रोबोटिक सफाई को बढ़ावा

रोबोटिक सफाई को बढ़ावा,Pc-मीमांसा पत्रिका 
रोबोटिक सफाई को बढ़ावा,Pc-मीमांसा पत्रिका 

हाथ से मैला ढोने की प्रथा को समाप्त करने के लिये भारत का पहला सेप्टिक टैंक सफाई रोबोट स्वच्छ भारत अभियान को मजबूती प्रदान कर रहा है। आईआईटी मद्रास के विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग (डीएसटी) टेक्नोलॉजी बिजनेस इनक्यूबेटर (टीबीआई) में स्थापित स्टार्टअप द्वारा विकसित होमोसेप एटम नामक तकनीक, मैन्युअल सफाई के तरीकों को रोबोटिक सफाई विधियों में बदल देती है। यह भारत के विभिन्न हिस्सों के 16 शहरों तक पहुंच चुका है और एक ही उपकरण पर व्यापक ब्लेड सफाई, ठोस अपशिष्ट गाद निकालने, सक्शन और भंडारण को सशक्त बनाता है; जिससे सीवरों में रोबोटिक सफाई को बढ़ावा मिलता है और इसमें लागत भी कम हो जाती है। डीएसटी-टेक्नोलॉजी बिजनेस इन्क्यूबेटर्स (टीबीआई) को सफल उद्यमों में ज्ञान आधारित नवीन स्टार्ट अप का समर्थन और पोषण करने के लिए निधि कार्यक्रम के तहत अकादमिक/तकनीकी/आरएंडडी संस्थानों में स्थापित किया गया है।

सोलिनास नामक स्टार्टअप, जिसने स्वच्छता उद्देश्यों के लिए सीमित स्थान का निरीक्षण, सफाई और प्रबंधन करने के लिए इस किफायती एकीकृत रोबोटिक समाधान आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) को विकसित किया है। इससे मदुरै के मैनहोल रुकावटों को साफ करने और सीवर ओवरफ्लो को कम करने में मदद मिली। होमोसेप एटम का प्रयोग चेन्नई की घनी आबादी वाले जटिल गलियों तक भी बढ़ाया गया था। बड़े अपार्टमेंट, हाउसिंग बोर्ड और व्यक्तिगत परी से जुड़े सेप्टिक टैंकों को ध्यान में रखते हुए, इस प्रक्रिया ने नगर पालिकाओं को कचरे को तुरंत और कुशलता से साफ करने, हटाने और उपचार संयंत्रोंतक पहुंचाने में सक्षम बनाया। इसके अलावा, सफाई कर्मचारियों को मैनहोल सफाई करने वाले रोबोटों से सशक्त बनाया गया, सफाई कर्मचारियों को मैनहोल को बाहर से साफ करने और जहरीले वातावरण के अंदर जाने से बचने में मदद मिली, और सफाई कर्मचारियों को सम्मान मिला। सोलिनास आईआईटी मद्रास से शुरू हुआ एक डीप-टेक और क्लाइमेट टेक स्टार्टअप है, जिसकी स्थापना उन चुनौतियों को हल करने के इरादे से की गई है।  जो जल और स्वच्छता क्षेत्र में क्रांति लाती हैं और जलवायु परिस्थितियों में सुधार करती हैं। प्रारंभिक चरण में सोलिनास के उत्पाद विकास को आगे बढ़ाने में आईआईटी मद्रास डीएसटी- टीबीआई ने भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। स्टार्टअप लघु रोबोट विकसित करने में माहिर है, जिसमें भारत का पहला 90 मिमी जल रोबोट और 120 मिमी सीवर रोबोट शामिल है, जो जल- सीवर पाइपलाइनों में प्रदूषण चुनौतियों कासमाधान करने के लिए 100 मिमी से कम चौड़े पाइपलाइनों के माध्यम से नेविगेट करने में सक्षम है। डीएसटी से समर्थन के माध्यम से प्राप्त एक्सपोजर ने यह सुनिश्चित किया कि समाधान टिकाऊ और स्केलेबल दोनों थे।

इस प्रमुख उत्पाद के अलावा, सोलिनास की प्रौद्योगिकियों ने पानी की बर्बादी, भूजल प्रदूषण, जलवायु परिवर्तन और दिन-प्रतिदिन की मानवीय चुनौतियों जैसे मैनुअल स्कैवेजिग, दूषित पानी पीना, संयुक्त सीवर ओवरफ्लो आदि जैसी कुछ मौजूदा जलवायु चुनौतियों का समाधान किया। एंडोचोट और स्वस्थ एआई जैसी तकनीकें पाइपलाइन डायग्नोस्टिक टूल के रूप में कामकरती हैं जो पानी के प्रदूषण, बांदी और सीवर ओवरफ्लो का पत्ता लगाने और उसे कम करने में सक्षम हैं, जिस पर कोयंबटूर जैसे शहरों में लीक, रुकावट और पेड़ की जड़ों जैसे भूमिगत मुद्दों के कारण अक्सर ध्यान नहीं दिया जाता है।

सोलिनास की एआई-आधारित पाइपलाइन दोष पहचान और मूल्यांकन सेवाओं ने लागत बचाने,कम समय में समाधान करने और पूरे हुबली शहर में पेयजल आपूर्ति में सुधार करने में मदद की, जिससे 1000 से अधिक घरों को पेयजल आपूर्ति की गई। गोवा के सीवरेज और बुनियादी डांचा विकास निगमएसआईडीजीसीएल) के लिए सीवेज पाइपलाइनमें खामियों की पहचान से त्वरित और अधिक लागत प्रभावी समाधान प्राप्त हुए। 

चेन्नई मेट्रो के साथ साझेदारी से क्रॉस-संदूषण और अवैध टैपिंग की प्रमुख चुनौतियों की पहचान करने में मदद मिली, जिससे पाइपलाइन की अखंडता और पानी की पहुंच में सुधार हुआ। इस संबंध में डीएसटी सचिव, प्रोफेसर अभय करंदीकर ने कहा, "ऐसे स्टार्टअप के लिए डीएसटी का समर्थन उन युवाओं के लिए प्रोत्साहन का एक प्रमुख स्रोत है जो अपने ज्ञान-आधारित उद्यमों को विकसित करने और सामाजिक चुनौतियों को हल करने के साथ-साथ देश के विकास में योगदान करने के लिए सरकारीस्टार्ट-अप आंदोलन से प्रेरित हैं।

स्रोत -विकल्प मीमांसा, पत्रिका 

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Post By: Shivendra
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