मध्य प्रदेश

Term Path Alias

/regions/madhya-pradesh-1

भ्रष्टाचार का बांध
Posted on 25 Aug, 2010 12:36 PM ‘‘सबसे पहले यह समझना होगा कि भ्रष्टाचार का कारण न व्यक्ति है, न विकास है। अगर विकास के ढांचे में भ्रष्टाचार का बढ़ना अनिवार्य है तो वह फिर विकास ही नहीं है।‘‘ किशन पटनायक

सरदार सरोवर बांध के विस्थापितों को दिए गए विशेष पुनर्वास पैकेज के अन्तर्गत हुए फर्जी रजिस्ट्री कांड की जांच कर रहे न्यायमूर्ति (अवकाशप्राप्त) एस.एस.झा आयोग के सम्मुख गवाही के लिए आ रहे सैकड़ों दलितों और आदिवासियों के साथ हुई धोखाधड़ी के प्रमाण देखकर रोंगटे खड़े हो जाते हैं। नर्मदा घाटी विकास प्राधिकरण ने स्वीकार किया है कि उसने तकरीबन 2902 व्यक्तियों को यह पैकेज स्वीकृत किया है। इसमें से 1486 व्यक्तियों को एक किश्त का ही भुगतान हुआ है अर्थात उन्होंने अभी तक जमीन नहीं खरीदी है। इसके बावजूद रजिस्ट्रियों की संख्या 3800 का आंकड़ा पार कर चुकी है। गौरतलब है कि इस विशेष
भोपाल ताल
Posted on 02 Aug, 2010 04:01 PM


तटबंध: भोपाल में अभी तक मौजूद 11वीं सदी के तटबंध का कुछ भाग, मध्यकालीन कौशल का अद्भुत उदाहरण राजा भोज द्वारा बनवाया ताल दो पहाड़ियों के बीच तटबंध से बना था। इसमें 365 स्रोतों से पानी आता था।भोपाल ताल का निर्माण राजा भोज ने करवाया था। परमार वंश के इस राजा ने 1010 से 1055 ई. तक राज किया। राजा भोज ने जो ताल बनवाया था वह काफी विशाल रहा होगा। आज भी यह छोटे आकार में मौजूद है।

Bhopal tal
फ्लोराइड का जहर बच्‍चों में विकलांगता
Posted on 02 Aug, 2010 08:34 AM ग्राम बाकोड़ी में हैंडपंप से निकले पानी की किसी ने जांच नहीं की और
सरकार ही प्रदूषित कर रही है नर्मदा
Posted on 28 Jul, 2010 03:24 PM
धार्मिक दृष्टि से अति पवित्र और प्रदेश की जीवन रेखा कही जाने वाली नर्मदा नदी को प्रदूषण मुक्त करने के लिए भारत सरकार ने मध्य प्रदेश को 15 करोड़ रुपयों की सहायता दी है। इसके अलावा राज्य सरकार भी नर्मदा जल को प्रदूषण से बचाने के लिए कई प्रकार के खर्चीले उपाय कर रही है, लेकिन इस सबके बाद भी नर्मदा में जल प्रदूषण बढ़ता ही जा रहा है। कारण, सरकार स्वयं नर्मदा को गंदा कर रही है।
दीना का प्रेमवन
Posted on 24 Jul, 2010 10:14 AM


उसे यह नहीं मालूम है कि कोपेनहेगन में गरम हो रही धरती का ताप कम करने के लिये कवायद चली। उसे यह भी नहीं मालूम कि दुनिया भर से जंगल कम हो रहा है और उसे बचाने व नये सिरे से बसाने के प्रयास चल रहे हैं। उसे यह भी नहीं मालूम कि यदि जंगल बच भी गया तो उस पर कंपनियों की नज़र गड़ी है।

कुएं का पानी बना जहर
Posted on 15 Jul, 2010 10:08 AM

छतरपुर (मप्र), जनसत्ता, 14 जुलाई। उप्र से सटे छतरपुर जिले के लौंडी अनुभाग के ग्राम गोहानी में कुएं का पानी पीने से दो की मौत हो गई जबकि सौ से अधिक ग्रामीण पीड़ित हैं। गांव में स्वास्थ्य विभाग की टीम डेरा डाले हुए है और पीड़ितों का उपचार कर रही है। जबकि पीएचई विभाग ने अभी तक जहर बन चुके पानी के सेंपल तक लेना उचित नहीं समझा है।

well bundelkhand
जमीन देखने गए प्रभावितों पर अतिक्रमणकारियों का हमला
Posted on 13 Jul, 2010 12:46 PM हमले में सरकारी कर्मचारी एवं आंदोलनकारी भी घायल जमीन देखने गए प्रभावितों और एनवीडीए कर्मचारियों पर आज ग्राम रिंगनोद में अतिक्रमणकारियों ने हमला कर दिया। हमले में 7 लोग घायल हो गए हैं। आज सुबह नर्मदा घाटी विकास प्राधिकरण अलिराजपुर की 16 सीटर गाड़ी में सरदार सरोवर डूब प्रभावित ग्राम ककराना के 10 प्रभावित उन्हें सरकार द्वारा प्रस्तावित जमीन देखने के निकले थे।
अब भी वक्त है संभल जाओ
Posted on 02 Jul, 2010 04:05 PM पानी नहीं होना एक बड़ी चिंता है। गंदा पानी होना उससे भी बड़ी। यह सच है कि हम दूसरे ग्रहों पर पानी की खोजों को अंजाम दे रहे हैं, पर दूसरा बड़ा सच यह है कि हम अपने पर्यावरण और प्राकृतिक संसाधनों को बचाने की कोशिशों में नाकामयाब हो रहे हैं। अब यहीं देखिए। लगभग पांच सौ साल पुरानी झील में शहर के 27 नालों का हजारों लीटर गंदा पानी रोज मिल रहा है। इसके बावजूद हम पूरे शहर में केवल चार ऑक्सिडेंट लगाकार प्रक
चंबल के बच्चे मुसीबत में
Posted on 22 Jun, 2010 04:50 PM
वन्यजीव प्रेमियों के लिए चंबल सेंचुरी क्षेत्र से एक बड़ी खुशखबरी आई है। चंबल के किनारों पर नए मेहमानों यानी घड़ियालों के सैकड़ों बच्चों की तादात देखने को मिल रही है। देश-विदेश के वन्यजीव प्रेमियों के खुशी का पारावार नहीं है। पर दुख की बात यह है कि लापरवाही और शिकार की वजह से चंबल सेंचुरी में घड़ियालों के सैकडों बच्चों की जान मुश्किल में है।
×