पुस्तकें और पुस्तक समीक्षा

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पर्यावरण प्रदूषण : नियंत्रण एवं उपाय
Posted on 25 Apr, 2014 11:32 AM

नदियों, तालाबों के जल एवं भूमिगत जल को तो मनुष्यों ने प्रदूषित किया ही है। प्रदूषित करने में इस

पर्यावरण प्रदूषण कानून : उनका क्रियान्वयन
Posted on 24 Apr, 2014 03:30 PM 1980 का दशक पर्यावरणीय विषयों पर समस्त राज्यों के मध्य उल्लेखनीय वा
गंगा गान
Posted on 24 Apr, 2014 10:20 AM हिमगिरी के उत्तुंग शिखर से
जलधि तट की ओर
दौड़ चलीं तुम पतित पावनी
करतीं कलकल शोर
हे 'जाह्नवी' क्यों उदास हो
बहतीं रुक रुक कर
क्षोभित क्यों 'पुण्या' जन जन को
मोक्ष दान देकर
युग युग के संताप हरे हैं
क्षुधा हरी मन की
इस युग के भी पाप साथ ले
बह लो 'दुःखहन्त्री'
इस धरती पर पर्व भी तुम
संगीत भी तुम 'रम्ये'
पर्यावरण संरक्षण हेतु परियोजना
Posted on 22 Apr, 2014 03:36 PM विकसित देश यही चाहते हैं कि शेष विश्व उन पर निर्भर रहे और ज्यादा वि
जलवायु परिवर्तन : कारण एवं प्रभाव
Posted on 21 Apr, 2014 03:45 PM

मानव सभ्यता के 10 हजार सालों में इतनी तपन कभी नहीं बढ़ी जो 20वीं शताब्दी के अंतिम दशक और 21वीं

Climate change
जहाज तुम बहती रहना
Posted on 21 Apr, 2014 09:42 AM

प्राक्कथन

River
पारिस्थितिक तंत्र एवं पर्यावरण प्रदूषण
Posted on 20 Apr, 2014 10:37 AM विकासशील देशों की पर्यावरणीय समस्याएं, समृद्ध और औद्योगिक रूप से वि
जल संरक्षण क्या आप समझते हैं
Posted on 16 Apr, 2014 03:18 PM जल ही जीवन का आधार है,
जल ही सृष्टि की शुरुआत है,
इसके बिना हमारा अस्तित्व नहीं
समझते हैं लोग।
क्यों नहीं समझते लोग।

जल न हो तो मच जाए त्राहि-त्राहि,
जल न होतो सूखे हरियाली,
जल न हो तो सर्वत्र उदासी,
समझते हैं लोग।
लेकिन इसका अपव्यय रोकना है,
क्यों नहीं समझते लोग।

नदियां जीवनदायिनी हैं,
झीलें मनभाविनी हैं,
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