नैनीताल जिला

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नैनीतालः बिना ताल बेसुर बेताल
Posted on 11 Aug, 2015 10:46 AM नैनीताल को ढूँढ निकालने वाले बैरन महोदय ने नैनीताल की तीन कारणों से प्रशंसा की थी- स्वच्छ साफ पानी की झील, वन-पशु और नैसर्गिक सौन्दर्य, समय पलट गया। चीनापीक टूट कर गिरा तो ‘फ्लैट्स’ बन गया। विश्वयुद्ध छिड़ा, ज्ञानी-ध्यानी कहते हैं कि इस कारण यहाँ अपने बच्चों के लिये स्कूल अंग्रेजों ने खोले, सेण्ट जोसेफ, शेरवुड, सेण्ट मेरीज, आल सेण्ट्स आज भी चल रहे हैं। फ्लेण
कलियुग की काशीः उत्तरकाशी
Posted on 10 Aug, 2015 01:35 PM झील की कुछ अन्य विशेषता यहाँ पाई जाने वाली एक विशेष मछली ट्राउट (
पहले महाकाली परियोजना को समझ लीजिये
Posted on 10 Aug, 2015 12:00 PM हिमालयी नदियों को बाँधकर पानी जमा करने के ये प्रयास न केवल पहाड़ के
मूलभूत आवश्यकाताओं पर आधारित हो पहाड़ की विकास नीति
Posted on 10 Aug, 2015 11:25 AM उत्तराखण्ड का रास्ता आज के उत्तराखण्ड को लेकर ‘नेति-नेति’ की भंगिमा
विकास का वर्तमान स्वरूप बदलना होगा
Posted on 10 Aug, 2015 10:46 AM

मजदूर नेताओं के अनुसार उक्त तथ्यों के आधार पर यह निर्विवाद है कि इस काण्ड में लगभग एक करोड़ रू

सर्वेक्षणः पर्वतीय पैदावार
Posted on 10 Aug, 2015 10:07 AM

पर्वतीय फसली पैदावार की प्रगति को ध्यान में रखते हुए ओखलकांडा विकास खण्ड के अन्तर्गत बेहोश चौग

वनवासियों को उजाड़कर नहीं बचेंगे वन
Posted on 07 Aug, 2015 04:10 PM

आजादी के बाद तो ऐसे वनों का क्षेत्रफल सरकार तेजी से बढ़ाती गई। ऐसे वन क्षेत्र वनों को बचाने के

ग्रामीणों! गाँव खाली करो कि जानवर आते हैं
Posted on 07 Aug, 2015 03:51 PM

वन नीतियों का अनुसरण कर हमारी सरकारों द्वारा भी उत्तराखण्ड में जनता को वनों से बेदखल कर राष्ट्र

चलक 99 : अलकनन्दा के पानी में घुले थे तबाही के निशान
Posted on 03 Aug, 2015 01:49 PM अट्ठाइस मार्च की देर रात आये भूकम्प का झटका महसूस करने और टेलीफोन से अन्यत्र हुई तबाही के अधूरे समाचार मिलने के बाद हम लोग (मैं, ‘पहाड़’ के शेखर पाठक, बीबीसी संवाददाता महेश पाण्डे व संस्कृतिकर्मी प्रेम ‘पिरम’) साढे नौ बजे नैनीताल से गोपेश्वर के लिये रवाना हुए। नैनीताल में सैकड़ों भयातुर लोगों ने फ्लैट्स पर रात गुजारी थी तो अल्मोड़ा में पुलिस-प्रशासन ने लोगो
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