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संदूषण, प्रदूषण और गुणवत्ता
प्रदूषित शहर कानपुर
Posted on 23 Jul, 2015 04:15 PMजल में मानक से 180 गुना ज्यादा क्रोमियम
1. कैंसर, चर्म रोग से 80 प्रतिशत गाँव वाले ग्रसित
2. पशुओं के हो जाते हैं गर्भपात
3. मानक 0.05 के सापेक्ष 9 मिग्रा. प्रति लीटर क्रोमियम
नीमच : हैण्डपम्प का पानी बना अभिशाप
Posted on 22 Jun, 2015 11:09 AMपानी में किस तरह की अशुद्धि है और इन बीमारियों का कारण क्या है?अब मानसरोवर का पानी बोतलबन्द करेंगे
Posted on 19 Jun, 2015 02:41 PMअब मानसरोवर का पानी बोतलबन्द करके बेचा जाएगा। तिब्बत में मानसोवर झील के एकदम निकट बॉटलिंग प्लांट लगाने की घोषणा हुई है। मानसरोवर का बोतलबन्द पानी भारत और दूसरे देशों के शिवभक्तों में बेचा जाएगा।
प्रधानमन्त्री नरेन्द्र मोदी की चीन यात्रा के दौरान हुई घोषणाओं में यह खबर दब सी गई। प्रोजेक्ट कम्प्यूटर निर्माता डेल के एशिया प्रशान्त क्षेत्र के प्रमुख अमित मिधा की पत्नी वैशाली मिधा लगा रही हैं। इसकी घोषणा 16 मई को हुई। मानसरोवर का पानी अक्टूबर तक भारत में बिकने लगेगा। बोतलों के ढक्कन रूद्राक्ष के बने होंगे। बोतलों पर शिव स्त्रोत लिखें होंगे। अर्थात शिवभक्तों को आकर्षित करने के उपायों के साथ यह कम्पनी पानी के बाजार में उतर रही है। बंगलुरु से संचालित न्यूज पोर्टल ‘स्वराज्य’ ने 11 जून को इस बारे में पत्रकार सहाना सिंह की रपट प्रकाशित की है।
पर्यावरण के लिये खतरा है बोतलबन्द पानी
Posted on 18 Jun, 2015 04:08 PMमसला था घर में नलों में आने वाले पानी की कीमतें बढ़ाने के फैसले के विरोध का, बड़े-बड़े नेता एकत्र हुए थे व उनका कहना था कि स्थानीय निकाय का यह कदम गरीब की कमर तोड़ देगा। उन सभी नेताओं के सामने प्लास्टिक की बोतलों में पानी रखा हुआ था, जिसके एक लीटर की कीमत होती है, कम-से-कम पन्द्रह रुपए।‘पेयजल’ केवल अधिकार नहीं, कर्तव्य भी
Posted on 11 Jun, 2015 03:54 PMपानी के बिना जीवन सम्भव नहीं है। साफ पानी के बिना स्वस्थ जीवन सम्भव नहीं है। व्यापक साफ-सफाई के बिना साफ पानी लगातार मिल सकना सम्भव नहीं है, और क्योंकि जीवन का अधिकार सबसे मूलभूत अधिकार है, लिहाजा स्वच्छता भी मनुष्य का मूलभूत अधिकार है, और पीने का साफ पानी भी निश्चित रूप से मनुष्य का मूलभूत अधिकार है। ये दोनों मूलभूत अधिकार न केवल आपस में जुड़े हुए हैं, बल्कि मोटे तौर पर मूलभूत कर्तव्यों से प्रेसाफ़ हवा और पानी के लिए हाईकोर्ट का आसरा
Posted on 11 Jun, 2015 10:23 AMआप मेघनगर आ रहे हैं तो अपने पीने का पानी साथ लेकर आयें, फ़ोन पर पहली बार यहाँ के लोगों की यह बात सुनकर हम भी सकते में पड़ गए कि आखिर ऐसा क्यों कहा गया हमसे। कोई भी कहीं जाता है तो क्या अपना पानी साथ लेकर जाता है। क्या वहाँ इतना पानी भी नहीं या ये लोग मेहमाननवाज़ी का शिष्टाचार भी भूल गए हैं। पर जब हम मेघनगर पहुँचे तो सारी बात साफ़ हो गई। दरअसल यहाँ की आबो-हवा इतनी बुरी तरह से दूषित हो चुकी है कि न
पुरी में प्रदूषणः ऑक्सीजन की बहस
Posted on 29 May, 2015 09:39 AMसवाल अहम है कि एनजीटी के इस आदेश से निकला सन्देश क्या दूर तलक जाएगा? क्या बायोकेमिकल ऑक्सीजन डिमांड यानी बीओडी और डीओ के बहाने छिड़ी बहस किसी अच्छे नतीजे पर पहुँचेगी? क्या हम जल जीवों के लिए ऑक्सीजन की उपलब्धता बढ़ाकर उनकी ऑक्सीजन की माँग कम कर पाएँगे? या हम होटलों और व्यावसायियों की लॉबी के दबाव में दब कर तमाम मानक बदल देंगे? क्या हरिद्वार और उड़ीसा के प्रदूषण फैलाने वाले होटलों को सबक सिखाने का यह कदम पूरे देश पर असर डालेगा? निश्चित तौर पर पर्यावरण संरक्षण विरोधी इस माहौल में एनजीटी एक नया माहौल बनाएगा और नई चेतना का संचार करेगा?
एक हिन्दी फिल्म में खलनायक एक डायलॉग बोलता है- “हम तुम्हें लिक्विड ऑक्सीजन में डाल देंगे। लिक्विड तुम्हें जीने नहीं देगा और ऑक्सीजन तुम्हें मरने नहीं देगा।” कुछ इसी तरह की रोचक बहस बीओडी यानी बायो ऑक्सीजन डिमांड और डिजाल्व्ड ऑक्सीजन के मानकों के बारे उत्तराखंड से उड़ीसा तक चल रही है। राष्ट्रीय हरित पंचाट यानी नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल की जाँच में रंगे हाथों पकड़े जाने के बाद उड़ीसा के जिन 60 होटलों पर बंद होने की तलवार लटक रही है। उनकी दलील है कि 1986 का पर्यावरण संरक्षण अधिनियम बीओडी का स्तर 350 मिलीग्राम प्रति लीटर तक मान्य करता है। इसलिए उड़ीसा राज्य प्रदूषण नियन्त्रण बोर्ड का 75 मिली ग्राम प्रति लीटर का मानक बहुत सख्त है। इसके जवाब में बोर्ड की दलील थी कि केन्द्रीय कानून राज्य बोर्ड को अपने ढँग से मानक तय करने का अधिकार देता है।इसलिए यह जानना भी जरूरी है कि बीओडी क्या है और इससे पानी की गुणवत्ता पर क्या असर पड़ता है।