जयपुर जिला

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पनघटः परंपरा बिना कैसे बचे पानी
Posted on 29 Jul, 2010 11:15 AM “यह परंपरा धर्म से जुड़ती है, लोक-जीवन से जुड़ती है। पानी का दुरूपयोग न करने का
चिंता में शामिल नहीं पानी
Posted on 16 Jun, 2010 11:10 PM
मानसून के आगमन से पहले ही राजस्थान व अन्य राज्यों के कुछ इलाकों में बारिश हुई। यह पुरानी बात है कि जैसे ही बारिश शुरू होती है, लोग पानी के बारे में सोचना छोड देते हैं और भूल जाते हैं कि पानी का संकट स्थाई है। वास्तव में राजस्थान में सूखे के हालात हैं। राज्य के 33 प्यासे जिलों मेें ट्रेनों और टैंकरों से पानी की आपूर्ति हो रही है। रिपोर्ट के अनुसार, भीलवाडा और पाली जिलों में पेयजल की आपूर्ति र
राजस्थान राज्य जल नीति 2010
Posted on 15 Apr, 2010 12:16 PM


राजस्थान की जल नीति को 15 फरवरी 2010 को कैबिनेट सब-कमेटी ने प्रदेश की पहली जल नीति के रूप में मंजूरी दे दी है।

राज्य जल नीति के उद्देश्य हैं: सस्टेनेबल आधार पर नदी बेसिन और उप बेसिन को इकाई के रूप में लेते हुए जल संसाधनों की योजना, विकास और प्रबंधन को एकीकृत और बहुक्षेत्रीय दृष्टिकोण अपनाना, और सतही और उपसतही जल के लिये एकात्मक दृष्टिकोण अपनाना। नीति में पानी की पहली प्राथमिकता पेयजल,

बंशी बैरवा
Posted on 31 Dec, 2009 05:46 PM प्रयास केंद्र संस्था, हरसौली, वाया दूदू, जिला: जयपुर, राजस्थान -303 008 बंशी बैरवा एक गरीब हरिजन परिवार से है, जिन्होंने अपनी सीमित पढ़ाई की और उसके बाद वे राजस्थान के सबसे अभावग्रस्त पंचायत समिति दूदू विकास खंड में पिछले 12 वर्षों से जल एवं मिट्टी संरक्षण और चारागाह विकास के काम में जुटे हुए हैं। इन्होंने अपने क्षेत्र में जन भागीदारी से प्राकृतिक संसाधनों के संरक्षण की एक अहम भूमिका निभाई है और ल
सूखे के लिए तैयार परियोजना की अकाल मौत
Posted on 17 Oct, 2009 10:13 AM


बाड़मेर। ‘‘यह बारिश नहीं बरसेगी। कहीं और जाकर बरसेगी। शायद बाड़मेर, शायद जोधपुर, जयपुर, या उससे भी आगे दिल्ली। बारिश, फिर दगा दे गई।’’

जयपुर का पानी
Posted on 26 Jun, 2009 10:03 AM
पानी का अगला घूँट पीने से पहले थोड़ा रुकिये, क्या आप आश्वस्त हैं कि यह पानी पीने के लिये सुरक्षित है?
सात हजार गांवों पर अकाल का साया
Posted on 15 Mar, 2009 07:45 PM
जयपुर/ नई दुनिया। राजस्थान में इस साल 7372 गांवों पर अकाल का साया मंडरा रहा है। इन गांवों में सरकार शीघ्र ही राहत कार्य शुरु करने जा रही है। सरकार ने इसके साथ ही अकाल ग्रस्त इलाकों में पीने के पानी, रोजगार और पशुओं के लिए चारे की व्यवस्था करने के निर्देश दिए हैं। जिन जिलों में अकाल की छाया मंडरा रही है, वें हैं जोधपुर, जैसलमेर, बाड़मेंर, सिरोही, पाली, जालौर, अजमेर, भीलवाड़ा, उदयपुर, नागौर, र
17 वीं सदी का ‘रहट’
Posted on 15 Mar, 2009 12:18 PM
भास्कर न्यूज/ March 15, 2009
जयपुर. आमेर महल स्थित मानसिंह महल के पूर्व दिशा में लगे पानी के पुराने सिस्टम को आप चित्र में देख रहे होंगे। सवाल है कि कई सौ फुट नीचे मावठा से पानी आखिर ऊपर कैसे पहुंचता था।

ऐसे पहुंचता था पानी
लापोड़िया : बदहाल गांव से हुआ खुशहाल गांव
Posted on 02 Mar, 2009 07:03 AM

-देवकरण सैनी
जयपुर-अजमेर राजमार्ग पर दूदू से 25 किलोमीटर की दूरी पर राजस्थान के सूखाग्रस्त इलाके का एक गांव है - लापोड़िया। यह गांव ग्रामवासियों के सामुहिक प्रयास की बदौलत आशा की किरणें बिखेर रहा है। इसने अपने वर्षों से बंजर पड़े भू-भाग को तीन तालाबों (देव सागर, फूल सागर और अन्न सागर) के निर्माण से जल-संरक्षण, भूमि-संरक्षण और गौ-संरक्षण का अनूठा प्रयोग किया है।

लापोड़िया
जलधारा अभियान
Posted on 11 Nov, 2008 08:05 AM जयपुर शहर के उत्तर पश्चिम से निकल कर पश्चिम-दक्षिण होती हुई, ठूण्ड नदी से मिलने वाली, द्रव्यवती नदी, उर्फ अमानी शाह का नाला, जयपुर शहर की जीवन रेखा रही है। सर्वे आफ इंडिया द्वारा प्रकाशित सन् 1865- 66 के नक्शों में भी इस नदी को साफ तौर पर दर्शाया गया है। उसके बाद भी सर्वे आफ इंडिया द्वारा प्रकाशित नक्शों में नदी साफ तौर पर चिन्हित है। यदि नदी कहीं नहीं है, तो राजस्थान सरकार के राजस्व विभाग के रिका
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