मेघ पाईन अभियान

मेघ पाईन अभियान
“जल एवं स्वच्छता का अधिकार” पर पटना में कार्यशाला आयोजित
Posted on 20 Jan, 2015 11:52 AM
“जल एवं स्वच्छता का अधिकार” पर पटना में 21-22 जनवरी 2015 को एक कार्यशाला आयोजित की गई है। इस कार्यशाला के आयोजक हैं- वाटर एड, फोरम फॉर पॉलिशी डॉयलॉग ऑन वाटर कन्फीलिक्ट इन इण्डिया, साकी वाटर एवं मेघ पाईन अभियान। कार्यशाला का मीडिया पार्टनर ‘हिन्दी इण्डिया वाटर पोर्टल’ है।
आहर-पईन के साथ कट रही जिंदगी
Posted on 19 Apr, 2012 04:41 PM
कमल नयन, गयाः साधारण कद-काठी। कुर्ता-पायजामा के साथ कंधे पर कपड़े का झोला। भोजपुर में जन्में करीब 50 साल के रवीन्द्र पाठक को मगध की माटी भा गई है। दो दशक पहले उन्होंने धरती के अंदर से पानी ढूंढ़ने का काम शुरू किया। इसके एक दशक बाद उन्होंने सतही जल की व्यवस्था पर भी ध्यान दिया। तब से वे आहर-पईन के साथ ही जी रहे हैं।

‘मगध जल जमात’ की स्थापनाः

पानी साफ करने का देशी तरीका : मटका फिल्टर
Posted on 02 Dec, 2011 01:47 PM

मेघ पाईन अभियान अपने शुरूआती दौर में उत्तर बिहार के विभिन्न बाढ़ग्रस्त क्षेत्र का अध्ययन किया। अध्ययन के उपरान्त चार जिलों (सुपौल, सहरसा, खगड़िया तथा मधुबनी) के एक-एक पंचायत में बाढ़ के समय आनेवाली समस्याओं में प्रमुख समस्या ‘‘शुद्ध पेय जल की समस्या’’ को चुनौती के रूप में स्वीकार किया। अभियान स्थानीय संसाधन व तकनीक से ‘वर्षाजल’ संग्रहण कर इसे पेयजल स्रोत के रूप में उपयोग करने की जानकारी लोगों क

स्वच्छ पेयजल का स्थायी विकल्प कुआँ
Posted on 02 Dec, 2011 01:10 PM

लोगों की आस्था और विश्वास के प्रतीक गंगा नदी बिहार राज्य के मध्य होकर पश्चिम से पूरब की ओर प्रवाहित होती है। बिहार में गंगा के उत्तरी भाग को उत्तरी बिहार कहा जाता है। उत्तर बिहार में हिमालय पर्वत की शिवालिक पहाड़ियों से होकर घाघरा, गंडक, बागमती, कमला, भुतही बलान, कोसी और महानन्दा नदियां निकल कर गंगा की मुख्यधारा में समाहित हो जाती है। इन नदियों से प्रतिवर्ष बाढ़ आती है जिससे 18-22 जिले हमेशा प्

फायदेमंद शौचालय
Posted on 01 Dec, 2011 11:00 AM

बाढ़ के समय बाढ़ प्रभावित लोग जिनका आश्रय स्थल बांध, छोटी-सी जगह में ऊँची जमीन, रेलवे स्टेशन, विद्यालय भवन, पंचायत भवन, राष्ट्रीय उच्च मार्ग होता है। जिनमें गर्भवती महिलाएँ, छोटे बच्चे, नवजात शिशु की मां, बीमार लोग, बूढ़े लोग किशोरियां होती हैं। इन लोगों को चार महीने में स्वच्छता सुविधाओं का घोर अभाव होता है। ऐसी स्थिति में बाढ़ प्रभावित खासकर पुरुष वर्ग शौच करने के विभिन्न तरीकों को अपनाते हैं

बिहार में बांस का बना शौचालय
वर्षाजल भंडारण-जल कोठी
Posted on 01 Dec, 2011 10:17 AM

मेघ पाईन अभियान इस विश्वास पर आधारित है कि हर व्यक्ति को ‘गरिमा, दृढ़ संकल्प और प्रभुत्व‘ के साथ जीवन व्यतीत करने का अधिकार है। अभियान एक प्रतिबद्धता है, जो ग्रामीण समुदाय के बीच व्यवहार परिवर्तन की कोशिश कर रहा है, ताकि समाज प्रभावी ढंग से पुनर्जीवित हो। जल और स्वच्छता प्रबंधन की परंपरागत मुख्यधारा के मुद्दों कोसामूहिक जबाबदेही और क्रिया के माध्यम से प्रदर्शित करें। यह जमीनी संस्थाओं और पेसेवर

बांस के कमीचे से निर्मित जल कोठी
मेघ पाईन अभियान की कुछ झलकियां
Posted on 13 Feb, 2010 05:17 PM

बिहार के कोशी क्षेत्र के प्राय: हैण्डपम्पों के पानी में आयरन की अधिकता होती है। इससे लोगों को कई बीमारियाँ झेलनी पड़ती है। कभी परम्परागत ज्ञान के बदौलत कई ढंग से आयरन शुद्ध करने के प्रयास किये जाते थे।

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