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समाचार और आलेख
संदर्भ दिल्ली बाढ़: कचरा प्रबंधन के बिना बाढ़ मुक्ति नहीं
Posted on 08 Jul, 2024 09:38 AMइस बार देश की राजधानी दिल्ली में हुए जलभराव की काफी चर्चा हो रही है। जलभराव की वजह से लोगों का जनजीवन प्रभावित होता है‚ और उन्हें परेशानी होती है। इसलिए चर्चा होने स्वाभाविक है। अगर इस समस्या को दो प्रश्नों के जरिए समझा जाए तो यह विषय संभवतः ठीक से समझ में आएगा। जलभराव क्यों हुआॽ क्या जलभराव रोका जा सकता हैॽ दिल्ली में 28 नाले हैं‚ जिनमें दिल्ली की बस्तियों और कॉलोनियों का पानी होता है। इन नालो

संदर्भ शहरी बाढ़: पानी ने नहीं भूली राहें, भटक तो शहर गया है
Posted on 08 Jul, 2024 09:23 AMबरसात पहले भयावह सिर्फ शहर के उन्हीं इलाकों के लिए होती थी जिन्हें गरीब–गुरबों के झोपड़पट्टी वाला इलाका कहा जाता था। पर अब बरसात हर शहरी और उससे भी बढ़कर शहरी निकायों के अधिकारियों के लिए भी भयावह होने लगी है। क्योंकि बरसात आते ही बड़े जतन से छुपाए गए भ्रष्टाचार और झूठ को बेपर्दा कर जनता के सामने रख देती है। शहरियों के लिए तो यह छोटे–मोटे प्रलयकाल की तरह का अनुभव देने लगी है। लगता है मानो नदिया

जीवन को बचाना है तो जीवनशैली बदलिए
Posted on 08 Jul, 2024 09:18 AMपरिवर्तन संसार का अपरिवर्तनीय नियम है। सर्दी, गर्मी और बरसात समय अनुसार आते ही रहते हैं। मनुष्य अपने जीवन जीने की सभी तैयारियां कर लेता है। गर्मी से बचने के लिए सबसे सामान्य उपाय में फ्रिज और एयर कंडीशनर जैसे उपकरणों का प्रयोग देश में क्या, पूरे विश्व में दिल खोलकर लगभग सभी वर्गों द्वारा किया जाता है। हालांकि फ्रिज और एसी से क्लोरोफ्लोरोकार्बन गैसों का उत्सर्जन होता है जो ओजोन परत को बहुत ज्याद

पर्यावरण प्रदूषण से जूझते बुग्याल
Posted on 08 Jul, 2024 07:22 AMवर्तमान में हम खतरनाक रूप की समस्या से घिरे हुए हैं और यह समस्या भविष्य में हमारे लिये जानलेवा भी हो सकती है। इस भयंकर पर्यावरणीय समस्या के मुख्य कारण हैं- औद्योगीकरण, शहरीकरण, वनों की कटाई और प्राकृतिक संसाधनों को नुकसान पहुंचाने वाले उत्पाद जो सामान्य जीवन की दैनिक जरूरतों के रूप इस्तेमाल किए जाते हैं। पेट्रोल और डीजल गाड़ियों का अत्याधिक उपयोग होने और उनसे निकले धुएँ से प्रदूषण की समस्या उत्

क्या समुद्री खाद्य शृंखलाएं जलवायु परिवर्तन से बदल जाएंगी
Posted on 08 Jul, 2024 06:49 AMजलवायु परिवर्तन के कारण पैदा हुई भीषण तपन ने एक ओर पृथ्वी के ध्रुवों और हिमनदों को पिघलने पर मजबूर कर रखा है, वहीं समुद्री जल स्तर को बढ़ाने पर भी तुली हुई है। जलवायु परिवर्तन से समुद्रों और महासागरों के तापमान में वृद्धि के साथ-साथ वातावरण में कार्बन डाइऑक्साइड का स्तर भी बढ़ रहा है। कार्बन डाइऑक्साइड में वृद्धि से महासागरों की अम्लीयता बढ़ रही है। सारू रूप में देखा जाए तो जलवायु परिवर्तन के क

