/topics/conflicts
संघर्ष और विवाद
मैले पानी से मछुआरों का ऋषि कर्म
Posted on 02 Aug, 2016 04:23 PM
पौराणिक कथाओं में कहा गया है कि समुद्र मंथन से निकला विष पीने वाले भगवान शिव तरह-तरह के प्राणियों के साथ शान्त वातावरण में रहना पसन्द करते हैं। भोलेनाथ का अगर कैलाश या काशी या काठमांडु में आने वाले भक्तों और पर्यटकों से जी उकता जाये, तो मुदियाली उनके रहने योग्य जगह है।
यह पशुपतिनाथ का सजीव मन्दिर है, भले उनकी मूर्ति यहाँ हो या न हो। - ये हाल ही में प्रकाशित पुस्तक ‘जल-थल-मल’ में लेखक सोपान जोशी के शब्द हैं। विशाल कलेवर की पुस्तक में मुदियाली सहकारी समिति से सम्बन्धित उद्धरण को मामूली जोड़-घटाव के साथ यहाँ दिया जा रहा है। मकसद इसे रेखांकित करना है कि देश भर के लिये समस्या बनी शहरी मलजल और औद्योगिक कचरे को निपटाने में यह कुछ मछुआरों द्वारा प्रस्तुत उदाहरण अनुकरणीय हो सकता है।
बुन्देलखण्ड पैकेज में दरार
Posted on 26 Jul, 2016 03:56 PMसूखे की वजह से खबरों में लगातार बना हुआ बुन्देलखण्ड अचानक बाढ़ का शिकार हो रहा है। केन, बे
उमा दीदी द्वारा गोद लिया हुआ गाँव अनाथ हो गया है
Posted on 14 Jul, 2016 11:21 AMललितपुर : गाँव सामान्य नहीं है, लेकिन जब फायर ब्रांड जैसे कई नामों से जानी-पहचानी जाने वाली केन्द्रीय मंत्री उमा भारती गाँव को गोद ले लेती हैं तो यह गाँव कुछ खास हो जाता है। उमा भारती देश की बड़ी नेताओं में शुमार हैं। वीआईपी हैं। इसलिये गाँव को उसी नजर से देखने का ख्याल आना भी स्वाभाविक है। उमा के गोद लेने से असामान्य हुआ ये गाँव पहली, दूसरी, तीसरी हर नजर से देखने की कोशिश करते हैं, लेकिन गाँव सामान्य ही लगता है। कुछ असामान्य नजर नहीं आता। उमा के गोद लेने के बाद गाँव में कुछ खास बदलाव नहीं हुए हैं।
केन्द्रीय संसाधन मंत्री व झाँसी, ललितपुर क्षेत्र की सांसद उमा भारती ने ललितपुर के पवा गाँव को गोद लेने की घोषणा की तो लोगों को लगा कि उनके गाँव की तस्वीर अब बदल जाएगी। लोगों को उम्मीद थी कि गाँव में विकास होगा।
पानी के लिये बढ़ते टकराव - अात्मनिर्भर व्यवस्था के विकल्प
Posted on 08 Jul, 2016 04:54 PMपानी की बढ़ती कमी को ध्यान में रखते हुए पानी के प्रदूषण पर प्र
श्री श्री-यमुना विवाद : चोरी और सीनाजोरी
Posted on 02 Jun, 2016 04:36 PM
राष्ट्रीय हरित पंचाट के इतिहास में चोरी और सीनाजोरी की ऐसी दबंग मिसाल शायद ही कोई और हो। शासन, प्रशासन से लेकर निजी कम्पनी तक कई ऐसे हैं, जिन्होंने हरित पंचाट के आदेशों को मानने में हीला-हवाली दिखाई है। पंचाट के कई आदेश हैं, जिनकी अनदेखी आज भी जारी है; किन्तु इससे पहले शायद ही कोई ऐसा आरोपी होगा, जिसने आदेश की अवमानना करने पर दंडित करने की हरित पंचाट की शक्ति को चुनौती देने की हिमाकत की हो। विश्व सांस्कृतिक उत्सव (11-13 मार्च, 2016 ) के आयोजक ने की है।
हालांकि हरित पंचाट ने यह स्पष्ट किया कि आदेश की अवमानना होने पर दंडित करने के हरित पंचाट को भी वही अधिकार प्राप्त हैं, जैसे किसी दूसरे सिविल कोर्ट को, किन्तु चुनौती देकर आयोजक के वकील ने यह सन्देश देने की कोशिश तो की ही कि वह आदेश की अवमानना करे भी तो हरित पंचाट उसका कुछ नहीं बिगाड़ सकता।
पुण्य के काम में राजनीति का रोड़ा कहाँ तक उचित
Posted on 07 May, 2016 03:16 PMकेन्द्र और राज्य सरकार की इस रार का परिणाम यह निकला कि सूखे
बेकार हो गई है सोन नहर
Posted on 19 Mar, 2016 04:06 PMमध्य प्रदेश में अमरकंटक की पहाड़ियों से निकली सोन नदी उत्तर प
परसवानी में सीमेंट फ़ैक्टरी पी गई पूरे गाँव का पानी
Posted on 31 Dec, 2015 01:38 PMबीस बरस पहले इस गाँव में सीमेंट बनाने वाली फ़ैक्टरी लगने के बाद यहाँ की चट्टानों को खोदकर ज़मीन को ऐसा बर्बाद किया कि बाँध में पानी कम पड़ गया।छिनता जल-जंगल-जमीन
Posted on 10 Dec, 2015 04:09 PMविश्व मानवाधिकार दिवस, 10 दिसम्बर पर विशेष
1950 के दशक में विश्व के अधिकांश देशों से औपनिवेशिक शासन का खात्मा हो गया। पूरे विश्व में स्वतंत्रता की किरण ने नया सन्देश दिया। अब देशों की स्वतंत्रता के साथ ही मानव मात्र की स्वतंत्रता का उद्घोष शुरू हुआ। 10 दिसम्बर 1948 को संयुक्त राष्ट्र संघ ने 'विश्व मानवाधिकार दिवस' मनाने का निर्णय लिया।