बिहार

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संथाल : पहले जंगल सिमटे, अब पहाड़ हो रहे छलनी
Posted on 18 May, 2019 04:32 PM

दुमका । संथाल परगना में पहले जंगल काटकर पहाड़ों को नंगा किया गया। अब पहाड़ों को काट-काट कर छलनी किया जा रहा है। जंगल-पहाड़ नष्ट हो रहे हैं और पर्यावरण का संतुलन बिगड़ रहा है। इसकी चिंता न सरकार को है और न राजनीतिक दलों को। इसकी क्षमता यह है कि पहाड़ नंगे होते चले गए हैं। जंगल कटने से वर्षा के पानी का ठहराव बंद हो गया है। पानी सीधा पहाड़ से नीचे मैदान में आ जाने से जमीन बंजर हो

राज्यों में नहीं बना उपचारित सीवर के जल के प्रयोग का एक्शन प्लान
Posted on 16 May, 2019 11:49 AM

उत्तराखंड ने अब तक तमाम शहरों के सीवर नेटवर्क में लगे सीवर ट्रीटमेंट प्लांट से निकलने वाले उपचारित पानी के उपयोग का एक्शन प्लान नहीं बनाया है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की स्टेटस रिपोर्ट के मुताबिक उत्तराखंड, गुजरात, असम, पंजाब, बिहार और उप्र अब तक अपने एक्शन प्लान नहीं जमा किए हैं।

मेदिनीनगर में पानी का हाहाकार, कोयल नदी से चैनल काट की जा रही आपूर्ति
Posted on 13 May, 2019 04:05 PM

मेदिनीनगर,

भीषण गर्मी में पानी संकट गहरा गया है। इससे शहरवासी इन दिनों काफी परेशान हैं। कोयल नदी सूख चुकी है। पीएचइडी द्वारा बेलवाटिका पंपू कल में नदी में चैनल काटकर किसी तरह पानी की सप्लाई की जा रही है। वह भी अनियमित सप्लाई हो रही है।

कभी झारखंड के कई क्षेत्रों की लाइफ लाइन रही कोयल नदी अब सूखी पड़ी है
जलाशयों में 100 फीट बोरवेल जरूरी
Posted on 11 May, 2019 11:27 AM

हिन्दुस्तान, गया, 11 मई 2019

भीषण गर्मी और पेयजल संकट के बीच शुक्रवार को गया कलेक्ट्रेट में गया के प्रभारी सचिव आरके महाजन ने पेयजल की स्थिति पर बिंदुवार समीक्षा की। बताया गया कि गया में कुल 40,896 चापाकल हैें, जिसमें 5,869 नाकाम हैं। लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग के कार्यपालक अभियंता विवेक कुमार ने बताया कि जिले का जल-स्तर 40-45 फीट निचे चला गया है।

बातों से नहीं बनेगी बात
Posted on 07 May, 2019 01:37 PM

दो दशक पहले तक भारत में गर्मी का मौसम 3 महीने के लिए आता था। पानी की किल्लत दूसरे गर्म महीने में दस्तक देती थी। इस साल सर्दियां थोड़ी लंबी ज़रूर खिंच गई हैं, किंतु अब गर्मियां, मार्च से जून तक 4 महीने के लिए आती हैं। पानी की कमी का संकट जनवरी से ही शुरू हो जाता है। इस वर्ष मध्य और पूर्वी भारत में मानसून के कमजोर रहने का अनुमान आया है। स्पष्ट है कि पानी कुछ और तरसाएगा।

सौराष्ट्र के एक कसबे में महिला पानी के लिए जाती हुई
वन्यजीव अभयारण्यों को लेकर बिहार सरकार गम्भीर नहीं
Posted on 18 Feb, 2019 06:04 PM

वन्यजीवों व पर्यावरण को लेकर सरकारी तंत्र की गम्भीरता जगजाहिर है। इस देश ने ‘विकास’ के लिये वन्यजीवों व पर्यावरण के साथ खिलवाड़ हर दौर में देखा है और अब भी गाहे-ब-गाहे दिख ही जाता है।

राज्य से लेकर केन्द्र की सरकार में इनको (वन्यप्राणियों) को लेकर निष्ठुरता दिखती है।

वाल्मीकि टाइगर रिजर्व
बिहार के शहरों में बढ़ता प्रदूषण का खतरा
Posted on 03 Feb, 2019 02:50 PM बिहार के शहरों में बढ़ता प्रदूषण (फोटो साभार - प्रभात खबर)प्रदूषण भारत के लिये एक बड़ा खतरा बनकर उभरा है। पिछले कुछ सालों के प्रदूषण के आँकड़े देखें, तो बहुत चिन्ताजनक तस्वीर उभरती है।
बिहार के शहरों में बढ़ता प्रदूषण
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