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मरुभूमि का भाग्यवान समाज
Posted on 22 Oct, 2009 08:02 AM

समाज कैसे चलता है, वह अपने सारे सदस्यों को कैसे संगठित करता है, कैसे उनका शिक्षण प्रशिक्षण करता है, उन सबका प्रयोग वह कैसी कुशलता से करता है, उस समाज के एक सदस्य के रूप में मैं भी पिछले तीस साल से देख समझ रहा हूं. वह कितनी लंबी योजना बनाकर काम करता है उसे भी देखने समझने का मौका मिला है.

Rajasthan
सूखे के लिए तैयार परियोजना की अकाल मौत
Posted on 17 Oct, 2009 10:13 AM


बाड़मेर। ‘‘यह बारिश नहीं बरसेगी। कहीं और जाकर बरसेगी। शायद बाड़मेर, शायद जोधपुर, जयपुर, या उससे भी आगे दिल्ली। बारिश, फिर दगा दे गई।’’

सूचना अधिकार का तोहफा, नरेगा में करोड़ों के घोटाले
Posted on 12 Oct, 2009 01:24 PM
सूचना अधिकार दिवस पर केन्द्रीय ग्रामीण विकास मंत्री सीपी जोशी को इससे बड़ा तोहफा मिल नहीं सकता.
कच्छ में प्रकृति का सुन्दर संतुलन
Posted on 24 Sep, 2009 07:27 PM
हमेशा की तरह मानसून समूचे देश में समय पर आये, न आये, अच्छी बरसात हो, न हो। इससे क्या फर्क पड़ता है, राजस्थान और गुजरात जैसे हमेशा सूखे की मार झेलने वाले इलाके जहाँ औसत बारिस सलाना 250 मिमी से अधिक नहीं है, हर वर्ष की तरह उन्हें तो इस बार भी पानी की कमी से जूझना ही है।
राजसमन्द का पानी?
Posted on 11 Sep, 2009 09:37 PM

अब से लगभग 25 साल पहले तक भीषणतम अकाल में भी सघन वनों से आच्छादित और पानी से लबालब रहने वाला उदयपुर के समीप स्थित राजसमन्द क्षेत्र पिछले आठ साल से पानी के लिए त्राहि-त्राहि कर रहा है। इस बार राज्य में औसत से अधिक वर्षा के बावजूद यह जिला इस समय राज्य का सर्वाधिक पेयजल संकट वाला जिला है।
सांभर में पसेरी भर अन्याय
Posted on 10 Sep, 2009 09:55 AM
कोई सात महीने पहले सांभर झील के पास बसे उलाना, गुड़ा और बंबली गांव के सैकडों लोगों ने जमीन की खुदाई करने वाली मशीनों को गांव में घुसने से रोक दिया था। ये लोग गावों की सार्वजनिक जमीन के अधिग्रहण का विरोध कर रहे थे। जैसी कि पहले से आशंका थी, ग्रामीणों के इस विरोध का सामना करने के लिए सरकारी मशीनरी भी तुरंत हरकत में आ गई। पुलिस ने ग्रामीणों को ऐसे विरोध की भारी कीमत चुकाने की धमकी भी दे डाली थी
निमंत्रण- नदी बहाली संगोष्ठी
Posted on 02 Sep, 2009 05:59 PM
संगोष्ठी की तिथिः 10-12 सितम्बर 2009संगोष्ठी का स्थान: तरुण भारत संघ
तरुण आश्रम,
भीकमपुरा, थानागाजी, अलवर, राजस्थान
अकाल पर सुकाल का टांका
Posted on 28 Aug, 2009 05:15 PM


पश्चिमी राजस्थान के थार में बीते सालों के मुकाबले इस साल सूखे की छाया ज्यादा काली है। इसके बावजूद गीले रहने की परंपरागत कलाओं से तरबतर कुछ गांवों में पानी की कुल मांग में से 40 प्रतिशत तक फसल उगाने की जुगत जारी है। बायतु, बाड़मेर से सुखद समाचार लेकर लौटे शिरीष खरे की रिपोर्ट -

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