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समाज, संस्कृति, धर्म और इतिहास
होली क्यों
Posted on 06 Feb, 2009 12:31 PMहोली एक ऐसा त्यौहार है जो ऋतुराज वसंत में आता है । इसी समय सर्दी का अन्त और ग्रीष्म का आगमन होता है । इस समय ऋतु-परिवर्तन से चेचक के रोग का प्रकोप होता है । इस संक्रामक रोग से बचने के लिये पुराने समय में टेसू के फूलों का रंग बनाकर एक-दूसरे पर डालने की प्रथा चलाई गई थी और यज्ञ की सामग्री में भी इन्हीं फूलों की अधिकता रखी गई थी जिससे वायु में उपस्थित रोग के कीटाणु नष्ट हो जायें । पर आज उस टेसू केहोली का संदेश
Posted on 06 Feb, 2009 12:03 PMअनावश्यक और हानिकारक वस्तुओं को हटा देने और मिटा देने की हिन्दूधर्म में बहुत ही महत्त्वपूर्ण समझा गया है और इस दृष्टिकोण को क्रियात्मक रूप देने के लिए होली का त्यौहार बनाया गया है । रास्तों में फैले हुए कांटे, शूल, झाड़ झंखाड़, मनुष्य समाज की कठिनाइयों को बढ़ाते हैं, रास्ते चलने वालों को कष्ट देते हैं, ऐसे तत्वों को ज्यों को त्यों नहीं पड़ा रहने दिया जा सकता, उनकी ओर से न आँख चुराई जा सकती है औड्राय होली आईडिया
Posted on 31 Jan, 2009 06:16 PMदैनिक भास्कर द्वारा “होली” पर पानी बचाने हेतु “ड्राय होली आईडिया” नामक जनजागृति अभियान
हिन्दी के अग्रणी समाचार पत्र “दैनिक भास्कर” ने 24 जनवरी 09 को विज्ञापन एजेंसियों तथा अन्य रचनात्मक क्षेत्रों में काम करने वाले शौकिया लोगों के लिये “ड्राय होली आईडियाज़ क्रियेटिव कॉण्टेस्ट” नाम से एक प्रतियोगिता का शुभारम्भ किया है। गत चार वर्षों से लगातार आयोजित हो रही इस प्रतियोगिता में पहली बार शौकिया लोगों को भी
तीर्थ स्थानों का मूल स्थम्ब है जल
Posted on 27 Mar, 2024 12:33 PMतीर्थ विज्ञान
'तीर्थ' तीन कारणों से पवित्र माने जाते हैं, जैसे- स्थल की कुछ आश्चर्यजनक प्राकृतिक विशेषताओं के कारण, या किसी जलीय स्थल की अनोखी रमणीयता के कारण, या किसी तपः पूत ऋषि या मुनि के वहां स्नान करने, तप साधना करने आदि के लिए वास के कारण।
आहर-पइन एवं गोआम ही क्यों?
Posted on 26 Mar, 2024 03:20 PMआहर-पइन आधारित खेती पर दक्षिण बिहार के अधिकांश गाँव निर्भर हैं। गैर-नहरी क्षेत्रों में तो आहर-पइन से खेतों की सिंचाई होती ही है, कोयल, सकरी, सोन, दुर्गावती आदि नदियों से निकाली गई नहरों के इलाकों में भी आहर-पइन से सिंचाई हो रही है। आहर-पइन वाले इलाकों के किसान निर्भर तो इसी पर हैं पर सपना अभी भी नहरों का देख रहे हैं।
चरखा के 29वें स्थापना दिवस पर संजॉय घोष मीडिया अवार्ड विजेताओं को किया गया सम्मानित
Posted on 08 Dec, 2023 03:25 PMनई दिल्ली - लेखन के माध्यम से गांव के सामाजिक मुद्दों को मीडिया में प्रमुखता दिलाने वाली सामाजिक संस्था चरखा डेवलपमेंट कम्युनिकेशन नेटवर्क ने गुरुवार को नई दिल्ली स्थित इंडिया इस्लामिक कल्चर सेंटर में अपना 29वां स्थापना दिवस समारोह मनाया। इस अवसर पर संजॉय घोष मीडिया अवॉर्ड के विजेताओं को भी सम्मानित किया गया। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में आज़ाद फाउंडेशन की संस्थापक मीनू वडेरा उपस्थित थीं
आओ ! नदियों को बचाएं
Posted on 25 Nov, 2023 01:58 PMमानव सभ्यता का विकास नदियों के तट पर हुआ। नदियों को मानव ने जल स्रोत और जीवनोपयोगी साधन जुटाने का माध्यम बनाया। सिंधु घाटी की सभ्यता, नील नदी घाटी सभ्यता से लेकर अद्यतन मानव और जीव जंतुओं का जीवन का आधार भी नदियाँ ही हैं। यह परिवहन और कृषि कार्य के लिए भी अत्यंत उपयोगी हैं।
जीवन शैली : इस्राइल की शक्ति का मूल है किब्बुत्ज
Posted on 22 Nov, 2023 12:47 PMइस्राइल में किसी किच्बुत्ज में रहने का अवसर मिले, तो विश्व के बारे में हमारा दृष्टिकोण ही बदल जाता है। हमारी अर्वाचीन दुनिया में यदि किब्बुत्जजैसी रहन-सहन की अद्भुत और अविश्वसनीय सी संस्कृति कहीं है, तो वह है इस्राइल। अगर सामाजिक नवाचार के कहीं दर्शन होते हैं, तो वह है इसाइल का किब्बुक्ज। इस्राइल विश्व के स्वाभिमानी, स्वावलंबी और वीर राष्ट्रों में से एक है। हिब्रू संस्कृति की हैरान कर देने वाली
भगवंत मान की सरकारी नौटंकी नदी जल-विवाद पर राष्ट्रवाद की गहरी समस्या को उजागर करता है
Posted on 08 Nov, 2023 02:44 PMभगवंत मान, एक पूर्व कॉमेडियन, अब पंजाब के मुख्यमंत्री हैं। उन्होंने अपने प्रतिद्वंद्वी दलों को अदालत के आदेशों का उल्लंघन करने का आरोप लगाया है। उन्होंने उन्हें एक बहस में शामिल होने के लिए आमंत्रित किया, लेकिन वे मना कर दिए। भगवंत मान ने कहा कि वे लोगों को बताना चाहते हैं कि वर्तमान समस्याओं के पीछे कौन जिम्मेदार हैविपक्ष के बहिष्कार का मुख्यमंत्री को कोई फर्क नहीं पड़ा.
अनुसंधान और नवाचार की संस्कृति को बढ़ावा
Posted on 04 Oct, 2023 03:09 PMमेक इन इंडिया को ज्यादातर लोग विनिर्माण (मैन्युफैक्चरिंग) पर आधारित कार्यक्रम और पहल के रूप में देखते हैं लेकिन विनिर्माण के साथ-साथ उसके कई अन्य पहलू भी हैं। विनिर्माण कोई हवा में नहीं हो जाता और विनिर्माण का लक्ष्य प्राप्त करने के लिए अनेक बुनियादी पक्षों पर काम करना जरूरी है, जैसे निवेश को प्रोत्साहित करना तथा आधारभूत ढांचे (इन्फास्ट्रक्चर) का विकास करना। इनके बिना विनिर्माण पर केंद्रित लक्ष