बिहार

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साड़ी से रेन वाटर हार्वेस्टिंग
Posted on 06 Feb, 2009 12:15 AM

वर्षाजल एकत्रित करने का देशज तरीका


कर्नाटक और केरल के भारी वर्षा वाले इलाके के गाँवों में ग्रामीण जनता पेयजल प्राप्त करने के लिये अपना खुद का “डिजाइन” किया हुआ “रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम” अपनाती है। इस खालिस देशी विधि के मुताबिक एक साड़ी के चारों कोनों को बारिश के दौरान खुले में बाँध दिया जाता है और उसके ढलुवाँ हिस्से के बीचोंबीच नीचे पानी एकत्रित करने के लिये एक बर्तन लगा दिया जाता है, जिससे कि एक ही विधि में पानी का इकठ्ठा होना और पानी का छनकर साफ़ होना हासिल कर लिया जाता है।

rain water harvesting
जिंदगी अब भी है बेपटरी
Posted on 05 Feb, 2009 07:54 AM

कटाव रोकने के लिए लोगों ने अपने घरों में बालू की बोरियां लगा रखी हैं. साभार - बिहार कोसी बाढ़साभार - बिहार कोसी बाढ़

Bamboo bridge
निमंत्रण : राष्ट्रीय नदी परिसंवाद
Posted on 02 Feb, 2009 09:05 AM पिछले वर्ष कोसी नदी के बांध के टूटने से उत्पन्न विभिषिका से आप परिचित होंगे। इसके कारण नेपाल एवं भारत (बिहार) के कई जिले जलमग्न हो गए तथा हजारों लोगों एवं पशुओं की मौत हुई। इस विभिषिका ने बड़े बांधों पर एक बार फिर से प्रश्नचिन्ह लगा दिया है तथा नदियों से जुडे़ सभी मुद्दों पर नए सिरे से चिंतन को अनिवार्य बना दिया है।
कोसी तटबंध के लिए
Posted on 24 Jan, 2009 06:34 AM

केंद्र ने तिजोरी खोली

ब्यूरो/ नई दिल्ली/

कोसी क्षेत्र में फिर से प्रलयंकारी बाढ़ नहीं आए इसके लिए केन्द्र सरकार ने तिजोरी खोल दी है। इसके लिए 482.81 करोड़ की दो परियोजनाओं को जल संसाधन मंत्रालय ने स्वीकृति प्रदान की है। इस परियोजना में कुसहा के टूटे तटबंध की मरम्मत तो शामिल ही है, कोसी तटबंध और सपंर्क सड़कों की मरम्मत भी की जाएगी।
कोसी आपदा: पुनर्वास एवं पुनर्निर्माण नीति
Posted on 15 Dec, 2008 11:09 AM कोसी नेपाल एवं भारत के बीच बहनेवाली, गंगा की सहायक नदी है, जिसका आवाह (जलग्रहण) क्षेत्र करीब 69300 वर्ग किलोमीटर नेपाल में है। यह कंचनजंगा की पश्चिम की ओर से नेपाल की पहाड़ियों से उतर कर भीमनगर होते हुए बिहार के मैदानी इलाके में प्रवेश करती है। यह एक बारहमासी नदी है प्रत्येक वर्ष कोसी नदी में बह रही गाद के कारण नदी के तट का स्तर बांध के बाहर की जमीन से ऊपर हो गया है।
उत्तर बिहार
Posted on 08 Dec, 2008 10:29 AM

उत्तर बिहार में बाढ़ प्रतिवर्ष आने वाली आपदा है, जो हजारों लोगों व पशुओं पर कहर ढाती है तथा लाखों की सम्पति को भारी नुकसान पहुंचाती है। उत्तर बिहार में इस आपदा के आने का कारण सिर्फ मानवकृत अव्यवस्था है। सम्बन्धी गंभीर समस्याओं का हल नहीं निकल पाया है। भारत के मानवकृत व प्राकृतिक आपदाओं में उत्तर बिहार की बाढ़ इस श्रेणी में सबसे

बाढ़ की प्रलय और फल्गु नदी प्यासी
Posted on 25 Sep, 2008 11:44 AM

पटना, 17 सितंबर । एक तरफ उत्तर बिहार की नदियां उफान पर हैं तो दूसरी तरफ दक्षिण बिहार के गया की फल्गु नदी में आज भी नहीं के बराबर पानी है।

एक तरफ बाढ़ के पानी से लोगों को बाहर निकालने के लिए सेना के जवानों को लगाया गया है तो दूसरी तरफ फल्गु नदी में अपने पितरों की आत्मा को मुक्ति देने के लिए तर्पण करने वालों के लिए पानी नदी खोद कर निकालना पड़ रहा है।

जल में बसा देवता
Posted on 21 Sep, 2008 08:47 PM

वे पुरोगामी पुरुष हैं। कार्यकर्ता तो आपको बहुत मिलेंगे, परंतु कर्म व ज्ञान का सम्मिश्रण आपको अनुपम मिश्र में ही मिलेगा। ज्ञान, कोरी सूचना भर नहीं, अनुभव की आंच में तपा हुआ अर्जित ज्ञान। उनका समूचा जीवन जल के प्रति एक सच्ची प्रार्थना रहा है। तीन दशकों से भी अधिक समय से वे भारत के लुप्त होते जल संसाधनों को बचा रहे हैं। इसलिये उनका प्रत्येक शब्द एक दस्तावेज बनता है, जहाँ वे जल संकट के विभिन्न पहलु

बाढ़
बिहार की बाढ़
Posted on 21 Sep, 2008 05:20 PM

बाढ़ से पूर्ण मुक्ति के लिये ''नदी मुक्ति आंदोलन'' शुरु किया है, परंतु राजनेता व तटबंध ठेकेदारों द्वारा निरंतर रोढ़े डाले जाने की वजह से यह बहुत अधिक सफल नहीं हो पाया है। नदी मुक्ति आंदोलन सभी तटबंधों को हटाने व नदी को 1954 पूर्व की अवस्था पर लाने की माँग करता है। हम शोधकर्ता, नीति निर्माता व सरकार को इस मुद्दे से अवगत कराते हैं और आम जनता को शिक्षित करते हैं कि तटबंध बाढ़ समस्या का समाधान नहीं

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