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संदूषण, प्रदूषण और गुणवत्ता
आज भी सपना है बिहार में शुद्ध पेयजल
Posted on 27 Mar, 2015 10:14 AMविश्व जल दिवस पर विशेष
तस्वीर में मौजूद इस हैण्डपम्प को देखें। यह हैण्डपम्प बिहार के पूर्णिया जिले के धमदाहा गाँव में हाल ही में राज्य सरकार की ओर से लगवाया गया है। अधिकारियों के कथनानुसार यह आयरन मुक्त जल देने वाला हैण्डपम्प है। मगर इस हैण्डपम्प के नीचे की सिमेंटेड पाट को देखें। वहाँ चन्द महीने में ही जो पीलेपन की परत जम गई है वह सरकारी दावों की पोल खोलती है।
राज्य के कोसी और मिथिलांचल इलाके का बच्चा-बच्चा जानता है कि यह पीलापन पानी में आयरन की अत्यधिक मात्रा की वजह से आता है। इसी वजह से इस इलाके के लोग सफेद और हल्के रंग का कपड़ा कम खरीदते हैं, क्योंकि अगर यहाँ के पानी में उसे साफ किया जाए तो बहुत जल्द कपड़े पर पीलापन छाने लगता है। यह तो रंग की बात है, जिसे एकबारगी लोग सह भी लेते हैं।
चिन्ता पर चिन्तन का दिन
Posted on 24 Mar, 2015 04:10 PMविश्व जल दिवस पर विशेष
प्रकृति और इंसान के बनाए ढाँचों में सन्तुलन कैसे हो?
प्रकृति है, तो पानी है। पानी है, तो प्रकृति का हर जीव है; पारिस्थितिकी है। समृद्ध जल सम्पदा के बगैर, पारिस्थितिकीय समृद्धि सम्भव नहीं। पारिस्थितिकीय समृद्धि के बगैर, जल समृद्धि की कल्पना करना ही बेवकूफी है। विश्व जल दिवस के प्रणेताओं की चिन्ता है कि जलचक्र, अपना अनुशासन और तारतम्य खो रहा है। प्रकृति और इंसान की बनाए ढाँचों के बीच में सन्तुलन कैसे बने? प्रकृति को बदलने का आदेश हम दे नहीं सकते। हम अपने रहन-सहन और आदतों को प्रकृति के अनुरूप कैसे बदलें? चिन्ता इसकी है।
स्लम बढ़े या गाँव रहें?
पानी बसाता है। सारी सभ्यताएँ पानी के किनारे ही बसीं। किन्तु दुनिया भर में हर सप्ताह करीब 10 लाख लोग अपनी जड़ों से उखड़कर शहरों की ओर पलायन कर रहेे हैं। 7400 लाख लोगों को वह पानी मुहैया नहीं, जिसे किसी भी मुल्क के मानक पानी योग्य मानते हैं।
आखिर कहाँ जाता है परमाणु बिजली घरों का कचरा
Posted on 17 Mar, 2015 04:01 PMभारत में हर साल भारी मात्रा में निकलने वाले ऐसे कचरे को हिमालय पर्वकूड़ा ढोने का मार्ग बन गई हैं नदियाँ
Posted on 16 Mar, 2015 12:45 PMविश्व जल दिवस पर विशेष
अब सुनने में आया है कि लखनऊ में शामे अवध की शान गोमती नदी को लन्दन की टेम्स नदी की तरह सँवारा जाएगा। महानगर में आठ किलोमीटर के बहाव मार्ग को घाघरा और शारदा नहर से जोड़कर नदी को सदानीरा बनाया जाएगा। साथ ही इसके सभी घाट व तटों को चमकाया जाएगा। इस पर खर्च आएगा ‘महज’ छह सौ करोड़।
फूल रहा है जल शोधन संयन्त्रों का दम
Posted on 24 Feb, 2015 10:38 AMपानी कम होने के कारण कई क्षेत्रों में करनी पड़ रही कटौतीनदियों की सफाई भी बने चुनावी मुद्दा
Posted on 12 Feb, 2015 04:07 PM आखिर कब होगी गंगा की धारा निर्मल? इस सवाल पर सुप्रीम कोर्ट ने एक बार फिर से कड़े तेवर दिखाए हैं। तीन दशक से गंगा को लेकर केन्द्र सरकार सफाई अभियान चला रही है। इन तीन दशकों में जनता के अरबों रुपयों का वारा-न्यारा हो गया, फिर भी गंगा अब तक साफ नहीं हो पाई।बीमारी बहाओ और भूल जाओ की
Posted on 06 Feb, 2015 03:48 PMआज स्थिति यह है कि यह सारा का सारा मल-जल नदियों में, विशेषकर शहरी इलाकों के पास से गुजरने वाली
जहरीला होता जा रहा है दोआबा का भूजल
Posted on 05 Jan, 2015 09:43 AMजहरीला होता जा रहा है दोआबा का भूजलअनिल बंसलहिण्डन, कृष्णा और कालीजल प्रदूषण एक गम्भीर समस्या
Posted on 17 Dec, 2014 02:25 PMजल प्रदूषण रूपी इस महाकाल का जनक स्वयं मानव है जो अपनी विभिन्न क्रिया कलापों से जल प्रदूषण की स