Posted on 18 Jun, 2016 03:40 PM उत्तर प्रदेश सरकार ने सौ बड़े तालाबों को एक-साथ उड़ाही के लिये चयनित किये। पचास तालाबों का चयन महोबा से किया गया। अट्ठारह तालाबों का बांदा से किया गया। शेष 32 तालाबों का चयन बुन्देलखण्ड के अन्य जिलों से किया गया। महोबा के चरखारी के पाँच से ज्यादा तालाबों की उड़ाही बहुत सुन्दर तरीके से की गई। महोबा के लगभग सभी जगह की रिपोर्टें बताती हैं कि लगभग हर जगह अच्छी तरह उड़ाही की गई है और उनमें पानी आने-जाने के रास्तों पर भी काम किया गया है। उत्तर प्रदेश के बुन्देलखण्ड क्षेत्र में लगभग हर गाँव में औसतन 4-5 तालाब हैं। पूरे बुन्देलखण्ड में पचास हजार से ज्यादा तालाब फैले हुए हैं। चन्देल-बुन्देला राजाओं और गौड़ राजाओं के साथ ही समाज के बनाए तालाब ही बुन्देला धरती की जीवनरेखा रहे हैं। और ज्यादातर बड़े तालाबों की उम्र 400-1000 साल हो चुकी है।
उम्र का एक लम्बा पड़ाव पार कर चुके तालाब अब हमारी उपेक्षा और बदनीयती के शिकार हैं। तालाबों को कब्जेदारी-पट्टेदारी से खतरा तो है ही, पर सबसे बड़ा घाव तो हमारी उदासीनता का है। हमने जाना ही नहीं कि कब आगोर से तालाबों में पानी आने के रास्ते बन्द हो गए और कब हमारी उपेक्षा की गाद ने तालाबों को पूर दिया। इन सबके बावजूद 15 से 50 पीढ़ी तक इन्होंने बुन्देलखण्ड को पानी पिलाया है और आने वाली पीढ़ियों को भी पानी पिलाते रहेंगे, अगर अच्छे मन से तालाबों पर काम करते जाएँ। तो बुन्देलखण्ड के खुशियों के सागर कभी हमारा साथ न छोड़ेंगे।
Posted on 07 Jun, 2016 12:43 PMमुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा कि कमिश्नर व जिलाधिकारी तालाबों से अवैध कब्जे हटवाएँ। इसमें कोताही नहीं होनी चाहिए। हम पानी पर कोई राजनीति नहीं कर रहे। शनिवार को चरखारी में आठ तालाबों का लोकार्पण व जय सागर के कुएँ में सोलर पम्प का शुभारम्भ करने पहुँचे मुख्यमंत्री ने तालाबों की खोदाई की प्रशंसा की। उन्होंने कई बार अधीक्षण अभियन्ता विनय कुमार श्रीवास्तव का नाम लेकर कहा कि उन्होंने उनके भरोसे को कायम
Posted on 21 May, 2016 10:02 AM पानी संचयन का 8वीं शताब्दी से चला आ रहा परम्परागत तरीका आज भी कारगर चन्देल शासकों ने बनवाए थे 4000 तालाब, कुछ आज भी मौजूद
Posted on 17 May, 2016 03:56 PM लगातार दो साल मानसून कमजोर रहने के कारण देश के 13 राज्यों में भयंकर सूखा पड़ा है। 313 जिले और 1,58,205 गाँव बुरी तरह से सूखे से प्रभावित हैं इस तरह देश की 25 प्रतिशत से अधिक सूखे की चपेट में है। यूपी के बुन्देलखण्ड और महाराष्ट्र के मराठवाड़ा सहित कई इलाके ऐसे हैं जहाँ पेयजल का गम्भीर संकट है।