पूरन बिष्ट
पूरन बिष्ट
चलक 99 : अलकनन्दा के पानी में घुले थे तबाही के निशान
Posted on 03 Aug, 2015 01:49 PMअट्ठाइस मार्च की देर रात आये भूकम्प का झटका महसूस करने और टेलीफोन से अन्यत्र हुई तबाही के अधूरे समाचार मिलने के बाद हम लोग (मैं, ‘पहाड़’ के शेखर पाठक, बीबीसी संवाददाता महेश पाण्डे व संस्कृतिकर्मी प्रेम ‘पिरम’) साढे नौ बजे नैनीताल से गोपेश्वर के लिये रवाना हुए। नैनीताल में सैकड़ों भयातुर लोगों ने फ्लैट्स पर रात गुजारी थी तो अल्मोड़ा में पुलिस-प्रशासन ने लोगो![](/sites/default/files/styles/featured_articles/public/hwp-images/20140695266_f571a65528_3.jpg?itok=8lyxXT3U)