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भूजल
दिल्ली सरकार भूजल बचाने के लिए सीवर के शोधित पानी का प्रयोग करेगी
Posted on 18 May, 2019 10:21 AMराजधानी में मेट्रो की सफाई से लेकर पार्कों, बागवानी तक में अब भूजल की जगह सीवर के शोधित पानी का प्रयोग होगा। शोधित जल किसानों को खेती और निर्माण कार्य में इस्तेमाल के लिए भी मुहैया कराया जाएगा, ताकि यमुना में बढ़ते प्रदूषण और तेजी से कम होते भूजल से बचा जा सके।
भूजल दोहन को लेकर केंद्र चिंतित लेकिन राज्य बेपरवाह
Posted on 09 May, 2019 10:33 AMजिन क्षेत्रों में फैक्ट्री लगी हैं, बड़े होटल हैं या बड़े वाणिज्यिक प्रतिष्ठान और आवासीय परियोजनाएं हैं, वहां भू जल का स्तर सालाना 20 सेंटीमीटर की औसत दर से सरक रहा है। केंद्रीय भूजल बोर्ड के आंकड़ों ने आंकड़ों के विश्लेषण के बाद यह जानकारी साझा की है। देहरादून और समूचे मैदानी क्षेत्रों के भविष्य के लिए या खतरे की बड़ी घंटी है। मगर राज्य के अधिकारी इसके प्रति बेपरवाह पर बने हैं। इस स्थिति को दे
![खेत में पानी पटाता एक पम्पिंग ट्यूब](/sites/default/files/styles/featured_articles/public/hwp-images/should%20take%20permission%20before%20Uses%20of%20ground%20water%20resources_3.jpg?itok=QAR87HOx)
भूजल रीचार्ज के मास्टर प्लान का नजरिया बदले तो बात बने
Posted on 11 Feb, 2017 04:22 PM
भारत सरकार के सेंट्रल ग्राउंड वाटर बोर्ड ने देश के लगभग 941541 वर्ग किलोमीटर ऐसे इलाके की पहचान की है जो सामान्य बरसात के बावजूद, बाकी इलाकों की तरह, तीन मीटर तक नहीं भर पाता है। अर्थात उस इलाके में भूजल का स्तर तीन मीटर या उससे भी अधिक नीचे रहता है। यह स्थिति, उस इलाके के भूजल के संकट का मुख्य कारण है।
सेंट्रल ग्राउंड वाटर बोर्ड का मानना है कि, बरसात के मौसम में भूजल रीचार्ज के कृत्रिम तरीके को अपनाकर उस इलाके की खाली जगह को भरा जा सकता है। इस खाली जगह को भरने के लिये सेंट्रल ग्राउंड वाटर बोर्ड ने भारत के लिये सन 2013 में भूजल रीचार्ज का मास्टर प्लान तैयार किया था। उस प्लान को इस अपेक्षा के साथ सभी राज्यों को भेजा था कि वे अगले दस सालों में मास्टर प्लान में सुझाए सभी कामों को पूरा कर लगभग 855650 लाख घन मीटर बरसाती पानी को जमीन के नीचे उतारेंगे।
![बढ़ता भूजल दोहन](/sites/default/files/styles/featured_articles/public/hwp-images/Groundwater%20Scenario_1_3.jpg?itok=hHHBHGJv)