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टिहरी डैम - अब तक
जानिए सुंदरलाल बहुगुणा के 74 दिनों के उपवास के बाद आखिर सरकार ने क्या निर्णय लिए Posted on 05 Apr, 2024 04:49 PM

मेरा, 74 दिनों का उपवास, जो मैंने भूतपूर्व प्रधानमंत्री श्री नरसिम्हा राव द्वारा मुझको दिये हुए वचन से मुकरने के विरोध में रखा था, श्री एच. डी.

टिहरी डैम,Pc-wikipedia
हिमालय बचाओ आन्दोलन-घोषणापत्र
जानिए हिमालय बचाओ आन्दोलन-घोषणापत्र में क्या महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए

Posted on 05 Apr, 2024 01:02 PM

आक्रमण विकास नीति ने हिमालय में 'प्रकृति एवं मानव' दोनों के लिए जिन्दा रहने का संकट पैदा कर दिया है। इससे केवल इस क्षेत्र में रहने वाले ही त्रस्त नहीं हैं, बल्कि इससे भी दस गुने लोगों पर हिमालय की तबाही का विनाशकारी प्रभाव, बाढ़, भूक्षरण और सूखे के रूप में पड़ रहा है।

हिमालय बचाओ आन्दोलन-घोषणापत्र
मेरा प्रार्थनामय उपवास : सुन्दरलाल बहुगुणा
जाने सुन्दरलाल बहुगुणा ने भूख हड़ताल महात्मा गांधी की जयंती पर ही क्यों की Posted on 05 Apr, 2024 11:32 AM

स्वतंत्रता की स्वर्ण जयंती के वर्ष में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की जयंती के शुभ दिन पर राष्ट्र और करोड़ों लोगों के जीवन को असुरक्षित बनाने, आर्थिक दृष्टि से दिवालिया, सामाजिक दृष्टि से विषमता और विघटन बढ़ाने, पर्यावरणीय तबाही लाने और हमारी संस्कृति और आस्थाओं को कुचलने वाले टिहरी बांध के मौजूदा स्वरूप को कायम रखने की हठधर्मी को उजागर करने के लिए मैंने उपवास करने का निश्चय किया है।

 सुन्दरलाल बहुगुणा,Pc-Wikipedia
टिहरी बांध के चलते गंगा नदी का जीवन समाप्त होने की कगार पर
इस ब्लॉग में जानिए गंगा नदी की प्रमुख सहयोगी नदी भागीरथी पर बनाया गया टिहरी बांध गंगा नदी के अस्तित्व को जोखिम में डाल दिया है Posted on 04 Apr, 2024 11:47 AM

परमपूज्य शंकराचार्य जी, स्वामी जयेन्द्र सरस्वती जी व हरिद्वार सम्मेलन में उपस्थित सन्त-महात्माओं एवं प्रतिनिधियों के चरणों में !

भागीरथी के तट पर बांध
निर्माणाधीन टिहरी बांध में भूकंपीय खतरे और भ्रष्टाचार
जाने टिहरी बांध में भूकंपीय खतरे और भ्रष्टाचार से कितना बड़ा नुकसान हो सकता है Posted on 04 Apr, 2024 11:46 AM

टिहरी बाँध में जो समस्या है, उसके संबंध में सरकार का ध्यान आकर्षित करना चाहता हूं। कितने ही खतरे वहाँ पर बांध बनाने में हैं। पूरा उत्तर प्रदेश और यह क्षेत्र भी जल-प्लावन में इससे जा सकता है, यदि भूकंप और भूचाल आए। रशियन एक्सपर्टस ने इसकी एक रिपोर्ट भी दी थी, परन्तु उसके ऊपर कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है।सुन्दर लाल बहुगुणा, देश में एक विख्यात सामाजिक कार्यकर्ता हैं। वे कई दफे भूख हड़ताल पर बैठे।

निर्माणाधीन टिहरी बांध में भूकंपीय खतरे और भ्रष्टाचार
रोबोटिक सफाई को बढ़ावा
जाने भारत का सबसे पहला सफाई करने वाला रोबोट के बारे में Posted on 03 Apr, 2024 03:47 PM

