उत्तराखंड

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जल के उपयोग एवं प्रदूषण में उद्योगों की भूमिका (The role of industry in water use and pollution)
Posted on 01 Feb, 2016 02:41 PM
जल समाचारदुनिया की बेतहाशा बढ़ती आबादी ने सम्पूर्ण विश्व में जल पर
नदियों को जोड़ने की चुनौतियाँ
Posted on 30 Jan, 2016 01:55 PM
नदीप्रतिदिन बढ़ती जनसंख्या, शहरीकरण और बदलते जलवायु के परिप्रेक्ष
जल संकट - कुव्यवस्था अथवा प्राकृतिक समस्या
Posted on 30 Jan, 2016 01:41 PM

जल - जीवन का आधार


रामचरितमानस में कविवर तुलसी दास जी ने लिखा है -

“क्षिति, जल, पावक, गगन, समीरा।
पंच रचित अति अधम शरीरा।।”

ग्लोबल वार्मिंग कारण और उपाय | Global Warming in Hindi
ग्लोबल वार्मिंग के बारे में विस्तार से जानें और इसके नियंत्रण के उपायों को समझें। Know about global warming and understand the measures to control it in hindi. Posted on 30 Jan, 2016 08:26 AM

ग्लोबल वार्मिंग कारण और उपाय
गंगा बहे अविरल, तो होगी निर्मल
Posted on 25 Jan, 2016 11:04 AM
नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल की हरिद्वार ईकाई ने हरिद्वार के होटलों
जल संरक्षण की आवश्यकता | Importance of Water Conservation in Hindi
जल संरक्षण के विभिन्न उपायों के बारे में जानकारी प्राप्त करें | Get information about various measures of water conservation in hindi. Posted on 21 Jan, 2016 03:34 PM

जल संरक्षण की आवश्यकता
विज्ञान की कहानी ‘पानी की जुबानी’
Posted on 21 Jan, 2016 03:18 PM
मेरी नम्र शक्ति से पत्थर भी टूट जाता है:-
मजदूरी की मजबूरी
Posted on 21 Jan, 2016 03:02 PM
21वीं सदी में विकट चुनौती बनकर उभरे जल संकट के एक रूप भूजल स्तर में गिरावट ने भारत की कृषि और किसानों पर गंभीर चोट करना आरम्भ कर दिया है। देश के कुछ राज्यों की हरित क्रान्ति की सफलता को दोहराने के लिये अन्य राज्यों के किसानों द्वारा भूजल से सिंचाई की व्यवस्था उन्हें तीन दशक में ही किसान से मजदूर बनाने लगी है। यह सब दिनों-दिन भूजल स्तर के नीचे जाने के
पानी की गुणवत्ता एवं जन स्वास्थ्य
Posted on 21 Jan, 2016 02:44 PM
हमें जीवित रहने के लिये जिन चीजों की आवश्यकता होती है, उनमें वायु के पश्चात जल का प्रमुख स्थान है। प्रकृति ने मानव को जितने उपहार दिए हैं, उन सभी में जल ही एक ऐसी सम्पदा है, जिसका कोई विकल्प नहीं है। जल के बिना मानव तो क्या, संभवतः किसी भी जीव का जीना कठिन है। इसलिये जल को ‘जीवन की संज्ञा’ प्रदान की गई है। यदि हम कहें कि जीवन का उद्भव ही जल से हुआ है तो कोई अतिशयोक्ति न होगी।
पानी है अनमोल
Posted on 21 Jan, 2016 02:23 PM
चंपक वन के राजा भोरसिंह बड़े दयालु और न्यायप्रिय व्यक्ति थे। वन के पशु-पक्षियों के प्रति उनके मन में बड़ा स्नेह था। चंपक वन में उन्होंने एक विशाल उद्यान बनाया था जिसमें विभिन्न तरह के वृक्ष थे, जो फल और फूलों से लदे रहते थे। क्यारियों में रंग-बिरंगे पुष्पों के पौधे थे जिनमें पुष्प खिलते थे। कई रंग-बिरंगी तितलियाँ व भौंरे इनके आस-पास गुँजन करते रहते थे।
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