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संघर्ष और विवाद
तोड़ना ठीक नहीं; टोंटी कसें
Posted on 27 Sep, 2016 11:07 AMसिंधु जल-संधि भारत और पाकिस्तान के बीच युद्ध और खटास के दौर में भी बनी रही है। उरी आतंकी हमले के बाद अब इस संधि को तोड़ने अथवा पुनर्विचार की सियासी चर्चाएँ हैं। संधि तोड़ने की सूरत में फायदे भी हैं तो नुकसान भी। ऐसे में हमारे पास वैकल्पिक उपाय भी हैं।
उरी आतंकी हमले के बाद से देश में इस बात को लेकर काफी चर्चा है कि भारत, पाकिस्तान के खिलाफ क्या कदम उठाएगा? तमाम विकल्पों में से एक सिंधु जल समझौते पर पुनर्विचार का भी सामने आया है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार, विदेश मंत्रालय और जलसंसाधन मंत्रालय के सचिवों के साथ इस मसले पर लम्बी बैठक भी की।
भारत पाकिस्तान की साझा नदियों के पानी का उपयोग
Posted on 26 Sep, 2016 04:31 PM
भारत ने उसके और पाकिस्तान के बीच सिंधु नदी घाटी में प्रवाहित पानी के बँटवारे की समीक्षा का निर्णय लिया है। वैसे तो कश्मीर को हो रहे नुकसान को लेकर सालों से घाटी में असन्तोष था पर हाल की घटनाओं ने मामले को मुख्य धारा में ला दिया है।
सिंधु जल-संधि को औजार बनाने की जरूरत
Posted on 23 Sep, 2016 04:36 PM
अमानुशिक दगाबाजी की मंशा से किये गए उरी हमले के बावजूद पाकिस्तान न केवल अपनी सीमा लाँघ रहा है, बल्कि दोनों देशों के बीच युद्ध के हालात उत्पन्न कर रहा है। संयुक्त राष्ट्र की महासभा में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने जिस तरह से आतंकी बुरहान बानी को कश्मीरी अलगाववादियों का नायक बताने की कोशिश की है।
नदियों पर लड़ें नहीं, मिलकर रक्षा करें
Posted on 20 Sep, 2016 04:18 PMनदी के जल के बँटवारे के न्यायसंगत समाधान के साथ ही नदी की रक्षा के लिये भी विभिन्न राज्यो
महानदी के पानी का विवाद, रास्ता किधर है
Posted on 20 Sep, 2016 12:00 PMछत्तीसगढ़ और उड़ीसा के बीच अब महानदी के पानी को लेकर तलवारें खींचती जा रही है। एक तरफ छत्तीसगढ़ का कहना है कि वह अपने बड़े हिस्से में से अब तक केवल 25 फीसदी पानी का ही इस्तेमाल कर रहा है तो दूसरी तरफ उड़ीसा का कहना है कि छत्तीसगढ़ में महानदी पर 13 छोटी-बड़ी परियोजनाएँ निर्माणाधीन हैं। इससे उनके राज्य को यथोचित मात्रा में पानी नहीं मिल सकेगा।
महानदी के जल-बँटवारे पर विवाद
Posted on 19 Sep, 2016 03:57 PMअभी कावेरी नदी का जल-विवाद थमने भी नहीं पाया है कि महानदी के जल-बँटवारे पर विवाद खड़ा हो गया। छत्तीसगढ़ और ओड़िशा राज्यों के बीच चल रहा यह विवाद भी 33 साल पुराना है। महानदी के जल-बँटवारे को लेकर पहला समझौता अविभाजित मध्य प्रदेश के तत्कालीन मुख्यमंत्री अर्जुन सिंह और ओड़िशा के तत्कालीन मुख्यमंत्री जेबी पटनायक के बीच 28 अप्रैल 1983 को हुआ था।
महानदी के पानी में फैला राजनीति का रोग
Posted on 19 Sep, 2016 03:37 PMमहानदी के पानी को राजनीति का रोग लग गया है। कावेरी के जल को लेकर कर्नाटक और तमिलनाडु का विवाद अभी शान्त नहीं हुआ था कि महानदी के पानी को लेकर छत्तीसगढ़ और ओड़िशा आमने-सामने आ गए। इस तरह देश में जल विवाद का मुद्दा गरमा गया। कावेरी की तरह ही महानदी जल विवाद भी अचानक सामने नहीं आया है। बल्कि यह विवाद भी काफी पुराना और अविभाजित मध्य प्रदेश के जमाने से ही
जल का जलजला
Posted on 19 Sep, 2016 10:21 AMदेश की अधिकांश नदियाँ एक राज्य से दूसरे राज्य तक जाती हैं। ऐसे में जल की माँग जब बढ़ती है तो दो राज्यों के बीच खींचतान शुरू हो जाती है। जल को लेकर कई नदियों के साथ कई राज्यों के बीच विवाद कई सालों से चलता आ रहा है। कृष्णा नदी जल विवाद तीन राज्यों के साथ जुड़ा था। महाराष्ट्र के साथ ही कृष्णा नदी के पानी को लेकर कर्नाटक और आंध्र प्रदेश के बीच यह विवाद का विषय रहा है। नर्मदा नदी के जल विवाद में
कावेरी के पानी में फिर उबाल
Posted on 18 Sep, 2016 03:10 PMकावेरी नदी के पानी पर कर्नाटक और तमिलनाडु में फिर आग भड़की हुई है, पानी के नाम पर दोनों राज्य पिछले दो हफ्ते से सुलग रहे हैं, तमिलनाडु को दस दिन तक 15 हजार क्यूसेक पानी देने के सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद से ही कर्नाटक में खासतौर से मंड्या, मैसूर और बंगलुरु में उग्र प्रदर्शन होने लगे, यहाँ से तमिलनाडु और केरल जाने वाली सड़क पर यातायात बाधित कर दिया ग
परम्परागत सिंचाई के साधनों से क्यों विमुख हैं हम
Posted on 18 Sep, 2016 12:27 PM
आजकल कावेरी के जल के बँटवारे से जुड़ा विवाद चर्चा का विषय बना हुआ है। वैसे तो देश में इस विवाद के अलावा भी दूसरे राज्यों में जल के बँटवारे को लेकर बहुतेरे विवाद चर्चा में हैं। इनमें कृष्णा नदी जल विवाद, नर्मदा नदी जल विवाद, गोदावरी नदी जल विवाद, सतलुज-यमुना लिंक नहर विवाद और मुल्ला पेरियार बाँध से जुड़े विवाद प्रमुख रूप से चर्चित हैं। इनको लेकर राज्यों में आज भी टकराव कायम है।