हाथ से मैला ढोने की प्रथा को समाप्त करने के लिये भारत का पहला सेप्टिक टैंक सफाई रोबोट स्वच्छ भारत अभियान को मजबूती प्रदान कर रहा है। आईआईटी मद्रास के विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग (डीएसटी) टेक्नोलॉजी बिजनेस इनक्यूबेटर (टीबीआई) में स्थापित स्टार्टअप द्वारा विकसित होमोसेप एटम नामक तकनीक, मैन्युअल सफाई के तरीकों को रोबोटिक सफाई विधियों में बदल देती है। यह भारत के विभिन्न हिस्सों के 16 शहरों तक पहु

रोबोटिक सफाई को बढ़ावा,Pc-मीमांसा पत्रिका 
पानी के बिना संकट में जिंदगानी
जानें भारत के शहर पानी की किल्लत से क्यों जूझ रहे है Posted on 03 Apr, 2024 02:16 PM

अच्छा कमा रहे हैं, करोड़ों की कीमत वाला फ्लैट है। खाते में हर महीने मोटी तनख्वाह आ रही है। घर का बाथरूम ऐसा है कि उसमें महंगे शावर और नल भी लगे हैं, मगर उन लग्जरी बाथरूम के हाल यह है कि नल सूखे पड़े हैं। फ्लश करने के लिए भी मुंबई के चाल की तरह बाल्टी भरकर पानी लाना पड रहा है। इनकम टैक्स के कागजों में मोटा टैक्स दे रहे हैं, लेकिन टैंकर के आगे पानी के लिए हाथ में बाल्टी लिए लाइन लगा रहे हैं। यह द

पानी के बिना संकट में जिंदगानी
सिंचाई की पारंपरिक विधि में तकनीक और कानून की स्थिति
जानिए सिंचाई की पारंपरिक विधि में तकनीक और कानून के बारे में
Posted on 03 Apr, 2024 11:21 AM

परंपरागत सिंचाई की वर्तमान प्रणालियाँ

चर्चा प्रारंभ करने के पूर्व मगध की सीमा एवं परंपरा के अर्थ को समझ लेने से चर्चा को आगे बढ़ाने में सुविधा होती है। परंपरा शब्द का प्रयोग करते ही अतीत से लेकर वर्तमान की कड़ियाँ सामने आने लगती हैं। मगध की सीमा कई बार घटती-बढ़ती रही है। वस्तुतः यह मगध साम्राज्य की सीमा का बढ़ना या घटना हुआ है। सांस्कृतिक दृष्टि से मगध की सीमा

सिंचाई की पारंपरिक विधि में तकनीक और कानून की स्थिति
बे-मौसम बरसात से तहस-नहस हो गई दलहन-तिलहन की खेती
जाने बे-मौसम बरसात से फसलों को किस तक हद नुकसान होता है
Posted on 02 Apr, 2024 05:57 PM

बारिश को आमतौर पर प्रकृति का वरदान कहा जाता है, लेकिन तब, जब समय पर हो?

बे-मौसम बरसात से तहस-नहस हो गई दलहन-तिलहन की खेती
दक्षिण बिहार भौगोलिक संरचना वाला क्षेत्र
जाने दक्षिण बिहार की भौगोलिक संरचना और संक्षिप्त जानकारी


Posted on 02 Apr, 2024 03:14 PM

दक्षिण बिहार की बनावट और चौहद्दी

दक्षिण बिहार मिश्रित भौगोलिक संरचना वाला क्षेत्र है। इसके दक्षिण भाग में झारखंड का पठार है। इनसे निकलने वाली नदियों का अंत दक्षिण बिहार के मैदानों में या गंगा में होता है। गंगा से दक्षिण की ओर अधिकतम 110 कि.मी. के लगभग पहुँचते ही पठारी क्षेत्र आ जाता है। कई स्थानों पर यह दूरी 50 कि.मी. से भी कम है।

दक्षिण बिहार की भौगोलिक संरचना
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