संगोष्ठी की तिथिः 10-12 सितम्बर 2009संगोष्ठी का स्थान: तरुण भारत संघ
तरुण आश्रम,
भीकमपुरा, थानागाजी, अलवर, राजस्थान
18 अगस्त 2009 को प्रधानमंत्री डा. मनमोहन सिंह ने पर्यावरण एवं वन मंत्रियों के राष्ट्रीय सम्मेलन को संबोधित किया और कहा कि ... हमारे देश को नदियों के उपहार से नवाजा गया है जो हमारे इतिहास, धार्मिक मान्यताओं, हमारी संस्कृति और सभ्यता से अभिन्न रूप से जुड़ी हुई हैं। यह बहुत चिंता की बात है कि हम इस महत्वपूर्ण प्राकृतिक विरासत के विनाश को रोक नहीं पाए हैं। अब हमने एक अलग दृष्टिकोण अपनाने का फैसला लिया है कि शहरों को नहीं बल्कि पूरी नदी को इकाई मानकर नियोजन करने की जरूरत है। इस दृष्टिकोण का उद्देश्य केवल नदियों के प्रदूषण को रोकना भर नहीं है बल्कि नदी के जलग्रहण क्षेत्र, प्लडप्लेन की सुरक्षा, नदी के पर्यावरणीय प्रवाह और पारिस्थितिकी तंत्र की बहाली सुनिश्चित करना है ... '
प्रधानमंत्री जी के इन शब्दों से लगता हैं कि अब समय आ गया है कि हमें सभी छोटी बड़ी नदियों के बारे में सोचना है। प्राकृतिक संसाधनों के विकास से अलग होकर अर्थव्यवस्था का विकास नहीं किया जा सकता।
हम‘नदी बहाली’ पर एक संगोष्ठी का आयोजन कर रहे हैं। देश की छोटी और बड़ी नदियों की बहाली के लिए भविष्य की रणनीति तय करने के लिए यह एक प्रयास है। इस संगोष्ठी में देश के सभी भागों से सामाजिक कार्यकर्ताओं, जल विशेषज्ञों द्वारा भाग लिया जाएगा।आप सभी इस संगोष्ठी में सादर आमंत्रित हैं-
अधिक जानकारी के लिए संलग्नक डाउनलोड करें
राजेन्द्र सिंह,
तरुण भारत संघ,
भीकमपुरा (राजस्थान)
तरुण आश्रम,
भीकमपुरा, थानागाजी, अलवर, राजस्थान
18 अगस्त 2009 को प्रधानमंत्री डा. मनमोहन सिंह ने पर्यावरण एवं वन मंत्रियों के राष्ट्रीय सम्मेलन को संबोधित किया और कहा कि ... हमारे देश को नदियों के उपहार से नवाजा गया है जो हमारे इतिहास, धार्मिक मान्यताओं, हमारी संस्कृति और सभ्यता से अभिन्न रूप से जुड़ी हुई हैं। यह बहुत चिंता की बात है कि हम इस महत्वपूर्ण प्राकृतिक विरासत के विनाश को रोक नहीं पाए हैं। अब हमने एक अलग दृष्टिकोण अपनाने का फैसला लिया है कि शहरों को नहीं बल्कि पूरी नदी को इकाई मानकर नियोजन करने की जरूरत है। इस दृष्टिकोण का उद्देश्य केवल नदियों के प्रदूषण को रोकना भर नहीं है बल्कि नदी के जलग्रहण क्षेत्र, प्लडप्लेन की सुरक्षा, नदी के पर्यावरणीय प्रवाह और पारिस्थितिकी तंत्र की बहाली सुनिश्चित करना है ... '
प्रधानमंत्री जी के इन शब्दों से लगता हैं कि अब समय आ गया है कि हमें सभी छोटी बड़ी नदियों के बारे में सोचना है। प्राकृतिक संसाधनों के विकास से अलग होकर अर्थव्यवस्था का विकास नहीं किया जा सकता।
हम‘नदी बहाली’ पर एक संगोष्ठी का आयोजन कर रहे हैं। देश की छोटी और बड़ी नदियों की बहाली के लिए भविष्य की रणनीति तय करने के लिए यह एक प्रयास है। इस संगोष्ठी में देश के सभी भागों से सामाजिक कार्यकर्ताओं, जल विशेषज्ञों द्वारा भाग लिया जाएगा।आप सभी इस संगोष्ठी में सादर आमंत्रित हैं-
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राजेन्द्र सिंह,
तरुण भारत संघ,
भीकमपुरा (राजस्थान)
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