जयपुर जिला

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धरती जतन पदयात्रा – 2012
Posted on 12 Nov, 2012 10:13 AM धरती जतन पदयात्रा, विस्तार केंद्र लापोड़िया (जयपुर) और टोंक से 24 नवंबर 2012 से शुरू होगी और 27 नवंबर 2012 को संपन्न होगी।

सारा विश्व जलवायु संकट से चिंतित है। राष्ट्रीय व अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर बड़ी-बड़ी बैठकों में विचार विमर्श किया जा रहा है। पूरी दूनिया के साथ-साथ भारत वर्ष में भी बुद्धिजीवी लोग, लोगों की जिंदगी पर आबों हवा में परिवर्तन से क्या असर पड़ा है, उसके आंकड़े एवं तथ्य एकत्रित कर रहे हैं।

लेकिन आज भी बहुत सारे लोग प्रकृति के साथ जी रहे हैं, प्रकृति संरक्षण व संवर्धन के लिये अथक प्रयत्न कर रहे हैं। उनके काम को न तो कोई देखता है और न ही प्रोत्साहन देता है, ऐसे लोग अकेले ही लगे रहते हैं। इन लोगों का आत्मविश्वास बढ़ाना, पीठ थपथपाना व दिल में आशा की जोत जगाने का कार्य धरती जतन पदयात्रा करती है।
सियासत और अदालत में कैद एक विरासत
Posted on 30 Aug, 2012 10:52 AM

जीर्णोद्धार के बाद जयपुर की मानसागर झील और जलमहल पर नए प्रदूषण का साया

मुंह में जहर का जीरा
Posted on 04 Aug, 2012 04:47 PM राजस्थान की सोना फसल जीरा अब सवालों के घेरे में है। देश में पैदा होने वाली जीरे का 40 फीसदी राजस्थान में होता है। बहुत कम पानी की फसल जीरा हाल ही में आई एक रिपोर्ट के अनुसार जहरीला होता जा रहा है। जीरे की फसल में बेरोकटोक कीटनाशकों के इस्तेमाल ने जीरे को जहरीला बना दिया है। कीटनाशकों की न्यूनतम स्वीकृत मात्रा एक पीपीएम (10 लाख में एक हिस्सा) यानी एक किलोग्राम में एक मिलीग्राम से कम होनी चाहिए।
औसत से 27 फीसदी कम बरसा है मानसून
Posted on 01 Aug, 2012 04:49 PM

राजस्थान पर अकाल का साया एक बार फिर से मंडराने लगा है। वैसे भी राजस्थान और अकाल का चोली-दामन सा नाता है। राजस्था

अक्षय ऊर्जा से उजाला
Posted on 05 Jun, 2012 10:37 AM

सौर ऊर्जा की प्रचुरता के कारण राजस्थान अब औद्योगिक विकास और निवेश की दृष्टि से अपार संभावना वाला राज्य बन चुका ह

अब नहीं लौटेंगे सारस
Posted on 11 Apr, 2012 02:05 PM

प्राकृतिक भोजन और पानी की कमी के कारण यहां आने वाले हर प्रकार के पक्षियों की तादाद में भारी कमी आई है। अब यहां आ

जल-संसाधनों से खिलवाड़ या पानी के बाजारीकरण की मनमानी?
Posted on 27 Mar, 2012 12:47 PM

राजस्थान के कई शहरों में लोगों को 24 घंटे पानी देने की तैयारी की जा रही है। मगर कहने में अच्छी लगने वाली यह योजना कार्यान्वयन के स्तर पर खामियों से भरी है।

 

कुल दो लाख 15 हजार की आबादी वाले खंडवा में कंपनी को अपना संचालन खर्च निकालने के लिए सिर्फ 174. 7 करोड़ लीटर प्रतिदिन जलापूर्ति करनी है। यानी खंडवा के हर नागरिक के हिस्से में 81 लीटर प्रतिदिन ही पानी आना है और यह सरकारी मानक 135 लीटर प्रति व्यक्ति प्रतिदिन से काफी कम है। इसी तरह, नागपुर में जल कनेक्शन शुल्क तो 300 रुपये ही रखा गया है लेकिन उसके साथ विओलिया कंपनी घर तक लाइन बिछाने, मीटर, कनेक्शन सामग्री के अलावा सड़क की खुदाई और प्लंबर का खर्च भी कनेक्शनधारियों से ही ले रही है।

खबर 24X7। बैंकिंग 24X7। पिज्जा 24X7। और अब इसी तर्ज पर राजस्थान के कई शहरों में 24 घंटे और सातों दिन पानी पिलाने का दावा किया जा रहा है। यह दावा राज्य सरकार के उस जलदाय विभाग का है जो आज तक लोगों को 24 घंटे में से बामुश्किल दो घंटे भी पानी नहीं पिला पाया। विभाग की मानें तो उसने पीपीपी यानी जन-निजी साझेदारी के जरिए 24 घंटे पानी पिलाने के लिए कमर कस ली है। मगर तहलका की पड़ताल बताती है कि विभाग ने अपनी कमर जनता का पानी कंपनियों के हाथ सौंपने के लिए कसी है। असल में राजस्थान की मरु धरा पर धाराप्रवाह पानी पिलाने की तस्वीर दिखाना कुछ और नहीं बल्कि 24 घंटे पानी पर मनमानी का रास्ता साफ करने की एक कवायद है। उन कंपनियों के लिए जिन्हें इसका ठेका मिलेगा। देश के भीतर 24 घंटे जलापूर्ति के सपने गिने-चुने शहरों में ही दिखाए गए हैं।

water tapping
गंदे पानी से बेरंग होता गुलाबी शहर
Posted on 27 Feb, 2012 12:49 PM

शहर में लगातार नीचे जाते जलस्तर के बावजूद धरती का सीना छलनी किए जाने में कोई कमी नहीं आई है। चालीस लाख की आबादी व

hawa mahal jaipur
आदिवासी क्षेत्रों के विशेषाधिकार समाप्त करने की साजिश
Posted on 12 Feb, 2012 10:56 AM

लंबे इंतजार के बाद राजस्थान में पेसा कानून को लेकर बनाए गए नियम जब सार्वजनिक हुए तो यह बात सामने आई कि इनके माध्

चूल्हे पर चढ़ता चिंकारा
Posted on 16 Jan, 2012 01:59 PM

थार में रहने वाले ग्रामीण विशेषकर बिश्नोई जाति आज भी पेड़ों और वन्यजीवों की रक्षा के प्रति ग्र

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