गंगा नदी का धार्मिक महत्व : आध्यात्मिक एवं भौतिक उन्नति का प्राण-तत्व
Posted on 07 Jul, 2024 08:56 AMगंगा नदी का महत्व वैश्विक स्तर और वैश्विक समुदाय में पवित्र नदी की तरह है। इस अवधारणा के कारण वैश्विक समुदाय में नदियों के महत्व, उपादेयता और संरक्षण की आवश्यकता, जागरूकता, नदियों के प्रति वैज्ञानिक और मानवीय दृष्टिकोण का वर्णन करना है। वैश्विक स्तर पर गंगा नदी की उपादेयता, जल के स्रोत, ऊर्जा दायिनी, मनुष्य के जीवन रेखा, पारिस्थितिकी एवं सांस्कृतिक विरासत के अभिन्न अंग हैं। गंगा नदी का महत्व भा

दिमाग खाने वाला अमीबा - ब्रेन ईटिंग अमीबा : जलवायु संकट की देन
Posted on 07 Jul, 2024 05:46 AMकेरल के कोझिकोड में दिमाग खाने वाले अमीबा ने एक 14 साल के बच्चे की जान ले ली है। इस लड़के का नाम मृदुल है, और वह एक छोटे तालाब में नहाने गया था, जिसके बाद वह संक्रमित हो गया। इस बीमारी को “अमीबिक मेनिंगोएन्सेफलाइटिस” (पीएएम) कहा जाता है, जो नेगलेरिया फॉलेरी नामक अमीबा के कारण होती है। पानी के जरिए यह अमीबा शरीर में प्रवेश करता है, तो मात्र चार दिनों के अंदर यह इंसान के नर्वस सिस्टम (यानी दिमाग)

जल का महत्व निबंध : समस्या और समाधान
Posted on 05 Jul, 2024 08:35 AMहमारे जीवन में चौबीस घंटे जल की आवश्यकता होती है। प्रातःकाल उठने के बाद नित्य क्रिया हेतु जल आवश्यक है। कपड़ा साफ करना, घर की सफाई, बर्तनों की सफाई, घर का निर्माण करने के पूर्व पर्याप्त जल की व्यवस्था करना होता है। जल हमारी दिनचर्या का अंग है। खेती का कार्य, पौधों को लगाना तथा उन्हें पालकर बड़ा करना जल के बिना संभव नहीं है। जहां जल नहीं है वहां पेड़-पौधे नहीं है। यहां तक कि बिना जल के घास का एक

उत्तर कोरिया सरकार ने मानव मल एकत्र करने के लिए आदेश क्यों दिया है
Posted on 03 Jul, 2024 07:08 AMउत्तर कोरिया के तानाशाह किम जोंग उन के एक नए आदेश के बारे में जानना चाहिए कि उन्होंने कोरिया की जनता से 10 किलोग्राम मानव मल एकत्र करने का आदेश दिया है। ताकि उसे खाद के रूप में इस्तेमाल किया जा सके। हालांकि यह आदेश उत्तर कोरियाई लोगों के लिए पूरी तरह से नया नहीं है, क्योंकि वे पहले से ही सर्दियों में खाद के रूप में मानव मल का उपयोग करते आए हैं। हालाँकि, इस बार यह आदेश गर्मियों में भी मानव मल एक

बदलते मौसम का विज्ञान
Posted on 02 Jul, 2024 09:09 AMपिछले कई वर्षों में पूरा देश इस सदी के सबसे भंयकर सूखे की चपेट में था. सूखे ने करोड़ों की फसल बरबाद कर दी, हजारों पशुओं को मौत के कगार पर ला दिया और लाखों परिवारों को दाने-दाने के लिए मोहताज कर दिया. बदलते मौसम का कहर केवल हमारे देश पर ही नहीं हैं, दुनिया भर में यह बीमारी फैल चुकी है. मौसम में हो रहे इन बदलावों का कारण जानने के लिए दुनिया भर में अनुसंधान हो रहे हैं.
