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संदूषण, प्रदूषण और गुणवत्ता
आर्सेनिक के बारे में अक्सर पूछे जाने वाले सवाल और उनके जवाब - Frequently Asked Questions (FAQs) on Arsenic
Posted on 03 Oct, 2015 10:18 AMआर्सेनिक क्या है?
आर्सेनिक (As) एक गंधहीन और स्वादहीन उपधातु है जो ज़मीन की सतह के नीचे प्रचुर मात्रा में उपलब्ध है। यह रसायन-विज्ञान पीरियोडिक टेबल में नाइट्रोजन, फास्फोरस, एंटीमनी और बिस्मथ सहित ग्रुप VA का सदस्य है। इसका परमाणु क्रमांक (एटोमिक नंबर) 33 है और परमाणु भार (एटोमिक मास) 74.91 है।
प्रकृति में आर्सेनिक किन-किन रूपों में उपलब्ध है?
आर्सेनिक और इसके यौगिक रवेदार (क्रिस्टेलाइन), पाउडर और एमोरफस या काँच जैसी अवस्था में पाये जाते हैं। यह सामान्यतः चट्टान, मिट्टी, पानी और वायु में काफी मात्रा में पाया जाता है। यह धरती की तह का प्रचुर मात्रा में पाए जाना वाला 26वाँ तत्व है।
अंधेपन का शिकार होते पंजाब के गांव
Posted on 30 Sep, 2015 09:43 AMभारत-पाकिस्तान सीमा से लगे पंजाब के फीरोजपुर जिले के गावों में रहने वाले लोगों के लिये दुनिया अंधेरी होती जा रही है। बच्चे हों या बड़े, उनकी आंखें रोशनी खोती जा रही हैं। कारण कोई नहीं जानता, पर लोग तरह-तरह की बातें करते हैं। लेकिन यह तो तय है कि यहां के लोगों को जैसा पीला-गंधयुक्त पानी पीने को मिल रहा है, वह कोई गंभीर गुल खिला रहा है। पेयजल के नाम पर लोग जहर पीने को मजबूर हैं। जहरीले रसायनों
हमारी नदियों को जीने दो
Posted on 26 Sep, 2015 04:28 PMविश्व नदी दिवस, 27 सितम्बर 2015 पर विशेष
“हमारी नदियों को जीने दो” - दिल्ली उद्घोषणा में निहित इस अपील के साथ गत् वर्ष सम्पन्न हुए प्रथम भारत नदी सप्ताह को एक वर्ष पूरा हो चुका, किन्तु क्या इस एक वर्ष के दौरान अपील पर ध्यान देने की कोई सरकारी-गैर सरकारी समग्र कोशिश, पूरे भारत में शुरू हुई? क्या भारत की नदियों को जीने का अधिकार देने की माँग शासकीय, प्रशासनिक, न्यायिक या सामाजिक स्तर पर परवान चढ़ सकी?
क्या याद रही नदी की परिभाषा
नदी सप्ताह के दौरान देश भर के नदी कार्यकर्ताओं, अध्ययनकर्ताओं और विशेषज्ञों ने मिलकर नदी को परिभाषित करने की एक कोशिश की थी। श्री अनुपम मिश्र ने ठीक कहा था कि इंसान की क्या हैसियत है कि वह नदी को परिभाषित करे; इसीलिये नदी की परिभाषा, निष्कर्षों के कुछ टुकड़ों के जोड़ के रूप में आई
देश में कोई नहीं है नदियों का पुरसाहाल
Posted on 26 Sep, 2015 04:15 PMविश्व नदी दिवस, 27 सितम्बर 2015 पर विशेष
इसे हम अपनी संस्कृति की विशेषता कहें या परम्परा कि हमारे यहाँ मेले नदियों के तट पर, उनके संगम पर या धर्म स्थानों पर लगते हैं और जहाँ तक कुम्भ का सवाल है, वह तो नदियों के तट पर ही लगते हैं जहाँ आस्था के वशीभूत लाखों-करोड़ों लोग आकर उन नदियों में स्नानकर पुण्य अर्जित कर खुद को धन्य समझते हैं। बल्कि गर्व का अनुभव करते हैं।
पांडु नदी पर गहराता संकट
Posted on 26 Sep, 2015 10:48 AMविश्व नदी दिवस, 27 सितम्बर 2015 पर विशेष
1. कानपुर में मल-मूत्र व घरेलू गन्दगी 20 करोड़ लीटर नदी के जल को ब्लैक वाटर में कर रही तब्दील
2. कानपुर में पनकी पावर प्लांट की राख से खत्म की जा रही नदी
3. नदी में डाले जा रहे दादा नगर तथा सीडीओ के नाले
पांडु नदी फर्रुखाबाद से 120 किमी का सफर प्रारम्भ कर पाँच जिलों से गुजरती हुई फ़तेहपुर में गंगा नदी से मिलकर अपना अस्तित्व समाप्त कर देती है। लेकिन दुःख की बात ये है कि पांडु नदी का जल कानपुर नगर आते ही अपना मूल अस्तित्व खोकर एक प्रदूषण युक्त नाले में तब्दील हो जाता है।
पांडु नदी उत्तर प्रदेश के फर्रुखाबाद जनपद से प्रारम्भ होती है। माना यह जाता है कि इसका जन्म गंगा से ही है। पांडु नदी फर्रुखाबाद, कन्नौज, कानपुर देहात, कानपुर नगर तथा फतेहपुर जनपदों के गाँवों के हज़ारों एकड़ ज़मीन को सिंचाई का साधन उपलब्ध कराने में मददगार साबित होती रही है लेकिन इसे संरक्षित करने का जो प्रयास किये जाने चाहिए थे नहीं किये गए।
अणु बिजली के विकल्प भी खोजने होंगे
Posted on 22 Sep, 2015 10:02 AMजर्मनी की सरकार ने परमाणु ऊर्जा को शून्य पर लाने की योजना बनाने कीजल प्रदूषण और उसकी रोकथाम
Posted on 19 Sep, 2015 09:33 AMलेखक का मानना है कि जल प्रबन्धन के प्रति कभी सम्यक दृष्टिकोण नहीं अपनाया गया और टुकड़े-टुकड़े म