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/regions/rajasthan-1
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जैसलमेर में सामुदायिक भागीदारी से अनगिनत जलस्रोतों की काया पलट गई। जो जलस्रोत पहले सूखे हुए थे उंहें भी समुदाय ने अथक परिश्रम और सूझबूझ से पानीदार बना दिया। आइए देखते हैं राजस्थान के पारंपरिक जल स्रोतों और समाज की सूझ-बूझ की कुछ झलकियां
नागौर। वर्षा जल के संरक्षण और इसके सुचारू वितरण की मिसाल देखनी हो नागौर के निकट बासनी बेहलीमा गांव में चले आइए। उम्दा प्रबंधों के चलते बासनी में तालाब सबकी प्यास बुझा रहे हैं। जिला प्रशासन भी बासनी की तर्ज पर विभिन्न गांवों में जल प्रबंधन लागू करने की सोच रहा है।
नागौर से आठ किलोमीटर दूर बसे मुस्लिम बहुल इस गांव में 22 साल पहले तत्कालीन सरपंच हाजी उस्मान की पहल पर जल संरक्षण की शुरूआत हुई। जिसके बूते गांव के 3900 परिवारों के हलक तर हो रहे हैं।