राजस्थान

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‘‘राजस्थान में भू-जल’’
Posted on 18 Jan, 2011 03:01 PM ‘‘भूजल राजस्थान की है, एक जीवित-जागरूक सी तस्वीर।
समय पर जल मरू भूमि को दो, वरना प्यासे मर जायेंगे थार के वीर।।’’

राजस्थान के प्रमुख जल विवाद
Posted on 18 Jan, 2011 02:37 PM राजस्थान क्षेत्रफल की दृष्टि से देश का सबसे बड़ा राज्य होने के साथ ही देश का सबसे बड़ा रेगिस्तानी भाग राजस्थान में ही स्थित है और पानी राज्य के हिस्से में देश का सबसे कम मात्रा में है। राज्य में कृषि व पशुपालन मूल व्यवसाय होने की वजह से यहां पानी की आवश्यकता अधिक है, क्योंकि वर्षा यहां सबसे कम होने के साथ-साथ यहां का तापमान अधिक रहता है। राज्य का 60 प्रतिशत हिस्सा रेगिस्तानी है। इन सारे हालातों के
सामुदायिक भागीदारी का बेजोड़ नमूना
Posted on 16 Jan, 2011 01:20 PM

जैसलमेर में सामुदायिक भागीदारी से अनगिनत जलस्रोतों की काया पलट गई। जो जलस्रोत पहले सूखे हुए थे उंहें भी समुदाय ने अथक परिश्रम और सूझबूझ से पानीदार बना दिया। आइए देखते हैं राजस्थान के पारंपरिक जल स्रोतों और समाज की सूझ-बूझ की कुछ झलकियां

 

water
कहीं झीलों का शहर कहीं लहरों पर घर
Posted on 17 Oct, 2010 08:51 AM सोचो कि झीलों का शहर हो, लहरों पे अपना एक घर हो..। कोई बात नहीं जो झीलों के शहर में लहरों पर अपना घर नहीं हो पाए, कुछ समय तो ऐसा अनुभव प्राप्त कर ही सकते हैं जो आपको जिंदगी भर याद रहे। कहीं झीलों में तैरते घर तो कहीं, उसमें बोटिंग का रोमांचक आनन्द। कहीं झील किनारे बैठकर या वोटिंग करते हुए डॉलफिन मछली की करतबों का आनन्द तो कहीं धार्मिक आस्थाओं में सराबोर किस्से। ऐसी अनेक झीलें हैं हमारे देश में जिनमें से 10 महत्वपूर्ण झीलों पर एक रिपोर्ट।

डल लेक

जहां लहरों पर दिखते हैं घर


डल लेक का तो नाम ही काफी है। देश की सबसे अधिक लोकप्रिय इस लेक को प्राकृतिक खूबसूरती के लिए तो दुनियाभर में जाना ही जाता है, यह लोगों की आस्था से भी जुड़ी हुई है। कहा जाता है कि प्राचीन काल में इस लेक के किनारे देवी दुर्गा की निवास स्थली थी और इस स्थली का नाम था सुरेश्वरी। लेकिन यह झील ज्यादा लोकप्रिय हुई अपने प्राकृतिक और भौगोलिक
पुष्कर लेक
पाकिस्तान और पानी से घिरा सरहद का आखिरी गांव
Posted on 16 Oct, 2010 08:50 AM
भारत-पाकिस्तान सरहद पर स्थित श्रीगंगानगर जिले की अनूपगढ़ तहसील का सीमावर्ती क्षेत्र इन दिनों घग्घर के पानी से घिरा हुआ है। करीब ढाई माह से यहां पसरे पानी ने जहां अंतिम छोर पर बसे बिंजौर गांव को चारों ओर से घिर रखा है, वहीं यहां तैनात बीएसएफ के जवानों की हालत बदतर है। गांव के सभी रास्ते बंद हो चुके हैं और ग्रामीण कड़ाहे के सहारे आ-जा रहे हैं। सेना के जवान भी निरंतर बोट के सहारे और पानी में
जैविक खेतीः सफलता की कहानी किसानों की जुबानी
Posted on 11 Oct, 2010 09:58 AM
एक बहुत पुराना नुस्खा है, जब समस्या बहुत बढ़ जाए तो मूल की ओर लौटो। आज देश में किसानों के आत्महत्या की बढ़ती घटनाओं ने साफ कर दिया है कि अब व़क्त मूल की ओर लौटने का है। इसका अर्थ यह है कि खेती तब भी होती थी, जब रासायनिक खाद और ज़हरीले कीटनाशक उपलब्ध नहीं थे। तब गोबर किसानों के लिए बेहतर खाद का काम करता था। नीम और हल्दी उनके लिए प्रभावी कीटनाशक थी, लेकिन बदलते व़क्त के साथ जैसे-जैसे रासायनिक खाद
जल संरक्षण की अनूठी मिसाल
Posted on 21 Sep, 2010 02:53 PM

नागौर। वर्षा जल के संरक्षण और इसके सुचारू वितरण की मिसाल देखनी हो नागौर के निकट बासनी बेहलीमा गांव में चले आइए। उम्दा प्रबंधों के चलते बासनी में तालाब सबकी प्यास बुझा रहे हैं। जिला प्रशासन भी बासनी की तर्ज पर विभिन्न गांवों में जल प्रबंधन लागू करने की सोच रहा है।

नागौर से आठ किलोमीटर दूर बसे मुस्लिम बहुल इस गांव में 22 साल पहले तत्कालीन सरपंच हाजी उस्मान की पहल पर जल संरक्षण की शुरूआत हुई। जिसके बूते गांव के 3900 परिवारों के हलक तर हो रहे हैं।

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