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राजस्थान
राजस्थान राज्य जल नीति 2010
Posted on 15 Apr, 2010 12:16 PM
राजस्थान की जल नीति को 15 फरवरी 2010 को कैबिनेट सब-कमेटी ने प्रदेश की पहली जल नीति के रूप में मंजूरी दे दी है।
राज्य जल नीति के उद्देश्य हैं: सस्टेनेबल आधार पर नदी बेसिन और उप बेसिन को इकाई के रूप में लेते हुए जल संसाधनों की योजना, विकास और प्रबंधन को एकीकृत और बहुक्षेत्रीय दृष्टिकोण अपनाना, और सतही और उपसतही जल के लिये एकात्मक दृष्टिकोण अपनाना। नीति में पानी की पहली प्राथमिकता पेयजल,
जल जागरूकता बढ़ाने के प्रयास
Posted on 31 Dec, 2009 08:02 PMउदयपुर जिले में जल बिरादरी की ताकत बढ़ रही है। यहां के 80 गांव उदयपुर आधारित एक गैर सरकारी संगठन `झील संरक्षण समिति´ (जेएसएस) के साथ जुड़ गए हैं और ये वर्षाजल प्रबंधन को लेकर लोगों में जागरूता बढ़ाने के प्रयास कर रहे हैं।चित्तौड़ की जल परम्परा
Posted on 31 Dec, 2009 07:35 PMसच पूछो तो राजस्थान की भौगोलिक परिस्थिति ने यहां के जनमानस को सैकड़ों साल पहले से ही यह सिखा दिया था कि अगर पानी का पुख्ता प्रबंध करना है तो इसके लिए वर्षा जल संग्रहण से बेहतर कोई उपाय नहीं हैं। और इसी सोच से इस पूरे इलाके में वर्षा जल संग्रहण की नायाब व्यवस्थाएं बनीं।
जेथू सिंह भट्टी
Posted on 31 Dec, 2009 07:18 PMऐसा लगता है कि अभी हमने राजस्थान में पारंपरिक वर्षाजल संग्रहण व्यवस्था का ऊपरी खजाना ही तलाशा है, क्योंकि यहां ऐसी अनेक व्यवस्थाएं मौजूद हैं, जिनकी अभी भी खोज करनी बाकी है। और इन्हीं में एक है ‘पार’ व्यवस्था, जिसे ‘थार इंटीग्रेटेड डेवलेपमेंट सोसायटी’ (टीआईएसडीएस) के महासचिव जेथू सिंह भट्टी ने जैसलमेर जिले के मनपिया गांव में पुनर्जीवित किया। इसके लिए उन्हें सीएसई से वित्तीय सहयोग प्राप्त हुआ है।वर्षा जल संग्रहण : एक मूल्यांकन
Posted on 31 Dec, 2009 06:46 PMलगातार तीन वर्षों के अकाल के बावजूद राजस्थान के उदयपुर जिले में जिन गाँवों ने वर्षा जल संग्रहण के ढांचे बनाए थे उनकी स्थिति उतनी बुरी नहीं थी। जिले में ग्रामीण विकास के लिए कार्यरत एक गैर सरकारी संगठन, सेवा मंदिर, 1987 से समुदाय आधारित जल संग्रहण एवं प्रबंधन को प्रोत्साहित कर रही है। संस्था के सहयोग से जिले के विभिन्न गांवों में लोगों ने अब तक 29 एनिकट (छोटे डैम) बनाए हैं। एनिकट निर्माण कार्यक्
बंशी बैरवा
Posted on 31 Dec, 2009 05:46 PMप्रयास केंद्र संस्था, हरसौली, वाया दूदू, जिला: जयपुर, राजस्थान -303 008 बंशी बैरवा एक गरीब हरिजन परिवार से है, जिन्होंने अपनी सीमित पढ़ाई की और उसके बाद वे राजस्थान के सबसे अभावग्रस्त पंचायत समिति दूदू विकास खंड में पिछले 12 वर्षों से जल एवं मिट्टी संरक्षण और चारागाह विकास के काम में जुटे हुए हैं। इन्होंने अपने क्षेत्र में जन भागीदारी से प्राकृतिक संसाधनों के संरक्षण की एक अहम भूमिका निभाई है और लकैसा जमाना आया, पानी बिक रहा है
Posted on 23 Dec, 2009 09:45 AM-दिलीप बीदावत
पानी कितना अमूल्य धरोहर है, यह बात तो मरू वासियों के जहन में सदियों से बैठी हुई है। लेकिन अपनी प्यास बुझाने के लिये पानी का भारी मूल्य चुकाना पड़ेगा, यह कभी यहां के लोगों ने सोचा नहीं था। पानी की एक-एक बूंद के लिये मोहताज थार के रेगिस्तान में पानी के करोड़ों के कारोबार का कथन अविश्वसनीय लग सकता है, किंतु यह बात सत्य है।