राष्ट्रीय सहारा

राष्ट्रीय सहारा
आपदा प्रबन्धन के लिए सूचना प्रणाली जरूरी
Posted on 03 May, 2018 03:56 PM

जीआईएस आपदा की तैयारियों की एडवांस तकनीक है, जिसके माध्यम से हम आने वाली आपदा
कृषि विज्ञान में भी बेहतर करियर
Posted on 30 Apr, 2018 01:49 PM


वर्तमान दौर में जबकि शिक्षा के क्षेत्र में तरह-तरह की सम्भावनाएँ सजीव हो रही हैं तो कृषि विज्ञान भी करियर के क्षेत्र में मील का पत्थर बन सकता है। सरकार भी इस समय कृषि विज्ञान की तरफ ज्यादा मुखातिब है। इसी के मद्देनजर काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के कृषि विज्ञान संस्थान के निदेशक प्रो. अखौरी वैशम्पायन से हमारे संवाददाता सोहनलाल ने विस्तृत बातचीत की। प्रस्तुत है उसी के अंश

अखौरी वैशम्पायन
समय पर आएगा मानसून
Posted on 17 Apr, 2018 12:09 PM


नई दिल्ली/देश के लिये अच्छी खबर है। लगातार चौथे साल देश में मानसून सामान्य रहेगा और समय पर दस्तक देगा। अच्छे मानसून से अच्छी फसल होने की सम्भावना भी है। इस अनुमान से किसानों को समय पर बुआई करने की तैयारी करने का समय मिल गया है।

मानसून
रंग लाई भेलडुंग के ग्रामीणों की मेहनत
Posted on 23 Mar, 2018 01:20 PM

सप्ताह भर पहले सोशल मीडिया के माध्यम से जब सेना में कार्यरत स्थानीय निवासी धर्मेंद्र जुगलान ने गाँव में पानी की किल्लत का समाचार पढ़ा तो वे स्वयं अवकाश लेकर गाँव पहुँच गये और जल संरक्षण कर रहे स्थानीय लोगों के सहयोग में जुट गए। देखते ही देखते मेहनत रंग लाई। वर्ष 2014 में बैरागढ़ आपदा की और बादल फटने की घटना से क्षतिग्रस्त प्राकृतिक जल स्रोतशिला गदन से पानी के तीन पाइपों को जोड़कर एक बड़े पाइप में जोड़ दिया गया।

पलायन का पर्याय बने उत्तराखण्ड के युवा अब अपनी पूर्वजों की धरती के संरक्षण को जाग्रत होने लगे हैं। पहाड़ी क्षेत्रों में स्वास्थ्य, शिक्षा और पानी की गम्भीर समस्या से जूझते लोगों को जब कोई सहारा नहीं मिला तो ग्रामीणों ने पलायन का रास्ता अपनाया। किन्तु धीरे-धीरे प्रवासियों को अपने पूर्वजों की माटी और उजड़ती तिबारियों की पीड़ा भी सताती रही।

ऋषिकेश से मात्र एक घंटे के सफर की दूरी पर बसे गाँव भेलडुंग के मूल निवासी एक माह से जलसंकट से जूझ रहे थे। इसी बीच जल संरक्षण के लिये प्रवासी गाँववासियों ने प्रयत्न कर रहे स्थानीय लोगों के सहयोग में जुट गए।
गंगा के पर्यावरणीय प्रवाह को लेकर एनजीटी का यूजेवीएनएल को नोटिस
Posted on 02 Feb, 2018 11:21 AM

याचिका में कहा गया है कि पशुलोक बैराज से मोतीचुर हरिद्वार तक गंगा सूखी रहती है जिस कारण गंगा के पारिस्थिति

समय से पहले ही आने लगे काफल और बुरांश के फूल
Posted on 11 Jan, 2018 11:49 AM


पहाड़ों में बदलते जलवायु परिवर्तन ने वैज्ञानिकों की चिन्ता बढ़ा दी है। समुद्रतल से आठ से नौ हजार फीट की ऊँचाई पर पाया जाने वाला काफल फल तय समय से पहले ही पेड़ों पर लकदक कर पकने को तैयार हो गया है। साथ ही दिसम्बर के महीने में बुरांश के फूल भी जंगल में खिले हुए दिख रहे हैं, जो एक चिन्ता का विषय बना हुआ है।

बुरांस
अतिक्रमण की चपेट में सूरजपुर वेटलैण्ड
Posted on 04 Jan, 2018 12:26 PM

ग्रेटर नोएडा (एसएनबी)। ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण क्षेत्र में बना सूरजपुर वेटलैण्ड (पक्षी विहार) अतिक्रमण की चपेट में आ गया है। वेटलैण्ड के चारों ओर लोगों ने अवैध निर्माण कर लिया है जिससे प्रवासी पक्षियों ने आना ही बन्द कर दिया है। जिस जगह पर लोगों ने अवैध निर्माण किया है वह प्राधिकरण का अधिसूचित क्षेत्र है। हालाँकि प्राधिकरण के अधिकारियों का दावा है कि अभियान चलाकर जल्द अवैध निर्माण ध्वस्त कर द
घर में शौचालय से बचते हैं 50 हजार प्रति वर्ष
Posted on 19 Sep, 2017 12:58 PM

खुले में शौच करने वाले परिवार यदि अपने घर में शौचालय का निर्माण करते हैं तो वह 50 हजार रुपये प्रति वर्ष की बचत कर सकते हैं। यह आंकड़ा यूनिसेफ द्वारा किये गये सर्वे में सामने आया है। सर्वे के अनुसार स्वच्छता अभियान शुरू होने के बाद 430 प्रतिशत लोगों ने अपने घरों में शौचालय निर्माण पर खर्च किया है।
मौसम अप्राकृतिक होने की पाँच वजहें
Posted on 17 Oct, 2016 03:30 PM

भीषण तमतमाती गर्मी, पारा 40-42 डिग्री के आस-पास, झुलसते पेड़-पौधे कि अचानक एक दिन तेज आँधी-तूफान, ओले और भारी बारिश की झड़ी फिर बाढ़ की नौबत आ जाये। पारा एकदम से नीचे गिर जाये। आजकल कुछ इस तरह का मौसम का हाल हो चुका है। मौसम विज्ञानियों के अनुसार मौसम में आ रहे ये तेज गति के बदलाव गम्भीर चेतावनी के सूचक हैं। ऐसा सिर्फ हमारे देश में ही नहीं बल्कि समूची पृथ्वी पर हो रहा है उनके अनुसार 5 कारण इ
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