बाबा मायाराम

बाबा मायाराम
बाबा मायाराम

बाबा मायाराम लोकनीति नेटवर्क के सदस्य हैं। वे स्वतंत्र पत्रकार व शोधकर्ता हैं। उन्होंने देवी अहिल्या विश्वविद्यालय, इन्दौर से 1989 में बी.ए. स्नातक और वर्ष 2000 में एल.एल.बी. की उपाधि हासिल की। पिछले दो दशक से पत्रकारिता से जुड़े हुए हैं और इस दौरान वे मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में कई समाचार पत्र-पत्रिकाओं से संबद्ध रहे। वर्ष 2003 से 2007 तक लोकनीति के छत्तीसगढ़ को-आर्डीनेटर के रूप में कार्य किया।

वे वर्ष 2003 में नेशनल फाउंडेशन फॉर इंडिया (एन.एफ.आई.) नई दिल्ली के फैलो रहे और उन्होंने भूमंडलीकरण के दौर में छत्तीसगढ़ की कृषि का अध्ययन किया। वर्ष 2008 में सेंटर फॉर साइंस एंड एनवायरनमेंट, दिल्ली (सी.एस ई) के फैलो रहे। इसके तहत उन्होंने सतपुड़ा में मनुष्य बनाम वन्य प्राणी का अध्ययन किया। वर्ष 2009 में विकास संवाद, भोपाल के फैलो रहे और उन्होंने विस्थापन का बच्चों पर प्रभाव का अध्ययन किया। वर्तमान में उन्हें वर्ष 2010 में टी.बी. पर अध्ययन के लिए REACH - Lilly MDR-TB Media Fellowship 2010 मीडिया फैलोशिप प्रदान की गई।

2004 से 2006 दो वर्ष लोकनीति, सीएसडीएस में सहायक संपादक के पद पर कार्य किया। वे वर्ष 2003 विधानसभा चुनाव और वर्ष 2004 में लोकनीति, सी.एस.डी.एस के छत्तीसगढ़ कोआर्डीनेटर के रूप में कार्य किया। लोकनीति व सीएनएन-आईबीएन के द्वारा आयोजित सर्वे के छत्तीसगढ़ को-आर्डीनेटर के रूप में कार्य किया। उन्होंने 2004 से 2006 के बीच लोकनीति, सीएसडीएस में स्टेट ऑफ डेमोक्रेसी इन साउथ एशिया (एसडीएसए) में अंग्रेजी से हिंदी अनुवाद व संपादन का कार्य किया। वर्ष 1999 से 2001 तक झुग्गी बस्तियों की समस्याओं पर हाशिये पर नामक पत्रिका के संपादक के रूप में काम किया। उन्होंने मासिक पत्रिका सामयिक वार्ता में संपादन सहयोग किया।

वर्तमान में सतपुड़ा अंचल में होशंगाबाद जिले के एक कस्बे पिपरिया में रहकर ग्रामीण और विकास पत्रकारिता कर रहे हैं।

He has traveled extensively through the length and breadth of Chhattisgarh and Madhya Pradesh reporting and interviewing on a host of development issues such as traditional agriculture systems, environment, labour, women, slum dwellers, education, health, Adivasis, and focusing on the human – interest angle. These articles have been published in regional and national dailies.

 

 

रिसर्च इंटरेस्ट


विकास, पर्यावरण, कृषि, आदिवासी, चुनाव विश्लेषण, मीडिया शिक्षा और मौखिक इतिहास में गहरी रूचि।

 

 

 

 

सेलेक्टेड पब्लिकेशन


Understanding the Chhattisgarh vote, Yogendra yadav, sanjay kumar, The field work for the post-election survey was coordinated by Baba Mayaram. Dec 11, 2003, The Hindu

A repeat of assembly 2003, Sanjay Lodha, Ram Shankar Baba Mayaram and Pushkar Raj, May 20,2004, The Hindu

Chhattisgarh: BJP consolidates its hold, Dec 18, 2004 EPW, vol. XXXIX

लोकतंत्र का नया लोक, Chhattisgarh, ab bhajpa ka garh, april 2009 -वाणी प्रकाशन

Homes and Hopes shattered, April 15, 2010, Grassroots, Chennai

 

 

 

 

Authored Books


Aaj ke Chote-Chote Gandhi
Published By: Directorate of Adult Education, Department of school education & Literacy,Ministry of Human Resource Development, Govt. of India.
Year: 8 September 2008

Satpuda Ke Bashinde
Published By: Kisan Adivasi Sangthan, Hoshangabad
Year:December, 2009

Kya Nadi phir bahegi
Published By: State Resource Centre, Adult Education, Indore
Year:March, 2010

 

 

 

 

Awards


Shankar Guha Niyogi Journalism Award,2003

Gandhian Philosophy Award, Adult Literacy Mission, Government of India,2008

Location
Near Pachmarhi Naka,
Ram Nagar Colony
Pipariya, Dis- Hoshangabad
Madhya Pradesh- 461 775

Blogs: http://hashiye-par.blogspot.com/
http://juggnu.wordpress.com/

Email: babamayaram@gmail.com

 

 

 

 

नागौर के मरुभूमि में तालाब | Pond in Nagaur desert
जानिए नागौर के मरुस्थल वाली जगह में तालाब कैसे बना | Get information about How pond was made in the desert area of ​​Nagaur.
Posted on 02 Jan, 2024 11:44 AM

राजस्थान की रजत बूंदें' सरीखी नायाब किताब लिखने वाले अनुपम मिश्र कहा करते थे कि जिस इलाके में प्रकृति ने पानी देने में थोड़ी कंजूसी की है, वहां समाज ने पानी की एक-एक बूंद को प्रसाद मानकर बेहद सलीके से सुरक्षित, संरक्षित किया है। प्रस्तुत है, बाबा मायाराम की कलम से पानी संवारने की इसी प्रक्रिया की एक कहानी।

नागौर के मरुभूमि में तालाब |
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