संघर्ष और विवाद

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July 18, 2023 पश्चिमबंगाल पंचायत चुनाव-2023 में पर्यावरण एक बड़ा अहम मुद्दा बना। नदी और पर्यावरण राजनीतिक दलों के एजेंडे से कहीं अधिक आम लोगों के आकर्षण का केन्द्र बने।
पश्चिमबंगाल पंचायत चुनाव
February 7, 2023 जोशीमठ व हिमालय में हो रही भीषण आपदाओं को लेकर मातृ सदन में तीन दिवसीय (12 से 14 फरवरी, 2023) अंतर्राष्ट्रीय सेमिनार का आयोजन किया जा रहा है। सम्मेलन में श्री जयसीलन नायडू, जो दक्षिण अफ्रीका के पूर्व राष्ट्रपति व महान राजनीतिज्ञ श्री नेल्सन मंडेला जी के सरकार में मंत्री रह चुके हैं, देश के विभिन्न अन्य बुद्धिजीवी व पर्यावरणविद मौजूद रहेंगे।
मातृ सदन
June 22, 2021 Policy matters this fortnight
Yamuna flows under (Image source: IWP Flickr photos)
November 13, 2019 Policy matters this week
A domestic RO water purifier
November 11, 2019 Study points to vulnerabilities faced by women in the mountains and plains of Uttarakhand, which is likely to only increase with climate change.
Ganga's riverflow at Rishikesh in Uttarakhand (Image courtesy: Ankit Singh; Wikimedia Commons, CC BY-SA 4.0)
क्षतिपूर्ति से हितपूर्ति
Posted on 17 Aug, 2014 04:17 PM हजारों करोड़ रु. के जिस कैंपा फंड का मकसद उद्योगों के चलते जंगलों को हुए नुकसान की भरपाई करना है वह छत्तीसगढ़ में जेबें भरने का जरिया बन गया है।
भूमि अधिग्रहण कानून : समीक्षा या स्वार्थसिद्धी
Posted on 04 Aug, 2014 03:02 PM प्रधानमंत्री को नितिन गडकरी के सुझावों को उक्त अधिनियम में शामिल कर
आई बी रिपोर्ट से असहमति जरूरी क्यों
Posted on 04 Aug, 2014 10:57 AM सामाजिक कार्य में धन की कमी रोड़ा बनकर खड़ी हो जाए, तो धन उस लक्ष्
Arun tiwari
जमीन छिनने के खौफ से बेचैन शेखावटी के किसान
Posted on 01 Aug, 2014 04:17 PM राजस्थान के झुंझनू जिले में सैकड़ों किसान जमीन छिनने के डर से घबराए हुए हैं। निजी सीमेंट कंपनियां और सरकार उनकी एकजुटता को तोड़ने में जुटी हैं। इसके बावजूद किसान लगातार करीब चार साल से आंदोलन चला रहे हैं। क्या है किसानों की पीड़ा और क्या है सरकार का रुख? जायजा ले रहे हैं अभिषेक रंजन सिंह।
हिमालय बचेगा तो गंगा बचेगी
Posted on 20 Jul, 2014 04:27 PM भारत सरकार को पांचवी पंचवर्षीय योजना में हिमालयी क्षेत्रों के विका
देश बचाना नहीं है विकास का विरोध
Posted on 20 Jul, 2014 10:44 AM देश का विकास केवल आर्थिक मानकों के आधार से नहीं बल्कि उसमें प्रदूष
संभावनाओं के क्षितिज और क्षितिज पर कानून के बादल
Posted on 09 Jun, 2014 12:32 PM
हाशिए पर बैठे समाज और कुछ सामान्य लोगों की बात कहने के पहले प
save water
मेरा पानी तेरा पानी
Posted on 09 Jun, 2014 10:51 AM
आजादी मिलने के बाद भारत का संविधान लिखा गया। सन 1987 में देश
Kaveri
सत्ता के कुचक्र से जूझते जन आंदोलन
Posted on 29 Apr, 2014 10:51 AM देश के कई हिस्सों में जल, जंगल और जमीन के अधिग्रहण के विरोध में आंदोलनकारी सक्रिय हैं। लेकिन सत्ता में बैठे लोग उन आवाजों की निरंतर अनसुनी कर रहे हैं। ऐसे में करोड़ों लोगों के विस्थापित और बेरोजगार होने का खतरा बढ़ गया है। जायजा ले रहे हैं प्रसून लतांत..
विडंबना है कि देश के प्राकृतिक संसाधनों को लूटने वाले लोग एकजुट हैं और सत्ता में बैठे लोगों से उनकी गलबहियां है। ऐसे में वंचित वर्ग के लोगों को सरकार से अब कोई उम्मीद नहीं रह गई है। उनके सामने अब अपने हक के लिए आंदोलन के सिवा कोई दूसरा रास्ता नहीं बचा है। आजादी के बाद पिछले छह दशकों में देश के गरीब किसान, मजदूर, दलित, आदिवासी, अल्पसंख्यक और घुमंतू जनजाति के लोगों के सामने रोजी-रोटी की समस्या विकराल हो गई है। अब वे अपने वजूद बचाने के लिए आंदोलन पर उतर आए हैं। पूरी दुनिया में जमीन और पानी को लेकर संघर्ष जारी है। एक तरफ बड़े-बड़े उद्योगपति-पूंजीपति हैं जो सारे साधनों-संसाधनों पर कुंडली मार कर बैठ जाना चाहते हैं। दूसरी तरफ छोटे किसान, भूमिहीन और वंचित समाज के लोग हैं, जो चाहते हैं कि भूमि पर उनको भी थोड़ा अधिकार मिले। जिससे वे देश, परिवार और समाज के लिए अन्न पैदा कर सकें। विडंबना है कि देश के प्राकृतिक संसाधनों को लूटने वाले लोग एकजुट हैं और सत्ता में बैठे लोगों से उनकी गलबहियां है।

ऐसे में वंचित वर्ग के लोगों को सरकार से अब कोई उम्मीद नहीं रह गई है। उनके सामने अब अपने हक के लिए आंदोलन के सिवा कोई दूसरा रास्ता नहीं बचा है। आजादी के बाद पिछले छह दशकों में देश के गरीब किसान, मजदूर, दलित, आदिवासी, अल्पसंख्यक और घुमंतू जनजाति के लोगों के सामने रोजी-रोटी की समस्या विकराल हो गई है। अब वे अपने वजूद बचाने के लिए आंदोलन पर उतर आए हैं। मीडिया और राजनीतिक दलों की निष्ठा भी अब गरीबों और वंचितों के हक को दिलाने में नहीं रह गई है।
महाविषाणु या महाषड्यंत्र
Posted on 02 Apr, 2014 03:02 PM भारत में सुपरबग्स के जो दावे किए जा रहे हैं, उन पर बाजार का दबाव है
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