राजस्थान

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मर्ज बांटती आयड
Posted on 22 Jun, 2009 09:19 AM
उदयपुर। शहर के मध्य से गुजरती आयड नदी के दोनों किनारों से सौ-सौ मीटर तक का भूमिगत जल मानव स्वास्थ्य के लिए हर दृष्टि से हानिकारक साबित हो चुका है। नदी में लगातार बहते गंदे नालों के कारण ही प्रदूषण की यह सौगात मिली है।

हालांकि जिम्मेदार विभागों ने तो कभी नदी क्षेत्र का जल शीशी में भरकर प्रयोगशाला नहीं भेजा, लेकिन बायोटेक्नोलॉजी विभागाध्यक्ष डा. जी. एस. देवडा व डा. श्वेता शर्मा के निर्देशन में विद्यार्थियों ने अपने शोध में साफ कर दिया कि आयड नदी क्षेत्र का भूमिगत जल किसी भी सूरत में मानव के पीने योग्य नहीं है। इस पानी में विभिन्न बीमारियां फैलाने वाले जीवाणु भी बहुतायत में है। डा. देवडा ने बताया कि विश्व स्वास्थ्य संगठन के मानक से की गई तुलना में सामने आया कि आयड नदी क्षेत्र का पानी अत्यधिक कठोर और क्षारीय है।
वाटर ट्रेन
Posted on 18 Jun, 2009 02:12 PM जोधपुर. पेयजल संकट से जूझ रहे पाली जिले के लिए शुक्रवार से वाटर ट्रेन शुरू हो रही है। 65 वैगन की वाटर ट्रेन प्रतिदिन दो फेरे करेगी। इस से ट्रेन से हर रोज 27 लाख लीटर पानी पाली पहुंचेगा।
मटका फिल्टर करेगा पानी साफ
Posted on 26 Apr, 2009 08:25 PM

चूरू । पीने के पानी में आसानी से नजर नहीं आने वाले हानिकारक तत्वों को बिना किसी खास मेहनत और नाममात्र खर्च पर दूर किया जा सकता है।बात भले ही गले नहीं उतर रही हो मगर कृषि विज्ञान केन्द्र (केवीके), सरदारशहर के गृह विज्ञान विभाग ने ऎसा तरीका खोज निकाला है।

राजस्थान, पाली में भी आर्सेनिक
Posted on 06 Apr, 2009 03:32 PM फ़ेंकारिया गाँव के महावीर सिंह सुकरलाई एक कम पढ़े-लिखे किसान हैं और उन्होंने विज्ञान की कोई पढ़ाई नहीं की है, लेकिन वे इतने सक्षम हो चुके हैं कि 300 व्यक्तियों की भीड़ को सहज रूप से सम्बोधित करते हुए पानी में मौजूद आर्सेनिक और ज़िंक की जाँच के नतीजे बता सकते हैं। गहरे कुंए से निकले हुए पानी के नमूने की जाँच करके वे बता सकते हैं कि पानी मनुष्यों के पीने लायक है या नहीं। फ़ेंकारिया गाँव, राजस्थान के
प्रोजेक्ट ऑफिसर
Posted on 02 Apr, 2009 09:07 AM

जल भागीरथी फाउंडेशन



स्थान- राजस्थान

अंतिम तिथि- अप्रैल-10

प्रोजेक्ट एरिया- राजस्थान के बाड़मेर, अजमेर और पाली जिले

जल भागीरथी फाउंडेशन में पानी के क्षेत्र में फील्ड अनुभवी और कुशल व्यक्तियों से आवेदन आमंत्रित हैं।

ईमेल से आवेदन करने के लिए पता -
HR@jalbhagirathi.org
सात हजार गांवों पर अकाल का साया
Posted on 15 Mar, 2009 07:45 PM
जयपुर/ नई दुनिया। राजस्थान में इस साल 7372 गांवों पर अकाल का साया मंडरा रहा है। इन गांवों में सरकार शीघ्र ही राहत कार्य शुरु करने जा रही है। सरकार ने इसके साथ ही अकाल ग्रस्त इलाकों में पीने के पानी, रोजगार और पशुओं के लिए चारे की व्यवस्था करने के निर्देश दिए हैं। जिन जिलों में अकाल की छाया मंडरा रही है, वें हैं जोधपुर, जैसलमेर, बाड़मेंर, सिरोही, पाली, जालौर, अजमेर, भीलवाड़ा, उदयपुर, नागौर, र
17 वीं सदी का ‘रहट’
Posted on 15 Mar, 2009 12:18 PM
भास्कर न्यूज/ March 15, 2009
जयपुर. आमेर महल स्थित मानसिंह महल के पूर्व दिशा में लगे पानी के पुराने सिस्टम को आप चित्र में देख रहे होंगे। सवाल है कि कई सौ फुट नीचे मावठा से पानी आखिर ऊपर कैसे पहुंचता था।

ऐसे पहुंचता था पानी
गुर्दे पर भारी मेवाड़ का पानी
Posted on 13 Mar, 2009 01:06 PM भास्कर न्यूज/ मेवाड़ क्षेत्र का भारी पानी गुर्दे में पथरी का अहम कारण है। वर्ष 2001 में जहां डायलेसिस पर लिए गुर्दा रोगियों की संख्या 870 थी वह वर्ष 2007 में यह बढ़कर 906 पहुंच गई थी। चालू वित्तीय वर्ष में अब तक 1520 रोगी डायलेसिस पर लिए जा चुके है। अब तक के रोगियों की रिपोर्ट में मधुमेह के कारण गुर्दा खराब होना ज्यादा जाहिर हुआ है।
चूरू का पानी
Posted on 10 Mar, 2009 07:39 AM विश्व भू-जल दिवस आज
भू-जल का अत्यधिक दोहन व पानी बचाने के प्रति जागरूकता के अभाव के कारण जिले का भू-जल स्तर रसातल में जा चुका है। स्थिति ये है कि भू-जल स्तर के लगातार गिरने से पीने योग्य पानी रासायनिक गुणवत्ता की कसौटी पर खरा नहीं उतर रहा है। बरसात के पानी की बूंद-बूंद नहीं बचाई गई तो वो दिन दूर नहीं जब जिलेवासी पीने के पानी के लिए दर-दर भटकने को मजबूर हो जाएंगे।
मंडावा की सूखी होली
Posted on 09 Mar, 2009 12:53 PM भास्कर न्यूज/ महिपाल मील/March 09,09/
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