंटा है। इन हालात में केंद्रीय जल संसाधन मंत्री सैफुद्दीन सोज का आए दिन किसी न किसी नए विवाद से सामना होता रहता है। उनका स्पष्ट मानना है कि पानी के लिए तो एक ही मंत्रालय होना चाहिए। 'दैनिक जागरण' के विशेष संवाददात
कोसी से तबाही के लिए जिम्मेदार कौन: शेखर कपूर
Posted on 07 Sep, 2008 05:52 PMनवभारत टाइम्स/ नई दिल्ली: बिहार में कोसी के कहर पर जहां बॉलिवुड की नामचीन हस्तियां खामोश हैं, वहीं बॉलिवुड की सीमाएं तोड़कर इंटरनैशनल लेवल पर पहचान बनाने वाले निर्माता-निर्देशक शेखर कपूर इसको लेकर काफी संजीदा हैं। शेखर कपूर ने इस बात पर गहरी नाराजगी जताई कि नेपाल में कोसी बांध में संरचनात्मक दबाव दिखाई देने के बावजूद कोई चेतावनी जारी क्यों नहीं की गई?
कोसी के गुस्से का राज़ क्या है
Posted on 07 Sep, 2008 05:34 PMअवधेश कुमार/ बिहार में कोसी नदी की धारा बदल जाने के कारण आए प्रलय के साथ ही जानकारों ने तटबंध और बैराजों को असली खलनायक साबित करना शुरू कर दिया है। सतही तौर पर विचार करने से ऐसा लगता है कि अगर हिमालय से निकलने वाली कोसी (जिसे नेपाल में सप्तकोसी कहा जाता है) के दोनों किनारों पर तटबंध नहीं बनाए जाते तो यह नौबत नहीं आती। पहले पानी इकट्ठा हुआ और फिर बाढ़ में
जलप्रलय ने सुखा दिया मां का आंचल
Posted on 05 Sep, 2008 10:02 AMजागरण/पूर्णिया/मधेपुरा। भारतीय परंपरा में नदियां जीवन दायिनी मानी जाती हैं। मां भी जीवन देती है। लेकिन बिहार के लिए शाप बन चुकी कोसी में आई प्रलयकारी बाढ़ में सब कुछ गंवाने वाली बिलख रही है, क्योंकि अपने दुधमुंहे को पिलाने के लिए उसके आंचल में दूध नहीं उतर रहा है। प्राकृतिक आपदा में लोगों के सिर ढांपने की जगह बने पूर्णिया रेलवे स्टेशन पर शरण लिए झुनकी अपन
नन्हीं आंखों से गायब हुआ बचपन
Posted on 05 Sep, 2008 08:06 AMराष्ट्रीय सहारा/ निवेदिता/एसएनबी/नई दिल्ली : वे सारे बच्चे कतारबद्ध खड़े थे। उनके नन्हें हाथ प्रार्थना की मुद्रा में जुड़े हुए थे। उनकी आंखों से बचपन गायब था। एक दिन में ही कोसी ने उन्हें बड़ों की दुनिया में लाकर खड़ा कर दिया। बच्चे पटना के रेलवे स्टेशन पर अपनी पारी का इन्तजार कर रहे थे कि कब उन्हें दिन का खाना मिलेगा। ये वही बच्चे हैं जिसे कोशी ने बेघर कर दि
नेपाल के बांध रोकेंगे बिहार की बाढ़
Posted on 05 Sep, 2008 07:43 AMबिजनेश स्टैंडर्ड/कुमार नरोत्तम/नई दिल्ली : बाढ़ की विभीषिका से बिहार परेशान है। जाहिर सी बात है कि बाढ़ की बेकाबू स्थिति से मुख्यमंत्री सचिवालय भी हलकान है। राज्य के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार अब नेपाल में ऊंचे बांध बनाकर इस समस्या का स्थायी हल तलाशने की कवायद में जुटे हैं। मुख्यमंत्री सचिवालय के एक अधिकारी ने बताया कि यदि नेपाल में बांध बनाए जाते हैं तो इससे