महाराष्ट्र

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जेंडर,वाटर एंड इक्विटी ट्रेनिंग
Posted on 24 Apr, 2009 03:08 PM जेंडर,वाटर एंड इक्विटी ट्रेनिंग 27 अप्रैल से 1 मई, 2009 तक आईसीएसएसआर, मुंबई में आयोजित होगी. यह कार्यक्रम संयुक्त रूप से टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंसेज (टिस्स) मुंबई, साउथ एशियन कंसोर्टियम फॉर इंटरडिशिप्लिनरी वाटर रिसोर्स स्टडीज हैदराबाद, सोसायटी फॉर प्रोमोटिंग पार्टिसिपेटरी इकोसिस्टम मैनेजमेंट पुणे और जेंडर एंड वाटर एलाइंस द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित किया जाता है.
मुम्बई में नल कनेक्शन? सन् 2011 तक रुकना पड़ेगा…
Posted on 31 Mar, 2009 07:25 AM जिन व्यक्तियों ने मुम्बई में तैयार होने वाली नई गगनचुम्बी इमारतों में रहने हेतु भारी मात्रा में पैसा निवेश किया है, उन्हें अब अपना सपना पूरा करने में देरी होने वाली है। वृहन्मुम्बई महानगरपालिका ने यह निर्णय किया है कि नई निर्माणाधीन इमारतों को नल/पानी का कनेक्शन उसी वक्त दिया जा सकेगा जब ठाणे जिले की वैतरणा नदी से मुम्बई को अतिरिक्त पानी ना मिलने लगे, और यह सन् 2011 से पहले सम्भव नहीं होगा। इसी प्
वर्षा जल संरक्षण का एक अभिनव प्रयोग
Posted on 28 Feb, 2009 01:57 PM -दिल्ली ब्यूरो भारतीय पक्ष
जल संरक्षण हमारी सामाजिक जिम्मेदारी है - संजय देशपांडे
Posted on 28 Feb, 2009 01:20 PM
डी.एस. कुलकर्णी समूह के सह प्रबंध निदेशक श्री संजय देशपाण्डे से भारतीय पक्ष ने वर्षा जल संरक्षण को लेकर उनकी भावी योजनाओं और दृष्टि के बारे में बातचीत की। प्रस्तुत हैं बातचीत के मुख्य अंश-

प्रश्न : आपको अपार्टमेंट में जल संरक्षण तंत्र लगाने की प्रेरणा कहां से मिली? यह केवल एक व्यावसायिक नीति का परिणाम है या इसमें कुछ सामाजिक सोच भी है?

उत्तर : जल संरक्षण आज के समय की सबसे बड़ी जरूरत है। यह केवल व्यावसायिक नीति नहीं, बल्कि प्रत्येक व्यक्ति की सामाजिक जिम्मेदारी भी है। देश के अनेक भागों में पानी की बढ़ती मांग और घटती उपलब्धता एक बड़ी समस्या बन चुकी है। मैं स्वयं महाराष्ट्र
भारत का जल संसाधन
Posted on 25 Feb, 2009 10:05 AM

संपादक- मिथिलेश वामनकर/ विजय मित्रा

Rainwater harvesting natural method
नर्मदा की सहायक नदियां
Posted on 18 Jan, 2009 08:20 AM

नर्मदा नदी शहडोल जिले के अमरकंटक (22.40श् उ0, 80*45श् पू0) से 1051 मीटर की ऊंचाई से निकलकर भडोच (21*43श् उ0, 72*57श् पू0) के निकट खंभात की खाडी में गिरती है । इसकी कुल लम्बाई 1312 कि0मी0 है । यह 1077 कि0मी0 तक मध्यप्रदेश के शहडोल, मण्डला, जबलपुर, नरसिंहपुर, होशंगाबाद, खण्डवा तथा खरगोन जिलों से होकर बहती है । इसके बाद 74 कि0मी0 तक महाराष्ट्र को स्पर्श करती हुई बहती है, जिसमें 34 कि0मी0 तक मध्यप्

नर्मदा की सहायक नदियां
रिलायंस एनर्जी, दहानु, महाराष्ट्र; समुदाय आधारित जल संरक्षण प्रबंधन
Posted on 08 Oct, 2008 07:44 PM रिलायंस एनर्जी के कोयला आधारित दहानु ताप विद्युत स्टेशन (डीटीपीएस)से मुंबई में बिजली की आपूर्ति की जाती है। दहानु अरब सागर से लगा हुआ आदिवासी बहुल क्षेत्र है। 185 गांवों वाले इस इलाके की आबादी ३ लाख से अधिक है। इस इलाके में बारिश खूब होती है लेकिन उसे इकट्ठा करने की सुविधाओं की कमी है। समुद्र तटीय इलाका होने के कारण यहां के लोग खारे पानी से जुड़ी हुई समस्याओं से भी जूझते रहते हैं। कंपनी ने रोटरी क
जल संरक्षण और अपशिष्ट जल प्रबंधन के कारपोरेटी प्रयास
Posted on 08 Oct, 2008 07:32 PM चूंकि कंपनियां पानी की सबसे बड़ी उपयोगकर्ता और उत्सर्जक हैं। ऐसे में भारत में पानी और सफ़ाई की स्थिति में कंपनियों की निर्णायक भूमिका है। खासतौर इस समय की तेज़ी से बढ़ती अर्थव्यवस्था और औद्योगिक विकास के संदर्भ में इस पक्ष का महत्व और बढ़ गया है। कंपनियों की गतिविधियों का पर्यावरण और संसाधनों पर पड़ रहे असर की आलोचनात्मक परख के साथ-साथ यह भी ज़रूरी है कि पर्यावरण के नज़रिए से कंपनियों के ज़िम्मेदा
जी उठा गांव
Posted on 06 Oct, 2008 09:46 AM

अपर्णा पल्लवी

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