मध्य प्रदेश

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पुनोबा, एक विश्वविद्यालय
Posted on 11 Feb, 2010 03:52 PM


माही नदी के किनारे बसा है गांव नरसिंहपुरा। 75 झोपड़ों की इस बस्ती में अलग फूल की एक छोटी –सी झोपड़ी है, जिसमें 60 वर्षीय आदिवासी बुजुर्ग पुना-खीमा डामर रहते हैं। पुनोबा की दिनचर्या का 80 प्रतिशत समय इलाके में प्राकृतिक रूप से पनपे जामुन, सालर, कड़वा, मोजाल, हील, कड़ेन्गी, मुणी, तमच आदि किस्म के हजारों पेड़ों की सुरक्षा में बीतता है।

mahi river
आधी करोड़पति बूंदें
Posted on 11 Feb, 2010 09:39 AM


मांडव यानी रानी रूपमती और राजा बाजबहादुर की प्रेम गाथाओं के स्मारक। जहाज महल, हिंडोला महल, तवेली महल और रूपमती महल का जर्रा-जर्रा आपको इतिहास की इस अमर प्रेम कथा को सुनाने के लिए तैयार है। रूपमती महल की छत पर खड़े होइए तो दूर, दूज के चाँद की शक्ल में नर्मदा नदी दिख जायेगी। रानी रूपमती स्नान के बाद हर रोज यहीं से तो नर्मदा मैया के दर्शन के बाद अपनी दिनचर्या शुरू करती थीं।

jahajmahal
अभिशाप या वरदान : केन- बेतवा गठजोड़
Posted on 08 Feb, 2010 11:14 AM

सेवा में,
माननीय प्रधानमंत्री महोदय, (प्रशासनिक कार्यालय)
भारत सरकार , नई दिल्ली

विषय: केन बेतवा गठजोड़ समझौता 25 अगस्त 2005 के बुंदेलखंड उप्र - मप्र विन्ध्य क्षेत्र के संदर्भ में -


महोदय,
केन बेतवा नदी को जोड़ने के लिये 25 अगस्त 2005 को एक समझौता ज्ञापन पर उत्तर प्रदेश के तत्कालीन मुख्यमंत्री माननीय मुलायम सिंह यादव, मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री बाबूलाल गौर और केन्द्रीय जल संसाधन मंत्री प्रिय रंजनदास मुंशी द्वारा आपकी उपस्थिति में हस्ताक्षर किये गये हैं। उक्त समझौता ज्ञापन के मुताबिक विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (डीपीआर)

भूजल की लूट पर अंकुश ज़रूरी
Posted on 07 Feb, 2010 09:01 AM

इन दिनों भोपाल सहित प्रदेश के कई बड़े-छोटे पेयजल संकट से जूझ रहे हैं राजधानी में एक दिन बीच जलप्रदाय हो रहा है तो कई स्थानों पर दो से लेकर छ: दिन बीच यह प्रदाय संभव हो पा रहा है। दरअसल यह स्थिति अल्पवर्षा या अवर्षा से निर्मित हुई है जिसके पीछे वहीं ग्लोबल वार्मिंग है जो देश सहित पूरे विश्व में अपना रौद्ररूप नित्यप्रति दिखा रहा है। जलसंकट की कोई भी परिस्थिति हमें भूजल पर आश्रित होने को मज़बूर कर

बूंद साहिबा और नया समाज
Posted on 03 Feb, 2010 01:12 PM

प्रकृति के विविध रूप हमारी परम्पराओं में पूजा स्थल के रूप में मान्य किए जाते रहे हैं। पर्वत, नदियां, समुद्र, वृक्ष हमारी मनौतियों को पूरा करने के साक्ष्य से लगाकर उर्जा प्रदान करने वाले स्रोतों से रूप में समाज को स्वीकार्य रहे हैं। थोड़ा और गहराई में जाएं तो हमारे संस्कार भी हर मोड़ पर प्रकृति से एकाकार होते नजर आते हैं। हाल ही के दशक में भारत की पहचान साफ्टवेयर क्रांति के नायक, अतरिक्ष में कुल

water drop
बूंद-बूंद में नर्मदे हर
Posted on 02 Feb, 2010 05:59 PM


हे नन्हीं बूंदों!
जीवन के लिए
धरा पर कुछ देर थमो
जमीन की नसों में बहो
और धरती की सूनी कोख
पानी से भर दो.....!!

Narmada
भेड़ाघाट में नर्मदा का सौंदर्य देखने उमड़ती है भीड़
Posted on 01 Feb, 2010 08:20 AM


मध्यप्रदेश के जबलपुर से नजदीक है भेड़ाघाट। वैसे तो हम बचपन से ही यहां के बारे में पढ़ते-सुनते आ रहे हैं लेकिन प्रत्यक्ष रूप से इसे देखने का संयोग हाल ही बना। यहां की मार्बल राक्स और धुआंधार दोनों ही बहुत प्रसिद्ध है।

bhedaghat
नलकूप द्वारा जल पुनर्भरण
Posted on 30 Jan, 2010 03:05 PM एस.के. कलंकार, सेंधवालगातार गिरते जा रहे भूमिगत जलस्तर के उत्थान हेतु पूरे विश्व में भरसक प्रयास किये जा रहे हैं। इनमें तालाबों का निर्माण, ग्रामीण क्षेत्रों में जलग्रहण क्षेत्र प्रबंधन कार्य एवं शहरी क्षेत्रों में छत का पानी जमीन में उतारना व सोख्ता गड्ढ़ों का निर्माण प्रमुख हैं।
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