उत्तराखंड

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उत्तराखंड के घटते जल संसाधनों को बचाना होगा
Posted on 01 Mar, 2011 09:22 AM

अगर बारिश कम हो तो गर्मियों में उत्तराखंड में असाधारण जल संकट पैदा हो जाता है। पिछले साल हिमपात न होने से इस बार गर्मियों में नदियों में जल प्रवाह कम रहा था। गर्मियों में प्रमुख ग्लेशियरों पर आधारित भागीरथी और अलकनन्दा जैसी नदियों में जल प्रवाह में 50 प्रतिशत की कमी आ गई थी। अतिरिक्त जल विद्युत पैदा करने की क्षमता के विपरीत इस बार गर्मियो में उत्तराखंड को अन्य राज्यों से बिजली खरीदनी पड़ी। जाड़

जल-विद्युत योजनाओं से हानि
Posted on 01 Mar, 2011 09:12 AM

उत्तराखंड की जल-विद्युत परियोजनाओं पर भारत के कन्ट्रोलर तथा ऑडिटर जनरल (कैग) ने 30 सितंबर 2009 को एक बहुत कड़ी टिप्पणी कर स्पष्ट कहा है कि योजनाओं का कार्यान्वयन निराशाजनक रहा है। उनमें पर्यावरण संरक्षण की कतई परवाह नहीं की गई है जिससे उसकी क्षति हो रही है।

गुच्छुपानी
Posted on 24 Feb, 2011 10:15 AM
गुच्छुपानी कुदरत का एक सुन्दर खेल है। मैं सन् 1937 में देहरादून गया था, तब एक दिन की फुरसत थी। कई साथियों ने कहा, ‘चलो हम ‘गुच्छुपानी’ देखने के लिए चलें।’ अन्य साथियों ने ‘सहस्त्रधारा’ देखने का आग्रह किया। गुच्छुपानी नाम तो अच्छा लगा, लेकिन विस्मृति के आवारण के नीचे दबे हुए पुराने संकल्प ने अपना मत सहस्त्रधारा के पक्ष में दिया इसलिए उस समय गुच्छुपानी देखना रह गया।
उत्तराखंड के लिए गम्भीर खतरा हैं जल विद्युत परियोजनाएं
Posted on 21 Feb, 2011 09:56 AM

देश के पहाड़ी राज्यों, खासकर उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश में आजकल जल विद्युत परियोजनाओं की जैसे भरमार हो गई है।

पहाड़ों के साथ एक सफरनामा
Posted on 15 Feb, 2011 12:13 PM

मैं पर्यावरण मामलों का विशेषज्ञ नहीं हूं। क्या वाकई कोई भी पर्योवरण मामलों का विशेषज्ञ हो सकता है? लेकिन मुझे लगता है पूरी धरती ही पर्यावरण की दृष्टि से संवेदनशील है। वह हज़ारों वर्षों से मानव सभ्यता के अभियानों की साक्षी जो रही है।

सबने खा लिया?
Posted on 12 Feb, 2011 09:11 AM खाद्य सुरक्षा और भोजन का अधिकार जैसे नए अभियान सामने आ रहे हैं। लेकिन भूख का प्रश्न तो बढ़ता ही जा रहा है। एक तरफ खुले में पड़ा अनाज गीला होकर सड़ रहा तो दूसरी तरफ बंद गोदामों से भी उसकी बदबूदार खबरें आ रही हैं। बड़ी अदालत सरकार से नाराज होकर कह रही है कि अनाज मुफ्त में बांट दो और खेती मंत्री बता रहे हैं कि ऐसा नहीं हो सकता। ऐसे में उन छोटे-छोटे गांवों को याद कर रही हैं राधा बहन, जिनमें बिना किसी नार
उत्तराखंड के सूखते जलस्रोत
Posted on 09 Feb, 2011 06:01 PM अगर बारिश कम हो तो गर्मियों में उत्तराखंड में असाधारण जल संकट पैदा हो जाता है। पिछले साल हिमपात न होने से इस बार गर्मियों में नदियों में जल प्रवाह कम रहा था। गर्मियों में प्रमुख ग्लेशियरों पर आधारित भागीरथी और अलकनन्दा जैसी नदियों में जल प्रवाह में 50 प्रतिशत की कमी आ गई थी। अतिरिक्त जल विद्युत पैदा करने की क्षमता के विपरीत इस बार गर्मियो में उत्तराखंड को अन्य राज्यों से बिजली खरीदनी पड़ी। जाड़ो में कम वर्षा व कम हिमपात होने से जल स्रोत व धारे जल्दी ही सूख गए जिससे पूरे राज्य के पर्वतीय क्षेत्रों के रहने वालों के लिए बेहद कठिनाई पैदा हो गई।

ग्रामीण जल आपूर्ति


उत्तराखंड के पर्वतीय क्षेत्र के गाँवों में ग्रामीण इलाकों की जलापूर्ति योजनाएँ हमेशा ही सवालों के घेरे में रही हैं। उनमें कई पेयजल योजनाएँ किसी सीजन में खास तौर पर गर्मियों में जबकि पानी की बहुत जरूरत होती है, ठप हो जाती हैं। बाकी कुछ योजनाएँ स्थाई रूप से बेकार हो जाती हैं, क्योंकि पानी का स्रोत ही सूख जाता
काली गंगा पर एक गीत
Posted on 08 Feb, 2011 01:04 PM

पिथौरागढ़ की काली नदी पर बना गोपाल बाबू गोस्वामी का एक बहुत ही पुराना गाना है काली गंगा को कालो पाणी प्रस्तुत है वही गाना। यह गाना हमारे पास दो रूपों में है। दोनों रूपों में गीत के बोल समान हैं लेकिन गीत की गति अलग अलग है। आपके सामने दोनों रूप प्रस्तुत हैं।

Kali river
आफत में अल्मोड़ा
Posted on 01 Jan, 2011 10:00 AM
अठारह अगस्त को बागेश्वर जिले के सुमगढ़ में बादल फटने से सरस्वती शिशु मंदिर में जिंदा दफन हुए १८ मासूमों को अभी लोग भूले भी नहीं थे कि एक माह बाद ही प्रकृति फिर प्रलय लेकर आई। इस बार बादल कहर बन कर अल्मोड़ा जिले पर टूटा। यहां भी १८ तारीख लोगों के लिए आफत का दिन बन गई। मूसलाधार बारिश ने जिले में भारी तबाही मचा दी। जिसमें साठ से भी अधिक लोग मौत के मुंह में समा गए जबकि सैकड़ों लोग गंभीर रूप से द्घा
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