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समाचार और आलेख
सिमट गई दिल्ली की खेती, पानी गया सूख
Posted on 07 Sep, 2008 12:25 AMकपिल शर्मा/बिजनेस स्टैंडर्ड/ नई दिल्ली: पिछले दस सालों में दिल्ली में हुए औद्योगीकरण ने जहां एक ओर शहर की फिजां को बदला है वहीं दूसरी ओर कृषि को सीमित करके भूमिगत जल के लिए नई समस्याएं खड़ी कर दी है। अनुमानों के हिसाब से पिछले दस साल में दिल्ली का 60 फीसदी कृषि क्षेत्र समाप्त हो चुका है और इनकी जगह नई-नई औद्योगिक इकाइयां स्थापित हो चुकी है। कृषि विभाग के
![farm of delhi](/sites/default/files/styles/featured_articles/public/hwp-images/farm%20of%20delhi_8.jpg?itok=KwQqeMjz)
प्लास्टिक की बोतल का पानी दिमाग के लिए खतरनाक
Posted on 06 Sep, 2008 01:20 PMतरकश ब्यूरो/ कनाडा की एक रिसर्च टीम के अनुसार प्लास्टिक की बोतल में उपलब्ध पानी दिमाग के लिए खतरनाक होता है. प्लास्टिक के कंटेनर बनाने के उपयोग मे लिया जाने वाला बाइसफेनोल ए दिमाग के कार्यकलापों को प्रभावित कर सकता है और इंसान की समझने और याद रखने की शक्ति को छीण करता है.
![plastic bottle water](/sites/default/files/styles/featured_articles/public/hwp-images/plastic%20bottle%20water_8.jpg?itok=xxWC22Xr)
भूजल से संवरेगा कल
Posted on 21 Jul, 2024 08:47 AMयह तो सर्वविदित है कि जल मानव की मूलभूत आवश्यकता है। प्रकृति ने वर्षा के माध्यम से जल प्रदान कर जनमानस पर बहुत उपकार किया है। प्रकृति बारह महीने मेहरबान नहीं रहती, अपितु मानसून के मौसम में ही अपनी कृपा प्रदान करती है। यदि जल को हमने संजोकर नहीं रखा, तो यह व्यर्थ ही वह जाएगा और फिर कुछ ही समय बाद भूजल के स्रोत भी सूखने लगेंगे। नतीजा यह होगा कि हमें ग्रीष्मकाल में जल की एक-एक बूंद के लिए तरसना पड
![रंदुल्लाबाद, महाराष्ट्र में एक सिंचाई कुआँ। छवि स्रोत: इंडिया वाटर पोर्टल](/sites/default/files/styles/featured_articles/public/2024-07/Groundwater.jpg?itok=TCESKaRD)
जल संसाधन परियोजनाएं और पर्यावरण पर उनका प्रभाव
Posted on 21 Jul, 2024 08:21 AMविश्व की सबसे अधिक जनसंख्या वाला देश होने के साथ-साथ भारतवर्ष विश्व में तेजी से बढ़ती हुई तीसरी बड़ी अर्थव्यवस्था के रूप में उभर रहा है। लगातार होने वाले विकास एवं जनसंख्या वृद्धि के कारण प्राकृतिक संसाधनों पर अत्यधिक दबाव है और जल संसाधन भी इससे अछूते नहीं हैं क्योंकि हमारे देश में आनुपातिक रूप में जल की उपलब्धता अत्यंत बेमेल है। इस कारण हमें भारत में जल संसाधन की विभिन्न परियोजनाओं की महती आव
![बड़े बांध](/sites/default/files/styles/featured_articles/public/2024-07/large-dams-harikund-dams.jpg?itok=KBFdf8uU)
संदर्भ दिल्ली बाढ़: जरूरी निर्णय लेने होंगे तभी रुकेंगे हादसे
Posted on 20 Jul, 2024 10:21 AMथोड़ी सी बारिश से शहर की सूरत किस कदर बिगड़ जाती है‚ यह हम–आप देखते हैं। अभी पखवाड़े भर पहले दिल्ली और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में हालात कितने भयावह और दारुûण थे‚ यह बताने की जरूरत नहीं है। लुटियन दिल्ली के करोड़ों रुपये वाले घरों में कमर भर पानी भर गया‚ सांसद अपनी चरण पादुका हाथों में लिए अपनी कोठी की ओर पैदल जाने को मजबूर दिखे‚ एक पार्षद तो अपने इलाके में नाव चला रहे थे। कुल मिलाकर दिल्ली औ
![शहरी बाढ़ (courtesy needpix.com)](/sites/default/files/styles/featured_articles/public/2024-07/flooded-village-urbanflood_0.jpg?itok=FpoiVq2h)
संदर्भ शहरी बाढ़: काश! दिल्ली बारिश को जी भर के जी पाए
Posted on 20 Jul, 2024 09:09 AMसिनेमा ने बरसात को बहुत ही रोमांटिक तौर पर चित्रित किया है। कई लोकप्रिय और मधुर गानों से फिल्मों में बरसात के मौसम को दिखलाया गया है। साहित्य ने भी बारिश को प्रेम और रोमांस से जोड़ा है। मानसून में बारिश का आना स्वाभाविक चक्र है‚ और इन तमाम प्रसंगों के बीच जब बारिश का मौसम आता है तो देश की राजधानी दिल्ली के रोंगटे खड़े हो जाते हैं। कोई समस्या जब बार–बार दोहराने लगे तो इसका मतलब है कि हम समस्या क
![शहरों में बाढ़ अब हर साल की समस्या](/sites/default/files/styles/featured_articles/public/2024-07/high-water-Delhi-Flood.jpg?itok=BoMTLn1N)
सवाल सिर्फ जल की उपलब्धता का नहीं निर्मलता का भी है
Posted on 16 Jul, 2024 01:24 PMइस वर्ष पूरी गर्मी में देश के अलग-अलग हिस्सों हिस्सों से जल संकट के भयावह दृश्य देखने को मिले। देश की राजधानी दिल्ली से लेकर आईटी कैपिटल बेंगलुरु तक जल के लिए त्राहि-त्राहि मचती दिखी।
![जल की उपलब्धता का ही नहीं निर्मलता भी जरूरी](/sites/default/files/styles/featured_articles/public/2024-07/water-queality-Article.jpg?itok=YqRcfBTl)
सरकार और समाज के समन्वय से सफल होगी अमृत सरोवर योजना
Posted on 16 Jul, 2024 01:07 PMकेंद्र सरकार ने 24 अप्रैल 2022 को अमृत सरोवर योजना को प्रारम्भ किया। स्वाधीनता के 75 वर्ष पूर्ण होने अर्थात अमृतकाल में प्रस्तुत इस योजना के अंतर्गत प्रत्येक जनपद में 75 अमृत सरोवर का निर्माण होना था। इस सरोवर का न्यूनतम क्षेत्रफल 1 एकड़ का रखा गया, जिसकी जल धारण क्षमता कम से कम 10 हजार घनमीटर हो। इस सरोवरों की परिधि पर नीम, पीपल, बरगद जैसे पर्यावरण अनुकूल वृक्ष भी लगाए जाएं, योजना में ऐसा भी उ
![प्रतिकात्मक तस्वीर](/sites/default/files/styles/featured_articles/public/2024-07/Amrit-sarovar-yojana.jpg?itok=8MftjL9T)